मंडी: हिमाचल प्रदेश में अपने अनुठी भवन निर्माण शैली और कलाओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है. ऐसे में मंडी सांसद कंगना रनौत ने चंबा के रूमाल से काठकुनी भवन निर्माण शैली को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत जोड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा कि वह इन कलाओं को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाने के लिए संसद में आवाज उठाएंगी.
आईटीआई मंडी में आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ पर पहुंचीं सांसद कंगना रनौत ने कहा, "हिमाचल प्रदेश में भी कई कलाएं है, जिनमें चंबा रूमाल, कांगड़ा पेंटिग, धाम बनाने वाले रसोशिए और काठकुनी भवन निर्माण शैली शामिल है. इन कलाओं को पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाने के लिए वह संसद में अपनी बात रखेंगी".
आईटीआई मंडी में पीएम विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ के मौके पर आयोजित सम्मान समारोह कार्यक्रम में कंगना रनौत शामिल हईं. इस मौके पर कंगना ने कहा, "जब भारत गुलाम था तो अंग्रेजों ने यहां की विभिन्न कलाओं को मिटाने का काम किया. यहां तक की इन कलाओं को जानने वाले लोगों को कई यातनाएं दी. लेकिन इसके बावजूद भी इन लोगों ने अपनी कला का नहीं छोड़ा. आज देश के प्रधानमंत्री भी इन कलाओं को आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत्त हैं".
कंगना ने कहा, "पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से आज लोगों की प्रतिभाओं को निखारने के साथ उन्हें आधूनिकता से भी जोड़ा जा रहा है. पहाड़ी प्रदेश हिमाचल भी अपने अंदर कई कलाओं के समेटे हुए हैं और इन कलाओं को भी नया मंच मिले, इसके लिए जनता द्वारा आवाज उठाई जा रही है. आने वाले समय में इस आवाज को वह संसद में उठाएंगी. ताकि विलुप्त होती कलाओं को भी बचाया जा सके.
इस मौके पर कंगना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की. उन्होंने कहा "आज देश उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में देख रहा है. पीएम मोदी ही ऐसे नेता हैं, जो देश के भविष्य और भूतकाल को लिखने का काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री को आज देश के हर वर्ग की चिंता हैं, यही कारण है कि पीएम मोदी हस्तशिल्पकारों व कामगारों के बारे में सोच रहे हैं. विभिन्न कलाओं को जानने वाले इन लोगों को पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से नई पहचान देने का काम पीएम नरेंद्र मोदी ने किया है".
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