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थायरॉइड है शरीर के लिए घातक, जानिए हाइपो और हाइपर थायरॉइड का घरेलू इलाज - Health Tips

थायराइड हमारे शरीर में एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है. जो एडम एप्पल के ठीक नीचे गर्दन में स्थित होती है. जब थायरॉयड ग्रंथि ज़्यादा सक्रिय हो जाती है, तो थायरोक्सिन हार्मोन की मात्रा का ज्यादा उत्पादन करने लगती है. इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है. इसके उलट थायरोक्सिन हार्मोन के कम मात्रा में उत्पादन को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है. आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर रोहित गुप्ता बता रहे हैं थायरॉइड कम करने के कुछ घरेलू उपाय...

THYROID TREATMENT IN AYURVEDA
थायराइड के लक्षण और बचाव (ETV BHARAT GFX TEAM)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 22, 2024, 12:42 PM IST

जयपुर. थायरॉयड का जल्द निदान दवाओं, सप्लीमेंट्स और जीवन शैली में बदलाव लेकर किया जा सकता है. हाइपरथायरॉइडिज्म का इलाज कुछ प्राकृतिक तत्वों से भी किया जा सकता है. हालांकि कोई भी इलाज लेने से पहले चिकित्सक से सभी तरह की जानकारी लेना जरूरी होता है. हाइपरथायरॉइडिज्म के सामान्य कारणों में शामिल हैं ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर, जिसे ग्रेव्स रोग कहा जाता है. साथ ही थायरॉइड ग्रंथि की सूजन, थायरॉइड हार्मोन का असामान्य स्राव, आयोडीन का अत्यधिक सेवन या थायरॉइड में सौम्य गांठ या नोड्यूल आदि शामिल हैं. हाइपरथायरॉइडिज्म किसी को भी हो सकता है. यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आठ गुना ज्यादा होती है. यह 30 साल की उम्र की शुरुआत में ही विकसित होने लगती है, लेकिन इसके लक्षण 60 वर्ष से अधिक की महिलाओं में होना सामान्य है.

ये होते हैं हाइपरथायरोडिज़्म के लक्षण : डॉक्टर रोहित गुप्ता के मुताबिक हाइपरथायरोइडिज़्म के लक्षण जैसे वजन का घटना, अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट, अत्यधिक पसीना, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, गर्दन के आधार पर सूजन, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और सोने में कठिनाई महसूस होना आदि शामिल हैं. हाइपरथायरॉइडिज्म के कई लक्षण दूसरे हालात के लिए भी बहुत आम है. इसलिए समस्या को जल्द पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है.

थायरॉइड कम करने के घरेलू उपाय : थायरॉइड खत्म करने का एक उपाय ओमेगा- 3 फैटी एसिड है. अगर आपके शरीर को पर्याप्त ओमेगा -3 फैटी एसिड नहीं मिल रहा है, तो हार्मोनल असंतुलित हो सकता है, जिसमें थायरॉइड हार्मोन शामिल हैं. ये आवश्यक फैटी एसिड हार्मोन के लिए बिल्डिंग ब्लॉक हैं. जो प्रतिरक्षा फंक्शन और सेल की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं. अगर खाने में ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा, फ्लेक्ससीड्स और अखरोट को शामिल करें, तो इसकी मात्रा को बढ़ा सकते हैं.

इसी तरह से करें थायरॉइड से बचाव : एंटी-ऑक्सिडेंट युक्त आहार हाइपरथायरॉइडिज्म को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं. हाइपरथायराॉइडिज्म की वजह से थायरॉइड हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिसकी वजह से शरीर में फ्री रेडिकल डैमेज और ऑक्सीडेटिव बढ़ने लगते हैं. एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए फायदेमंद हैं. अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें. इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए अपने आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल जैसे जामुन, अंगूर, टमाटर और मिर्च को शामिल करें. मल्टीविटामिन और प्रोटीन लेना न भूलें.

दरअसल अतिरिक्त थायरॉइड मांसपेशियों को आसानी से तोड़ने का कारण बनता है, ऐसे में प्रोटीन विशेष रूप से मांसपेशियों और ताकत को बढ़ाता है. प्रोटीन प्राप्त करने के लिए आप एक या दो चम्मच मट्ठा प्रोटीन पाउडर अपने आहार में जोड़ सकते हैं. इसके अलावा, अपने आहार में बीन्स, नट्स, अखरोट बटर, बीजों और दही को जरूर शामिल करें. समुद्री सब्जियां आयोडीन का एक अच्छा स्रोत होती हैं, जो थायरॉइड स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है. समुद्री सब्जियों में मौजूद प्राकृतिक आयोडीन थायरॉइड संबंधी विकारों जैसे वजन में उतार-चढ़ाव और लसीका प्रणाली में जमाव को सामान्य रखता है. इन सब्जियों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन के, बी-विटामिन फोलेट, मैग्नीशियम, लोहा और कैल्शियम शामिल होता है. हाइपरथायरॉइडिज्म के उपचार में केल्प, कोम्बु, हिजीकी और नोरि आमतौर पर आपको दुकानों में सूखे पदार्थ के रूप में उपलब्ध हो जाएंगी.

