पटना: बिहार लोक सेवा आयोग अब परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अभ्यर्थियों का मास्टर डेटाबेस तैयार करेगा. इस मास्टर डेटाबेस के आधार पर हर एक अभ्यर्थियों का अपना एक यूनिक आईडी नंबर जनरेट होगा. आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने बताया कि आयोग में जिन नए अभ्यर्थियों का मास्टर डेटा बेस बनेगा वह दोबारा जब किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें डेटा बेस के जरिए ही आवेदन करना होगा. फर्जी अभ्यर्थी शामिल होने से पहले ही पकड़े जाएंगे.
फॉर्म अप्लाई करते ही खुलेगा डेटा बेस: आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने बताया कि मास्टर डेटा बेस तैयार करने के दौरान अभ्यर्थियों के साथ पिता के नाम, अभ्यर्थी की जन्म तिथि, आधार नंबर और जाति की श्रेणी को इसमें रखा जाएगा. एक बार डेटा बेस तैयार होने के बाद जब अभ्यर्थी दोबारा किसी परीक्षा के लिए फॉर्म भरेंगे तो उन्हें पहले इस डेटा बेस को खोलना होगा. इसी के आधार पर आवेदन कर सकेंगे.
"बिहार लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों का मास्टर डेटा बेस तैयार करेगा. जिसमें अभ्यर्थी को डिटेल पंजीकृत होने के बाद एक यूनिक आईडी नंबर जनरेट होगा. जब भी अभ्यर्थी आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होंगे. नए अभ्यर्थियों का मास्टर डेटा बेस बनेगा. जब किसी परीक्षा के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें डेटा बेस के जरिए ही आवेदन करना होगा. फर्जी अभ्यर्थी शामिल होने से पहले ही पकड़े जाएंगे." -अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार, आयोग, बीपीएससी
596996 अभ्यर्थियों ने किया था आवेदन: आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने बताया कि तीसरे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा में 87774 पदों के लिए वैकेंसी में 596996 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. इस परीक्षा में 469397 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए जो 78.72% है. इसमें कक्षा 1 से 5 के लिए 160642 अभ्यर्थियों में 116188 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए. कक्षा 6 से 8 के लिए 213937 अभ्यर्थियों में 159711 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए.
कक्षा नौ से दस में 131265 अभ्यर्थी हुए शामिल: उन्होंने कहा कि कक्षा 9 से 10 के लिए 144911 अभ्यर्थियों में 131265 सम्मिलित हुए, कक्षा 11- 12 के लिए 62072 अभ्यर्थियों में 53705 सम्मिलित हुए. एससी एसटी के लिए कक्षा 6 से 10 में संगीत कंप्यूटर और आर्ट्स के लिए 15434 अभ्यर्थियों में 8528 सम्मिलित हुए.
आर्थिक अपराध इकाई कर रही जांच: आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने तीसरे चरण की पहली परीक्षा के दौरान हजारीबाग से गिरफ्तार हुए 270 अभ्यर्थियों के बारे में बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए थे अथवा नहीं. परीक्षा में बैठने से उन्हें रोक नहीं लगाया गया था क्योंकि इस मामले की अभी आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है और न्यायालय से अभी यह अभ्यर्थी दोषी साबित नहीं हुए हैं.
अलग-अलग रंगों के प्रश्न पत्र गड़बड़ी रूकी है: उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध इकाई जांच में अगर दोषी साबित होते हैं तो उनके रिजल्ट पर रोक लगा दी जाएगी. उन्होंने बताया कि विभिन्न रंगों के अलग-अलग प्रश्न पत्र सेट करने से इस बार परीक्षा में पेपर लीक रुका है. आगे की आयोग की सभी प्रकार की परीक्षाओं में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
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