शिमला: हिमाचल में कुछ महीने पहले तक मंडियों में सब्जियों के अच्छे दाम मिलने से खिले किसानों के चेहरे अब मौसम की बेरुखी से मुरझाने लगे हैं. देश भर के बड़े होटलों में थाली का जायका बढ़ाने वाली बीन जो करीब एक से दो महीने पहले होलसेल में 70 रुपये किलो तक बिक रही थी, इसके दाम मंडियों में गिरकर अब 15 से 40 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. हिमाचल के कई जिलों में खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली इस बेमौसमी सब्जी की देश की राजधानी दिल्ली सहित कोलकाता, पंजाब, अहमदाबाद, हरियाणा व जयपुर आदि में काफी अधिक डिमांड रहती है. हिमाचल की विभिन्न मंडियों से इन राज्यों के लिए सैकड़ों टन क्वालिटी बीन्स भेजी जाती हैं. बाहरी राज्यों में अधिक मांग रहने से प्रदेश में किसानों को भी अच्छे दाम मिलते हैं लेकिन इन दिनों अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं.
इन कारणों से गिरे दाम
हिमाचल की विभिन्न मंडियों में सीजन के शुरुआत में जो बीन होलसेल में 70 रुपये किलो तक बिक रही थी, उसके दाम अब गिर कर 15 से 40 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं. इसके दो से तीन कारण बताए जा रहे हैं. एक तो सितंबर के महीने में सामान्य से अधिक हो रही बारिश की वजह से खेतों में बीन खराब होने लगी है. जिस कारण मंडियों में अच्छी क्वालिटी की बीन्स नहीं पहुंच रही है. दूसरा इन दिनों सीजन पीक में होने के कारण मंडियों में भारी मात्रा में बीन की सब्जी पहुंच रही है. जिस कारण मंडियों में बीन के रेट कम हुए हैं. ऐसे में लगातार गिर रहे भाव से किसानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं.
किसान कांशीराम और रोशन लाल का कहना है, "अगस्त के पहले सप्ताह तक बीन के अच्छे रेट मिल रहे थे. इस दौरान किसानों से बीन 50 से 70 रुपये प्रति किलो तक खरीदा गया, लेकिन अब मंडियों में बीन के भाव गिर गए हैं."
रोजाना बाहरी राज्यों को भेजी जा रही इतनी बीन
हिमाचल प्रदेश में बीन्स की अच्छी खासी पैदावार होती है. शिमला, किन्नौर, सोलन, सिरमौर, लाहौल, कुल्लू जैसे जिलों में हजारों किसान बीन्स की फसल उगाते हैं. हिमाचल की अच्छी क्वालिटी की बीन्स की दूसरे राज्यों में अच्छी खासी डिमांड रहती है. हिमाचल में खरीफ सीजन में ली जाने वाली बेमौसमी बीन की देश के बड़े शहरों में काफी अधिक डिमांड रहती है. एपीएमसी (Agricultural Produce Market Committee) शिमला के मुताबित यहां की सब्जी मंडी से रोजाना कई क्विंटल बीन्स की सप्लाई बाहरी राज्यों के लिए हो रही है.
तारीख | बीन्स की सप्लाई (क्विंटल में) |
8 सितंबर | 502 |
9 सितंबर | 644 |
10 सितंबर | 815 |
11 सितंबर | 804 |
12 सितंबर | 647 |
13 सितंबर | 538 |
14 सितंबर | 338 |
15 सितंबर | 516 |
इन दिनों बीन्स की सप्लाई का बीते करीब 8 दिनों का ये आंकड़ा सिर्फ और सिर्फ शिमला स्थित शिमला-किन्नौर ढली मंडी का है. प्रदेश की अन्य मंडियों से भी रोजाना पंजाब और हरियाणा के कई शहरों के लिए बीन्स की सप्लाई होती है. इसके अलावा हिमाचल के बीन्स की डिमांड दिल्ली, जयपुर से लेकर कोलकाता जैसे शहरों में भी होती है.
आढ़ती एसोसिएशन ढली सब्जी मंडी के पूर्व प्रधान नाहर सिंह चौधरी का कहना है कि "हिमाचल में इस मौसम बेमौसमी बीन तैयार हो रही है. जिसे बाहरी राज्य में बड़ी मंडियों को भेजा रहा है. जहां इसकी अधिक मांग रहती हैं. बड़े शहरों में फाइव स्टार होटलों में हिमाचली बीन को काफी पसंद किया जाता है."
दाम गिरने से उपभोक्ताओं में राहत
हालांकि बीन के रेट गिरने से आम उपभोक्ताओं को जरूर कुछ राहत ली है. बता दें कि प्रदेश के जिला सोलन, मंडी, सिरमौर, कुल्लू व शिमला के बहुत से क्षेत्रों में खरीफ सीजन में बीन पैदावार की जाती है. हिमाचल में इन दिनों बेमौसमी बीन की देशभर की मंडियों में काफी अधिक डिमांड रहती है. जिससे किसानों को क्वालिटी बीन के मंडियों में काफी अच्छे दाम मिलते हैं, लेकिन इस महीने लगातार हो रही बारिश से किसानों की आर्थिक सेहत अब बिगड़ने लगी है.
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