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अब रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर लगेगी रोक, पार्किंग और नो-पार्किंग जोन में होगा संशोधन - parking and traffic problems

शहर में पार्किंग और यातायात समस्या को लेकर मंगलवार को ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक हुई. यहां कई मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इसमें रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए. साथ ही शहर में पार्किंग और नो पार्किंग जोन में भी संशोधन करने के लिए निर्देशित किया गया.

ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक
ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 27, 2024, 9:54 PM IST

जयपुर. शहर में अब रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी. पार्किंग और नो-पार्किंग जोन में संशोधन होगा. साथ ही अब बिना ले-आउट अनुमोदन के संचालित मैरिज गार्डनों की जांच की जाएगी. मंगलवार को शहर में पार्किंग और यातायात समस्या को लेकर ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में ये अहम फैसले लिए गए. इसके साथ ही अब ये सुनिश्चित किया जाएगा की बसें निर्धारित बस स्टॉप पर ही रुकें, इसके लिए 144 बस शेल्टर की भी मरम्मत की जाएगी. 300 ई-बसें खरीदी जाएंगी और ई-रिक्शा के लिए 80 पार्किंग स्थलों की जांच होगी.

राजधानी में ट्रैफिक और पार्किंग की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, यातायात पुलिस, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, जेसीटीएसएल और मेट्रो के अधिकारी समाधान निकालने के लिए एक साथ बैठे. इस दौरान हेरिटेज निगम के कमिश्नर ने बताया कि ई रिक्शा पार्किंग के लिए 80 स्थानों का चिह्निकरण कर सूची प्रादेशिक परिवहन अधिकारी और यातायात पुलिस के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर को भेजी गई है. ये चिह्नित स्थानों की फिजिबिलिटी जांच कर कार्रवाई करेंगे. इस दौरान शहर के ट्रैफिक के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके ई रिक्शा संचालन के रूट निर्धारित करने और गाइडलाइन्स निर्धारण करने पर भी मंथन किया गया.

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लो फ्लोर बसों का संचालन भी किया जाएगा : वहीं, परिवहन विभाग को पुराने डीजल ऑटो रिक्शों को जब्त करने के निर्देश दिए गए. साथ ही स्पष्ट किया गया कि पुराने डीजल ऑटो रिक्शा मालिकों को वाहन को डी-रजिस्टर के लिए आवेदन करने पर सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट (सीओडी) जारी किया जाएगा. इससे उन्हें नए वाहन क्रय करने पर नियमानुसार छूट मिलेगी. जेडीए ने सैटेलाइट बस स्टैंड दिल्ली, सीकर, अजमेर और आगरा रोड पर बस स्टैंड के लिए जमीन आवंटित की है. जेडीए अधिकारियों ने बताया कि अजमेर रोड बस स्टैंड का काम पूरा कर लिया गया है, जिसे जल्द परिवहन विभाग को सौंप दिया जाएगा. यहां तक पहुंचने के लिए जेसीटीएसएल की ओर से लो फ्लोर बसों का संचालन भी किया जाएगा.

दिए गए ये निर्देश : जेसीटीएसएल डायरेक्टर ने बताया कि करीब 300 ई-बस खरीदी जा रही है, जिन्हें बीआरटीएस के साथ-साथ अन्य रूट पर भी चलाया जाएगा. हर रूट पर बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए करीब 6-10 बीघा जमीन की जरूरत होगी. इसके लिए जेडीए से जमीन आवंटन की मांग की गई. इस पर जेडीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए. वहीं, जेडीसी ने जेडीए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेडीए की अनुमोदित योजनाओं में यदि बिना मानचित्र अनुमोदन के मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं, तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई करें. साथ ही निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि मैरिज गार्डनों को पार्किंग व्यवस्था सहित दूसरी मूलभूत सुविधाओं की पालना के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाएं.

अब रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर भी नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस, धरना, प्रर्दशन पर सभी संबंधित विभागों के एकमत होने के बाद ही अनुमति दी जाए. जेडीसी ने जेडीए, नगर निगम और यातायात पुलिस आपसी समन्वय कर संयुक्त रूप से यातायात, पार्किंग, अतिक्रमण की नियमित रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.

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क्यू शेल्टर्स के मरम्मत का अनुरोध : वहीं, यातायात पुलिस प्रशासन के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कुछ सड़कों पर पार्किंग और नो-पार्किंग जोनों में संशोधन करने की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान परिपेक्ष में यातायात दबाव में परिवर्तन आया है. इसके साथ ही उन्होंने बीआरटीएस कॉरिडोर में रोड कट्स को कम करते हुए पैंसेंजर स्टैंड बनाए जाने की बात कही. इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी. उन्होंने मिनी बस और लो-फ्लोर बसों को रोकने अपने निर्धारित बस स्टॉपेज पर रोकने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए. साथ ही जेसीटीएसएल को 144 क्यू शेल्टर्स के मरम्मत और रख-रखाव के लिए नगर निगम से अनुरोध किया. इसका खर्चा जेसीटीएसल वहन करेगा.

इस दौरान 13 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए एनएचएआई को लिखा गया. साथ ही 13 स्थानों से अतिक्रमण हटाने, 32 स्थानों पर नो-पार्किंग के बोर्ड लगाने, 24 स्थानों पर जेब्रा क्रोसिंग, स्टॉप लाइन डलवाने की स्वीकृति प्रदान की गई. वहीं, 13 स्थानों पर रोड मीडियन कट बंद करने, 5 स्थानों पर रोड मीडियन की ऊंचाई बढ़ाने और 5 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट की ऊंचाई बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की गई.