इसे भी पढ़ें : सिर्फ लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर घटा सकते हैं वजन, 21 दिनों का समय पर्याप्त, जानें क्या करना है आपको - Lose your weight

थायरॉइड कम करने में सहायक है ब्रोकली : ब्रोकोली एक क्रूसीफेरस सब्ज़ी है जिसमें आइसोथियोसाइनेट्स और गोईट्रोजन्स नामक पदार्थ होते हैं, जो थायरॉयड को बहुत अधिक हार्मोन बनाने से रोकते हैं. इसलिए हाइपरथायरॉइडिज्म से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को जितनी ज्यादा हो सके, बिना पके ब्रोकोली खाने की कोशिश करनी चाहिए. अन्य क्रूसीफेरस सब्ज़ियां जैसे फूलगोभी, शलजम, सरसों का साग और मूली आदि सहायक होती हैं.

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण :

  • हाइपो थायरॉइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है.
  • खाना पचाने में दिक्कत होती है, साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतरता.
  • शरीर के वजन पर भी असर पड़ता है.
  • इसके अलावा हाथ-पैर ठंडे रहना भी शुरू हो जाता है. इसमें शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां होने लगती हैं.
  • थाइरॉइड की समस्या से ग्रस्त आदमी को जल्द थकान होने लगती है. उसका शरीर सुस्त रहता है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है.
  • थाइरॉइड से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है. त्वचा में रूखापन आ जाता है. बालों का झड़ना और मानसिक तनाव के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द भी थायरॉइड का एक बड़ा कारण माना जाता है. शरीर में ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : बीज समेत खाते हैं ये 5 फ्रूट्स तो हो जाएं सावधान! अभी कर लें इन फलों की पहचान, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने - Health Tips

इन घरेलू उपाय को अपनाएं :

  • हाइपरथायरॉइडिज़्म के इलाज के लिए सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं.
  • घर में ही गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पिएं. इसके बाद एक गिलास पानी में हर रोज़ 30 मिली एलोवेरा जूस और 2 बूँद तुलसी की डाल कर पिएं.
  • एलोवेरा जूस में फाइबर ज़्यादा हो, तो यह अधिक फायदेमंद होता है. इलाज को करने के आधे घंटे तक कुछ भी न खाए पिएं.
  • इसके अलावा अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है. जो थॉयरॉइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है. अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयरॉइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है. अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्म (थायरॉइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है.
  • इसके साथ ही रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे.

जयपुर. थायरॉयड का जल्द निदान दवाओं, सप्लीमेंट्स और जीवन शैली में बदलाव लेकर किया जा सकता है. हाइपरथायरॉइडिज्म का इलाज कुछ प्राकृतिक तत्वों से भी किया जा सकता है. हालांकि कोई भी इलाज लेने से पहले चिकित्सक से सभी तरह की जानकारी लेना जरूरी होता है. हाइपरथायरॉइडिज्म के सामान्य कारणों में शामिल हैं ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर, जिसे ग्रेव्स रोग कहा जाता है. साथ ही थायरॉइड ग्रंथि की सूजन, थायरॉइड हार्मोन का असामान्य स्राव, आयोडीन का अत्यधिक सेवन या थायरॉइड में सौम्य गांठ या नोड्यूल आदि शामिल हैं. हाइपरथायरॉइडिज्म किसी को भी हो सकता है. यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आठ गुना ज्यादा होती है. यह 30 साल की उम्र की शुरुआत में ही विकसित होने लगती है, लेकिन इसके लक्षण 60 वर्ष से अधिक की महिलाओं में होना सामान्य है.

ये होते हैं हाइपरथायरोडिज़्म के लक्षण : डॉक्टर रोहित गुप्ता के मुताबिक हाइपरथायरोइडिज़्म के लक्षण जैसे वजन का घटना, अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट, अत्यधिक पसीना, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, गर्दन के आधार पर सूजन, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और सोने में कठिनाई महसूस होना आदि शामिल हैं. हाइपरथायरॉइडिज्म के कई लक्षण दूसरे हालात के लिए भी बहुत आम है. इसलिए समस्या को जल्द पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है.

थायरॉइड कम करने के घरेलू उपाय : थायरॉइड खत्म करने का एक उपाय ओमेगा- 3 फैटी एसिड है. अगर आपके शरीर को पर्याप्त ओमेगा -3 फैटी एसिड नहीं मिल रहा है, तो हार्मोनल असंतुलित हो सकता है, जिसमें थायरॉइड हार्मोन शामिल हैं. ये आवश्यक फैटी एसिड हार्मोन के लिए बिल्डिंग ब्लॉक हैं. जो प्रतिरक्षा फंक्शन और सेल की वृद्धि को नियंत्रित करते हैं. अगर खाने में ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा, फ्लेक्ससीड्स और अखरोट को शामिल करें, तो इसकी मात्रा को बढ़ा सकते हैं.

