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यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा बोले- प्रशासन शहरों के संग अभियान में हुआ बड़ा राजस्व घोटाला - Big Revenue Scam Allegation

Big Revenue Scam Allegation, यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने शनिवार को राज्य की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार पर राजस्व घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान बांटे गए पट्टों में बड़ा राजस्व घोटाला हुआ. यही वजह है कि अब इसे ऑनलाइन मोड पर शुरू किया जाएगा.

Big Revenue Scam Allegation
खर्रा ने लगाए गंभीर आरोप (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 8:40 PM IST

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : प्रशासन शहरों के संग अभियान को अब ऑनलाइन मोड पर शुरू किया जाएगा. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अभियान को लेकर नए नियम बनाने और इसे ऑनलाइन मोड पर शुरू करने की बात कही है. साथ ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से अभियान के दौरान बांटे गए पट्टों में एक बड़ा राजस्व घोटाला होने का आरोप भी लगाया है. सत्ता में आने के साथ ही भाजपा सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की जांच करने के बाद इसे दोबारा शुरू करने की बात कही थी. हालांकि, अभियान को शुरू करने से पहले यूडीएच मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर एक बड़े राजस्व घोटाले का आरोप लगाया है.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि अभियान की सच्चाई यह है कि प्रदेश में अभियान के दौरान 13 लाख पट्टे वितरित हुए. 7000 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन जनता की जेब से लगभग 7 लाख करोड़ से ज्यादा निकला. अब बाकी पैसा कहां गया, इसकी खोज जनता के हित में होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी कि जनता की जेब से जो पैसे निकले वो सरकार के कोष में जमा होने के बजाय 95% पैसे उड़ जाए. भाजपा सरकार चाहती है कि जनता की जेब से जितना पैसा निकले उतना ही पैसा सरकार के कोष में जमा हो और आम आदमी का काम बिना किसी व्यवधान के हो.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में पांच नगर निगम, 28 नगर पालिका और 16 नगर परिषद में इस साल नहीं होंगे चुनाव - Jhabar Singh Kharra Big Statement

मंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे सारी परते खुल रही हैं. 5000 वर्ग मीटर जमीन के पट्टे 501 रुपए में कब्जे के आधार पर जारी हुए हैं. उन सब पर भी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी स्टाफ को कमी है. कांग्रेस के शासन में स्थानीय निकाय के लिए जो भर्ती परीक्षा आरपीएससी के माध्यम से हुई थी, वो भी संदेह के घेरे में थी. एसीबी के पास कई दिन तक मामला चलता और अब वो मामला आरपीएससी के पास पेंडिंग पड़ा है. आरपीएससी से यही अनुरोध किया है कि जितनी जल्दी हो सके या तो इस परीक्षा का परिणाम घोषित करें. या फिर ये कहे कि ये परीक्षा रद्द करने लायक है, तो उसको रद्द करके नए सिरे से परीक्षा करके अधिकारी और कर्मचारियों की कमी को पूरी करें. ताकि आने वाले समय में तेजी के साथ नगरीय निकायों के काम को बढ़ाया जा सके.

आगे उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर नए नियम बनाने जा रहे हैं. उसमें सारा काम ऑनलाइन होगा और ऑनलाइन में भी समय अवधि होगी. उस समय अवधि में जो भी आवेदन आएंगे निकाय एक सप्ताह में उनकी जांच करेंगे. यदि उसमें कोई कमी खामी होगी, तो उसे दूर करने के लिए आवेदक को सूचित करेंगे. आवेदक को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. और इसके बाद निश्चित समय में प्रक्रिया पूरी करने के दिशा निर्देश देते हुए नियम बनाए जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - यूडीएच विभाग में शक्तियों का संशोधन, सबसे पावरफुल खुद मंत्री झाबर सिंह खर्रा - Powers of Jhabar Singh Kharra

