टीकमगढ़ : आग को बुझाने में बीना रिफाइनरी की फायर ब्रिगेड और सेना की मदद ली गई, जिसके बाद कुल 8 घंटे बाद आग पर काबू पाया गया. मकान की दूसरी मंजिल पर रहने वाले शोरूम संचालक के परिवार को बचा लिया गया है. प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि सबको पता था कि ऊपरी मंजिल पर बुजुर्ग पति-पत्नी है लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि कोई उनको बचाने का प्रयास नहीं कर सका.
पलभर में घर बन गया आग का गोला
टीकमगढ़ में मंगलवार रात से बारिश का सिलसिला जारी था. बुधवार सुबह करीब पांच बजे नगर भवन के पास तीन मंजिला मकान में आग लगने से शहर में अफरा तफरी मच गई. मार्निंग वॉक करने निकले लोगों ने जब शोरूम से धुआं निकलता देखा तो शोरूम संचालक मनोज जैन को फोन किया. मकान की पहली मंजिल पर रहने वाले मनोज पत्नी और दो बच्चों के साथ सुरक्षित बाहर आ गए और घटना की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी. इसके बाद तीसरी मंजिल पर रह रहे चाचा देवेंद्र जैन और चाची सुलोचना को बचाने की कोशिश की. लेकिन आग इतना भयंकर रूप धारण कर चुकी थी कि पति पत्नी ऊपरी मंजिल पर ही फंसे रह गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई. करीब 6 घंटे बाद जेसीबी से दीवार को तोड़ा गया, तो दोनों पति-पत्नी मृत पाए गए.
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सेना और बीना रिफाइनरी की लेनी पड़ी मदद
घटना की सूचना मिलते ही पांच दमकल गाड़ियों की मदद से आग को बुझाने का प्रयास किया गया लेकिन आग विकराल रूप धारण करती जा रही थी. करीब पांच घंटे बाद जब आग पर काबू नहीं पाया जा सका तो मौके पर कलेक्टर और एसपी पहुंचे और पड़ोसी जिला छतरपुर के साथ यूपी के ललितपुर से दमकल गाड़ियां बुलवाई गई लेकिन फिर भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका, जिसके बाद सागर से बीना रिफाइनरी की दमकल गाड़ियां और झांसी की मदद मांगी गई.