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30 हजार साल पुराना इतिहास देख सकेंगे उज्जैन में, श्रीराम से लेकर सभी युगों तक का इतिहास एक छत के नीचे - Museum in Kotihi Palace Ujjain - MUSEUM IN KOTIHI PALACE UJJAIN

इस संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्य युग व भारत भूमि पर जन्में तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, लेखकों, कलाकारों व वैज्ञानिकों का पूरा इतिहास एक छत के नीचे देखा जा सकेगा.

MUSEUM IN KOTIHI PALACE UJJAIN
30 हजार साल पुराना इतिहास देख सकेंगे उज्जैन में (ETV BHARAT GRAPHICS)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 18, 2024, 12:11 PM IST

Updated : May 18, 2024, 12:27 PM IST

वीर भारत संग्रहालय की जानकारी देते श्रीराम तिवारी (ETV BHARAT)

उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मंगल के जन्म स्थान, कर्क रेखा, संदीपनी आश्रम और न जाने कितनी वजहों से विश्व प्रसिद्ध है. ऐसे में इस धर्म नगरी के इतिहास को संजो कर रखने और उसे लोगों के बीच प्रसारित करने की अनूठी पहल की जा रही है. दरअसल, उज्जैन के 136 साल पुराने कोठी महल में अब वीर भारत संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है. यह संग्रहालय भगवान श्रीराम की 96 पीढ़ियों के साथ 30 हजार साल पुराने इतिहास के साथ-साथ युगों व पूर्व वैदिक व उत्तर वैदिक नायकों का चित्रण करेगा.

सिंहस्थ 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य

इस वीर भारत संग्रहालय को बनाने का विचार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था, जिसके बाद उज्जैन के विधायकों और मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार इसे सिंहस्थ 2028 तक पूरा किया जाना है. 136 साल पुराने कोठी महल में इस संग्रहालय को तैयार करने का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दिया गया है. वहीं संग्रहालय के लिए जरूरी रिसर्च, डिजाइन व अन्य कार्य वीर भारत न्यास संस्कृति विभाग करेगा.

जान सकेंगे 30 हजार साल पुराना इतिहास

उज्जैन के कोठी पैलेस स्थित वीर भारत संग्रहालय में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्य युग व भारत भूमि पर जन्में तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, लेखकों, कलाकारों व वैज्ञानिकों का पूरा इतिहास एक छत के नीचे देख सकेंगे. धार्मिक दृष्टि से यहां सृष्टि रचित ब्रह्मा से लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके वंशजों तक की पूरी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

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उज्जैन में होटलों को लेकर नए नियम, महाकाल दर्शन करने जा रहे हैं तो जान लें ये नियम, यात्रियों की सुरक्षा पर खासा ध्यान

ये कहना है संस्कृति विभाग का -

संग्रहालय को लेकर संस्कृति विभाग के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा वर्षों पूर्व वीर भारत न्यास की परिकल्पना की गई थी. मंत्रिमंडल द्वारा उसे स्वीकृति दी गई है. यह लगभग 12 साल पुरानी योजना है जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान में लिया. वीर भारत की योजना भाजपा के संकल्प पत्र का भी हिस्सा है. इसके तत्काल क्रियान्वयन के लिए माननीय मुख्यमंत्री ने 136 साल पुरानी हैरिटेज बिल्डिंग कोठी पैलेस का चयन किया है. मुख्यमंत्री की मंशा यह है कि यह परिसर आने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के पहले ही निर्मित हो.''

वीर भारत संग्रहालय की जानकारी देते श्रीराम तिवारी (ETV BHARAT)

उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मंगल के जन्म स्थान, कर्क रेखा, संदीपनी आश्रम और न जाने कितनी वजहों से विश्व प्रसिद्ध है. ऐसे में इस धर्म नगरी के इतिहास को संजो कर रखने और उसे लोगों के बीच प्रसारित करने की अनूठी पहल की जा रही है. दरअसल, उज्जैन के 136 साल पुराने कोठी महल में अब वीर भारत संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है. यह संग्रहालय भगवान श्रीराम की 96 पीढ़ियों के साथ 30 हजार साल पुराने इतिहास के साथ-साथ युगों व पूर्व वैदिक व उत्तर वैदिक नायकों का चित्रण करेगा.

सिंहस्थ 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य

इस वीर भारत संग्रहालय को बनाने का विचार मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किया गया था, जिसके बाद उज्जैन के विधायकों और मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार इसे सिंहस्थ 2028 तक पूरा किया जाना है. 136 साल पुराने कोठी महल में इस संग्रहालय को तैयार करने का काम उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड को दिया गया है. वहीं संग्रहालय के लिए जरूरी रिसर्च, डिजाइन व अन्य कार्य वीर भारत न्यास संस्कृति विभाग करेगा.

जान सकेंगे 30 हजार साल पुराना इतिहास

उज्जैन के कोठी पैलेस स्थित वीर भारत संग्रहालय में देश-विदेश से आने वाले पर्यटक संग्रहालय में पूर्व वैदिक, वैदिक, उत्तर वैदिक, रामायण-महाभारत काल, विक्रमादित्य युग, मध्य युग व भारत भूमि पर जन्में तेजस्वी नायकों, दार्शनिकों, ऋषियों, संतों, मनीषियों, चिंतकों, कवियों, लेखकों, कलाकारों व वैज्ञानिकों का पूरा इतिहास एक छत के नीचे देख सकेंगे. धार्मिक दृष्टि से यहां सृष्टि रचित ब्रह्मा से लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और उनके वंशजों तक की पूरी जानकारियां उपलब्ध होंगी.

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ये कहना है संस्कृति विभाग का -

संग्रहालय को लेकर संस्कृति विभाग के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कहा, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा वर्षों पूर्व वीर भारत न्यास की परिकल्पना की गई थी. मंत्रिमंडल द्वारा उसे स्वीकृति दी गई है. यह लगभग 12 साल पुरानी योजना है जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संज्ञान में लिया. वीर भारत की योजना भाजपा के संकल्प पत्र का भी हिस्सा है. इसके तत्काल क्रियान्वयन के लिए माननीय मुख्यमंत्री ने 136 साल पुरानी हैरिटेज बिल्डिंग कोठी पैलेस का चयन किया है. मुख्यमंत्री की मंशा यह है कि यह परिसर आने वाले सिंहस्थ महाकुंभ के पहले ही निर्मित हो.''

Last Updated : May 18, 2024, 12:27 PM IST
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