कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिनों के बाद शुक्रवार शाम हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का ऐलान कर दिया है. शनिवार (21 सितंबर) से सभी जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड में आंशिक तौर पर अपनी सेवाएं देना शुरू करेंगे.
42 दिनों से जारी गतिरोध को समाप्त करते हुए डॉक्टरों ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय तक मार्च निकालने के बाद हड़ताल वापस ले ली. वे स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय पर 10 दिनों से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे थे. जुलूस स्वास्थ्य भवन से शुरू हुआ और चार किलोमीटर की दूरी तय करके सीजीओ कॉम्प्लेक्स पर जाकर खत्म हुआ.
बता दें कि, रैली के बाद पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने कोलकाता में सीबीआई कार्यालय के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की.आंदोलन के दौरान चर्चाओं में रहे देबाशीष हलधर ने कहा, "बाढ़ की स्थिति के कारण जूनियर डॉक्टरों ने अपना धरना समाप्त करने की घोषणा की है.
कल यानी शनिवार से डॉक्टर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में काम करेंगे. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, जूनियर डॉक्टरों का विरोध बंद नहीं होगा. उन्होंने कहा कि, सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में विरोध जारी रखा जाएगा. देबाशीष ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई तक देखेंगे और अगर न्याय नहीं मिला, तो फिर से जूनियर डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन शुरू होगा.
डॉक्टरों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) में काम नहीं करेंगे, लेकिन शनिवार से राज्य द्वारा संचालित अस्पतालों की इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं में आंशिक रूप से काम करेंगे.
#WATCH | West Bengal: People from all walks of life took out a torch really from South Kolkata Highland Park to North Kolkata Shyamabazar over RG Kar rape and murder case. pic.twitter.com/Ash18dfioz
— ANI (@ANI) September 20, 2024
आरजी कर अस्पताल में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के बाद डॉक्टरों ने 'काम बंद करो' का आह्वान किया था और राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के बाहर धरना दिया था. शहर के दूसरे हिस्से में नागरिक समाज ने मशाल के साथ 42 किलोमीटर लंबा जुलूस निकाला.
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