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मत्स्य उत्सव का आगाज, तीन दिन होंगे कई कार्यक्रम

अलवर के स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का आगाज भानगढ़ से हुआ.

MATSYA FESTIVAL STARTED,  ALWAR FOUNDATION DAY
मत्स्य उत्सव का आगाज. (ETV Bharat alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 25, 2024, 4:04 PM IST

अलवरः जिले की स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का भानगढ़ के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल से भव्य आगाज हुआ. इसमें पहले दिन बड़ी संख्या में पर्यटक व स्कूली छात्रों ने उत्सव में भाग लिया. ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र पर आने वाले पर्यटकों का राजस्थान की संस्कृति के अनुरूप स्वागत किया गया. इस दौरान पर्यटकों के स्वागत के लिए लोक कलाकारों द्वारा लोक गीत व नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई.

पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक टीना यादव ने बताया कि जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित मत्स्य उत्सव का इंतजार पूरे साल शहरवासियों को रहता है. पहले दिन भानगढ़ से हुई शुरू हुई मत्स्य उत्सव की यात्रा दोपहर बाद सिलीसेढ़ झील पर पहुंचेगी. झील की पाल पर लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें लोक कलाकार सिलीसेढ़ झील पर आने वाले पर्यटकों को अपनी प्रस्तुति से रिझाएंगे.

पढ़ेंः अंग्रेजों के पीछे बैठना पसंद नहीं तो जयसिंह ने 'उलवर' को दिया नया नाम, जानिए 249 सालों में कैसे बदला शहर

इसके बाद शाम 6:30 बजे अलवर के आराध्य माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ मंदिर में महाआरती की जाएगी. इसके बाद शाम 7:30 बजे महल चौक में बेस्ट ऑफ राजस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें विभिन्न प्रदेश के लोक कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति का जलवा बिखेरेंगे. जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले मत्स्य उत्सव में शहरवासी बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते हैं.

अलवरः जिले की स्थापना दिवस पर तीन दिवसीय मत्स्य उत्सव का भानगढ़ के ऐतिहासिक पर्यटन स्थल से भव्य आगाज हुआ. इसमें पहले दिन बड़ी संख्या में पर्यटक व स्कूली छात्रों ने उत्सव में भाग लिया. ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र पर आने वाले पर्यटकों का राजस्थान की संस्कृति के अनुरूप स्वागत किया गया. इस दौरान पर्यटकों के स्वागत के लिए लोक कलाकारों द्वारा लोक गीत व नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई.

पर्यटन विभाग की सहायक निदेशक टीना यादव ने बताया कि जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित मत्स्य उत्सव का इंतजार पूरे साल शहरवासियों को रहता है. पहले दिन भानगढ़ से हुई शुरू हुई मत्स्य उत्सव की यात्रा दोपहर बाद सिलीसेढ़ झील पर पहुंचेगी. झील की पाल पर लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें लोक कलाकार सिलीसेढ़ झील पर आने वाले पर्यटकों को अपनी प्रस्तुति से रिझाएंगे.

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इसके बाद शाम 6:30 बजे अलवर के आराध्य माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ मंदिर में महाआरती की जाएगी. इसके बाद शाम 7:30 बजे महल चौक में बेस्ट ऑफ राजस्थान सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसमें विभिन्न प्रदेश के लोक कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति का जलवा बिखेरेंगे. जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित किए जाने वाले मत्स्य उत्सव में शहरवासी बढ़ चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते हैं.

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