फतेहपुर(सीकर): नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बुधवार को फतेहपुर में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के संगठक कृषि महाविद्यालय के प्रशासनिक एवं अकादमिक भवनों का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि कृषि विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों को खेती को आर्थिक रूप से फायदेमंद बनाने के संबंध में अधिक से अधिक अनुसंधान करने चाहिए.
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि कीटनाशकों एवं रासायनिक खाद के अधिक प्रयोग से भूमि की उर्वरक शक्ति कम हुई है, इसलिए हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ाने के संबंध में और अधिक काम करना होगा. उन्होंने कहा कि जैविक खेती से शुरू में उत्पादन भले ही कम हो, लेकिन लंबे समय तक हम अधिक उत्पादन ले सकते हैं. उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों से जैविक खेती को प्रभावशाली बनाने के संबंध में अनुसंधान के साथ ही नवाचार करने पर बल दिया. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं.
नदियों को जोड़ने पर हो रहा काम: उन्होंने कहा कि खेती-किसानी को सशक्त करने के लिए 2004 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में नदियों को जोड़ने का संकल्प लिया गया था. उन्होंने देश की नदियों को जोड़ने के संबंध में वर्तमान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम में सीकर जिले के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया.
नई कृषि शिक्षा नीति: कार्यक्रम में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति प्रोफेसर डॉ.बलराज सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की 2013 में स्थापना हुई थी. उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा में आज 60 प्रतिशत छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं तथा निधि विश्नोई ने कृषि शिक्षा में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. उन्होंने बताया कि नई कृषि शिक्षा नीति से बच्चों को पढ़ाई करवाई जाएगी ताकि छात्र-छात्राएं अपना स्वरोजगार भी स्थापित कर सके. उन्होंने बताया कि फतेहपुर कृषि महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं का छात्रावास, आडिटोरियम बनाने, भवनों के रिनोवेशन कार्य करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाया जा रहा है. अधिष्ठाता प्रोफेसर हरफूल सिंह ने कृषि महाविद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. कार्यक्रम के बाद लांयस क्लब की तरफ से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें महाविद्यालय के स्टाफ एवं छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.