जोधपुर: बीस दिन से चल रहे अनिता चौधरी हत्याकांड के मामले में आखिरकार सरकार और धरना दे रहे परिजनों व समाज के लोगों के बीच सहमति बन गई है. इसके तहत परिजनों की लगभग सभी मांगें मान ली गई है. इसके तहत जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के जिला पश्चिम के डीसीपी राजऋषि राज वर्मा और सरदारपुरा थाना अधिकारी दिलीप सिंह शेखावत को हटाया जाएगा. सरकार सीबीआई जांच की अनुशंसा करेगी. पूरे मामले की जांच के लिए संभाग स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी. मृतका अनिता चौधरी के पुत्र को संविदा पर नौकरी मिलेगी.
ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने इस प्रकरण पर पुलिस प्रशासन के साथ हुई वार्ता का ब्यौरा देते हुए बताया कि मुआवजे की राशि सरकार की ओर से नियमानुसार मिलेगी. बाकी सर्व समाज के सहयोग से मिलेगी. विधायक ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं हो.
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आज ही होगा अंतिम संस्कार: नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि इस घटनाक्रम में अनिता के परिजनों ने बहुत हिम्मत रखी. वे डरे नहीं. उनके साथ जिन-जिन लोगों ने समर्थन दिया, उन सभी को धन्यवाद. जिनकी वजह से आज अनिता चौधरी को न्याय मिला है. बेनीवाल ने कहा कि दोबारा पोस्टमार्टम नहीं होगा. आज ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. अनिता के पति मनमोहन चौधरी ने बताया कि हनुमान बेनीवाल की वजह से ही हमें न्याय मिला है. इस घोषणा के दौरान सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी, डीसीपी ईस्ट आलोक श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.
एडीजी से हुई वार्ता: सर्किट हाउस में मंगलवार सुबह से दोपहर करीब 1:00 बजे तक लगातार एडीजी विशाल बंसल के साथ बेनीवाल, विधायक सियोल और जोशी की पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह की वार्ता हुई. सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद कुड़ी स्थित वीर तेजा मंदिर में धरना समाप्त करने की घोषणा की गई और बातचीत का ब्योरा सार्वजनिक किया गया.
यह था मामला: गत 27 अक्टूबर को अनिता अपने पार्लर को बंद कर ऑटो से गंगाना गांव गई थी. ऑटो के आगे एक्टिवा पर आरोपी गुलामुद्दीन चल रहा था. अनिता की गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब पड़ताल की तो गुलामुद्दीन के घर के पास ऑटो चालक द्वारा उसे छोड़ने का पता चला था. इसके बाद अनिता की हत्या कर 6 टुकड़ों में शव गाड़ने का खुलासा हुआ था. गुलामुद्दीन की पत्नी आबिदा को पुलिस ने इस मामले में सहआरोपी के रूप में गिरफ्तार किया है, जबकि गुलामुद्दीन को मुंबई से पुलिस पकड़ कर लाई थी. इस मामले में सामने आए एक ऑडियो में तैयब अंसारी का नाम आया था, लेकिन गुलामुद्दीन और तैयब अंसारी के बीच पुलिस कोई लिंक ढूंढ नहीं पाई. इसके चलते उसे अभी तक आरोपी नहीं बनाया गया है.