विदिशा: व्यापारी अंकित दुबे की आत्महत्या की कोशिश के मामले की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं. दरअसल, विदिशा जिले की गंजबासौदा उप जेल में सूदखोरी के मामले खुलने लगे हैं. व्यापारी द्वारा सुसाइड की कोशिश के बाद जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा को निलंबित कर भोपाल मुख्यालय अटैच किया गया है. इस मामले में जेल प्रहरी के साथ ही अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी है. एडिशनल एसपी ने इस मामले में बयान दर्ज किए हैं.
जेल के अन्य कर्मचारी भी संदेह के घेरे में
सूत्रों के अनुसार जेल में सूदखोरी के मामले में सहायक जेल अधीक्षक आलोक भार्गव और अन्य जेल प्रहरियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है. आरोप है कि जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा ने व्यापारी अंकित दुबे को सूदखोरी के धंधे के लिए नगद और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए 63 लाख रुपए दिए थे. आरोप है कि व्यापारी अंकित दुबे ने 83 लाख 62 हजार रुपए लौटा दिए. फिर भी रामबाबू उससे 50 लाख रुपए की मांग कर रहा था. जेल में चल रहे सूदखोरी के धंधे का खुलासा होने के बाद गंजबासौदा पुलिस भी सक्रिय हुई.
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पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान किए दर्ज
इस मामले में पीड़ित व्यापारी अंकित दुबे के बयान दर्ज किए गए हैं. बता दें कि व्यापारी ने अंकित ने जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा से कथित रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण 30 दिसंबर को आत्महत्या करने की कोशिश की थी. बाद में 2 जनवरी को अंकित ने जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा के साथ ही जेल के अन्य अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे का कहना है "दोनों पक्षों द्वारा शिकायती आवेदन दिए गए हैं. पुलिस द्वारा जांच की जा रही है."