सराज: मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में मटर खरीदने के लिए व्यापारी सीधे किसानों के खेतों में ही पहुंच रहे हैं. यहां व्यापारी खेतों में पहुंच कर मटर की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. वहीं, किसानों को अब घर-द्वार पर ही मटर के अच्छे दाम मिल रहे हैं. किसानों को 98 प्रति किलोग्राम के हिसाब से मटर के दाम मिल रहे हैं. ऐसे में बेहतरीन दाम मिलने से किसानों को फसल बेचने के लिए बाहरी मंडियों का रुख नहीं करना पड़ रहा है.
आजकल सराज विधानसभा क्षेत्र के ऊंचाई वाले क्षेत्र में मटर की फसल निकल रही है. सराज के अधिकांश जगहों पर मटर की फसल लगभग खत्म हो चुकी है. लेकिन जंजैहली घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्र में केलोनाल, भुलाह, रियाडा, गडौण, नाऊर, सगंलवाड़ा और रूहाडा में मटर की बंपर फसल निकलना शुरू हो चुकी है.
सराज के अधिकांश जगहों पर अन्य फसलों की अपेक्षा मटर की अधिक खेती की जाती है. किसान नवंबर दिसंबर के बाद मटर की खेती करने में जुट जाते हैं. ऐसे में अप्रैल मई जून में मटर तुड़ान शुरू हो जाता है. किसान मटर को पठानकोट, जालंधर और दिल्ली की मंडियों में बेचने के लिए पहुंचते हैं. ऐसे में इस बार अब बाहरी क्षेत्र रामपुर, करसोग, आनी और ठियोग से व्यापारी सीधे किसानों के घर-द्वार पहुंचकर मटर को अच्छे दाम पर खरीद रहे हैं.
गौरतलब है कि सब्जी मंडी में आढ़ती की मनमानी के कारण मटर खेतों में ज्यादा और मंडी में कम बिक रहा है. एक ओर जहां सराज का हरा मटर का दाम 100 को पार कर गया है. वहीं, दूसरी ओर सराज में खुली अस्थाई सब्जी मंडी में कुंडली मार बैठे आढ़ती ने मनमानी कर रखी है. उनकी मनमानी के कारण किसानों और व्यापारियों को चपत लग रही है.
प्रदेश सरकार ने किसानों और बागवानों के हित के लिए जगह-जगह अस्थायी सब्जी मंडी खोल रखी है. ताकि किसानों को घर-द्वार पर ही सब्जियों के अच्छे रेट मिल सके. लेकिन सराज के इन अस्थायी सब्जी मंडी में वहां के व्यापारी वर्ग गरीब किसान और बागवानों का शोषण करते दिखाई दे रहे हैं. बुधवार को केलोनाल में 98 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मटर बिका. जबकि सब्जी मंडी लम्बाथाच में हरा मटर 40 से 55 रुपए के हिसाब से प्रति किलो मटर बिका है.
सराज के किसान गोपेंद्र कुमार, मनोज, महेंद्र रमेश खेम सिंह ने कहा कि हम जैसे लोग अच्छे रेट के चक्कर में सरकार द्वारा खोली गई अस्थायी सब्जी मंडी लम्बाथाच जाते हैं. लेकिन यहां आढ़ती बैठे होते हैं, जो डोली लगने नहीं देते और कम दामों पर मटर खरीदते हैं. जिसके कारण किसानों को करीब दो से ढाई हजार प्रति क्विंटल घाटा होता है. अगर एक किसान का मटर 2 क्विंटल हो तो उसे सीधा 9 से 10 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है.
किसानों ने सुक्खू सरकार से आग्रह किया कि सब्जी मंडी में आढ़तियों की मनमानी को खत्म करें. ताकि सराज के किसानों को सीधा मुनाफा हो सके. एएफसी के व्यापारी और सब्जी मंडी लम्बाथाच के अध्यक्ष आशू ने कहा कि सब्जी मंडी में 40 से 55 रुपए मटर बिक रहा है. पिछले दिन हमने मटर नहीं खरीदा. हमारे पास मटर कम आ रहा है. किसान बाहर ही मटर बेच रहे हैं.
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