उन्होंने साफ किया कि यदि कोई पुरानी दरों के आधार पर पट्टा लेना चाह रहा है तो वो पट्टा मिल रहा है. ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरह से पट्टे ले सकते हैं और स्थानीय निकाय को निर्देश दिए गए हैं कि जिनके भी 15 मार्च से पहले मांग पत्र के पैसे जारी हो गए हैं, उनका एक भी काम पेंडिंग न रहे.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर : प्रशासन शहरों के संग अभियान को अब ऑनलाइन मोड पर शुरू किया जाएगा. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने अभियान को लेकर नए नियम बनाने और इसे ऑनलाइन मोड पर शुरू करने की बात कही है. साथ ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की ओर से अभियान के दौरान बांटे गए पट्टों में एक बड़ा राजस्व घोटाला होने का आरोप भी लगाया है. सत्ता में आने के साथ ही भाजपा सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की जांच करने के बाद इसे दोबारा शुरू करने की बात कही थी. हालांकि, अभियान को शुरू करने से पहले यूडीएच मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार पर एक बड़े राजस्व घोटाले का आरोप लगाया है.

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि अभियान की सच्चाई यह है कि प्रदेश में अभियान के दौरान 13 लाख पट्टे वितरित हुए. 7000 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन जनता की जेब से लगभग 7 लाख करोड़ से ज्यादा निकला. अब बाकी पैसा कहां गया, इसकी खोज जनता के हित में होगी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ऐसा कोई काम नहीं करेगी कि जनता की जेब से जो पैसे निकले वो सरकार के कोष में जमा होने के बजाय 95% पैसे उड़ जाए. भाजपा सरकार चाहती है कि जनता की जेब से जितना पैसा निकले उतना ही पैसा सरकार के कोष में जमा हो और आम आदमी का काम बिना किसी व्यवधान के हो.

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मंत्री ने कहा कि धीरे-धीरे सारी परते खुल रही हैं. 5000 वर्ग मीटर जमीन के पट्टे 501 रुपए में कब्जे के आधार पर जारी हुए हैं. उन सब पर भी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी स्टाफ को कमी है. कांग्रेस के शासन में स्थानीय निकाय के लिए जो भर्ती परीक्षा आरपीएससी के माध्यम से हुई थी, वो भी संदेह के घेरे में थी. एसीबी के पास कई दिन तक मामला चलता और अब वो मामला आरपीएससी के पास पेंडिंग पड़ा है. आरपीएससी से यही अनुरोध किया है कि जितनी जल्दी हो सके या तो इस परीक्षा का परिणाम घोषित करें. या फिर ये कहे कि ये परीक्षा रद्द करने लायक है, तो उसको रद्द करके नए सिरे से परीक्षा करके अधिकारी और कर्मचारियों की कमी को पूरी करें. ताकि आने वाले समय में तेजी के साथ नगरीय निकायों के काम को बढ़ाया जा सके.

आगे उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर नए नियम बनाने जा रहे हैं. उसमें सारा काम ऑनलाइन होगा और ऑनलाइन में भी समय अवधि होगी. उस समय अवधि में जो भी आवेदन आएंगे निकाय एक सप्ताह में उनकी जांच करेंगे. यदि उसमें कोई कमी खामी होगी, तो उसे दूर करने के लिए आवेदक को सूचित करेंगे. आवेदक को एक सप्ताह का समय दिया जाएगा. और इसके बाद निश्चित समय में प्रक्रिया पूरी करने के दिशा निर्देश देते हुए नियम बनाए जा रहे हैं.

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उन्होंने साफ किया कि यदि कोई पुरानी दरों के आधार पर पट्टा लेना चाह रहा है तो वो पट्टा मिल रहा है. ऑफलाइन-ऑनलाइन दोनों तरह से पट्टे ले सकते हैं और स्थानीय निकाय को निर्देश दिए गए हैं कि जिनके भी 15 मार्च से पहले मांग पत्र के पैसे जारी हो गए हैं, उनका एक भी काम पेंडिंग न रहे.

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