जयपुर. शहर में अब रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई जाएगी. पार्किंग और नो-पार्किंग जोन में संशोधन होगा. साथ ही अब बिना ले-आउट अनुमोदन के संचालित मैरिज गार्डनों की जांच की जाएगी. मंगलवार को शहर में पार्किंग और यातायात समस्या को लेकर ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक में ये अहम फैसले लिए गए. इसके साथ ही अब ये सुनिश्चित किया जाएगा की बसें निर्धारित बस स्टॉप पर ही रुकें, इसके लिए 144 बस शेल्टर की भी मरम्मत की जाएगी. 300 ई-बसें खरीदी जाएंगी और ई-रिक्शा के लिए 80 पार्किंग स्थलों की जांच होगी.

राजधानी में ट्रैफिक और पार्किंग की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जयपुर विकास प्राधिकरण, नगर निगम, यातायात पुलिस, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी, पीएचईडी, जेसीटीएसएल और मेट्रो के अधिकारी समाधान निकालने के लिए एक साथ बैठे. इस दौरान हेरिटेज निगम के कमिश्नर ने बताया कि ई रिक्शा पार्किंग के लिए 80 स्थानों का चिह्निकरण कर सूची प्रादेशिक परिवहन अधिकारी और यातायात पुलिस के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर को भेजी गई है. ये चिह्नित स्थानों की फिजिबिलिटी जांच कर कार्रवाई करेंगे. इस दौरान शहर के ट्रैफिक के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके ई रिक्शा संचालन के रूट निर्धारित करने और गाइडलाइन्स निर्धारण करने पर भी मंथन किया गया.

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लो फ्लोर बसों का संचालन भी किया जाएगा : वहीं, परिवहन विभाग को पुराने डीजल ऑटो रिक्शों को जब्त करने के निर्देश दिए गए. साथ ही स्पष्ट किया गया कि पुराने डीजल ऑटो रिक्शा मालिकों को वाहन को डी-रजिस्टर के लिए आवेदन करने पर सर्टिफिकेट ऑफ डिपोजिट (सीओडी) जारी किया जाएगा. इससे उन्हें नए वाहन क्रय करने पर नियमानुसार छूट मिलेगी. जेडीए ने सैटेलाइट बस स्टैंड दिल्ली, सीकर, अजमेर और आगरा रोड पर बस स्टैंड के लिए जमीन आवंटित की है. जेडीए अधिकारियों ने बताया कि अजमेर रोड बस स्टैंड का काम पूरा कर लिया गया है, जिसे जल्द परिवहन विभाग को सौंप दिया जाएगा. यहां तक पहुंचने के लिए जेसीटीएसएल की ओर से लो फ्लोर बसों का संचालन भी किया जाएगा.

दिए गए ये निर्देश : जेसीटीएसएल डायरेक्टर ने बताया कि करीब 300 ई-बस खरीदी जा रही है, जिन्हें बीआरटीएस के साथ-साथ अन्य रूट पर भी चलाया जाएगा. हर रूट पर बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए करीब 6-10 बीघा जमीन की जरूरत होगी. इसके लिए जेडीए से जमीन आवंटन की मांग की गई. इस पर जेडीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए. वहीं, जेडीसी ने जेडीए अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेडीए की अनुमोदित योजनाओं में यदि बिना मानचित्र अनुमोदन के मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं, तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई करें. साथ ही निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि मैरिज गार्डनों को पार्किंग व्यवस्था सहित दूसरी मूलभूत सुविधाओं की पालना के बाद ही लाइसेंस जारी किए जाएं.

अब रिहायशी इलाकों में व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर भी नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रम, जुलूस, धरना, प्रर्दशन पर सभी संबंधित विभागों के एकमत होने के बाद ही अनुमति दी जाए. जेडीसी ने जेडीए, नगर निगम और यातायात पुलिस आपसी समन्वय कर संयुक्त रूप से यातायात, पार्किंग, अतिक्रमण की नियमित रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए हैं.

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क्यू शेल्टर्स के मरम्मत का अनुरोध : वहीं, यातायात पुलिस प्रशासन के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर ने बताया कि कुछ सड़कों पर पार्किंग और नो-पार्किंग जोनों में संशोधन करने की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान परिपेक्ष में यातायात दबाव में परिवर्तन आया है. इसके साथ ही उन्होंने बीआरटीएस कॉरिडोर में रोड कट्स को कम करते हुए पैंसेंजर स्टैंड बनाए जाने की बात कही. इससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी. उन्होंने मिनी बस और लो-फ्लोर बसों को रोकने अपने निर्धारित बस स्टॉपेज पर रोकने के लिए पाबंद करने के निर्देश दिए. साथ ही जेसीटीएसएल को 144 क्यू शेल्टर्स के मरम्मत और रख-रखाव के लिए नगर निगम से अनुरोध किया. इसका खर्चा जेसीटीएसल वहन करेगा.

इस दौरान 13 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए एनएचएआई को लिखा गया. साथ ही 13 स्थानों से अतिक्रमण हटाने, 32 स्थानों पर नो-पार्किंग के बोर्ड लगाने, 24 स्थानों पर जेब्रा क्रोसिंग, स्टॉप लाइन डलवाने की स्वीकृति प्रदान की गई. वहीं, 13 स्थानों पर रोड मीडियन कट बंद करने, 5 स्थानों पर रोड मीडियन की ऊंचाई बढ़ाने और 5 स्थानों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट की ऊंचाई बढ़ाने की स्वीकृति प्रदान की गई.

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