इसी तरह से करें थायरॉइड से बचाव : एंटी-ऑक्सिडेंट युक्त आहार हाइपरथायरॉइडिज्म को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं. हाइपरथायराॉइडिज्म की वजह से थायरॉइड हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिसकी वजह से शरीर में फ्री रेडिकल डैमेज और ऑक्सीडेटिव बढ़ने लगते हैं. एंटीऑक्सिडेंट ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने के लिए फायदेमंद हैं. अपने आहार में विटामिन सी, विटामिन ई, बीटा कैरोटीन, सेलेनियम और मैग्नीशियम जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें. इन पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए अपने आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल जैसे जामुन, अंगूर, टमाटर और मिर्च को शामिल करें. मल्टीविटामिन और प्रोटीन लेना न भूलें.

दरअसल अतिरिक्त थायरॉइड मांसपेशियों को आसानी से तोड़ने का कारण बनता है, ऐसे में प्रोटीन विशेष रूप से मांसपेशियों और ताकत को बढ़ाता है. प्रोटीन प्राप्त करने के लिए आप एक या दो चम्मच मट्ठा प्रोटीन पाउडर अपने आहार में जोड़ सकते हैं. इसके अलावा, अपने आहार में बीन्स, नट्स, अखरोट बटर, बीजों और दही को जरूर शामिल करें. समुद्री सब्जियां आयोडीन का एक अच्छा स्रोत होती हैं, जो थायरॉइड स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है. समुद्री सब्जियों में मौजूद प्राकृतिक आयोडीन थायरॉइड संबंधी विकारों जैसे वजन में उतार-चढ़ाव और लसीका प्रणाली में जमाव को सामान्य रखता है. इन सब्जियों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन के, बी-विटामिन फोलेट, मैग्नीशियम, लोहा और कैल्शियम शामिल होता है. हाइपरथायरॉइडिज्म के उपचार में केल्प, कोम्बु, हिजीकी और नोरि आमतौर पर आपको दुकानों में सूखे पदार्थ के रूप में उपलब्ध हो जाएंगी.

इसे भी पढ़ें : सिर्फ लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर घटा सकते हैं वजन, 21 दिनों का समय पर्याप्त, जानें क्या करना है आपको - Lose your weight

थायरॉइड कम करने में सहायक है ब्रोकली : ब्रोकोली एक क्रूसीफेरस सब्ज़ी है जिसमें आइसोथियोसाइनेट्स और गोईट्रोजन्स नामक पदार्थ होते हैं, जो थायरॉयड को बहुत अधिक हार्मोन बनाने से रोकते हैं. इसलिए हाइपरथायरॉइडिज्म से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को जितनी ज्यादा हो सके, बिना पके ब्रोकोली खाने की कोशिश करनी चाहिए. अन्य क्रूसीफेरस सब्ज़ियां जैसे फूलगोभी, शलजम, सरसों का साग और मूली आदि सहायक होती हैं.

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण :

  • हाइपो थायरॉइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है.
  • खाना पचाने में दिक्कत होती है, साथ ही खाना आसानी से गले से नीचे नहीं उतरता.
  • शरीर के वजन पर भी असर पड़ता है.
  • इसके अलावा हाथ-पैर ठंडे रहना भी शुरू हो जाता है. इसमें शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां होने लगती हैं.
  • थाइरॉइड की समस्या से ग्रस्त आदमी को जल्द थकान होने लगती है. उसका शरीर सुस्त रहता है और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है.
  • थाइरॉइड से ग्रस्त व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है. त्वचा में रूखापन आ जाता है. बालों का झड़ना और मानसिक तनाव के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द भी थायरॉइड का एक बड़ा कारण माना जाता है. शरीर में ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें : बीज समेत खाते हैं ये 5 फ्रूट्स तो हो जाएं सावधान! अभी कर लें इन फलों की पहचान, वरना पड़ जाएंगे लेने के देने - Health Tips

इन घरेलू उपाय को अपनाएं :

  • हाइपरथायरॉइडिज़्म के इलाज के लिए सुबह खाली पेट लौकी का जूस पिएं.
  • घर में ही गेंहू के जवारों का जूस निकाल कर पिएं. इसके बाद एक गिलास पानी में हर रोज़ 30 मिली एलोवेरा जूस और 2 बूँद तुलसी की डाल कर पिएं.
  • एलोवेरा जूस में फाइबर ज़्यादा हो, तो यह अधिक फायदेमंद होता है. इलाज को करने के आधे घंटे तक कुछ भी न खाए पिएं.
  • इसके अलावा अखरोट और बादाम में सेलेनियम नामक तत्व पाया जाता है. जो थॉयरॉइड की समस्या के उपचार में फायदेमंद है. अखरोट और बादाम के सेवन से थॉयरॉइड के कारण गले में होने वाली सूजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है. अखरोट और बादाम सबसे अधिक फायदा हाइपोथॉयराइडिज्म (थायरॉइड ग्रंथि का कम एक्टिव होना) में करता है.
  • इसके साथ ही रात को सोते समय गाय के गर्म दूध के साथ 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करे.
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