जयपुर. अलवर के प्राइवेट हॉस्पिटल में हुए दुष्कर्म मामले में चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर गठित कमेटी ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. इसमें सामने आया कि आरोपी बिना योग्यता व कौंसिल में बिना पंजीयन अस्पताल में कार्यरत था. ऐसे में अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. साथ ही आरोपी जीएनएम छात्र को नर्सिंग कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया है. वहीं, अब सरकार ने सभी निजी चिकित्सा संस्थानों से कार्यरत स्टाफ की जानकारी भी मांगी है.
अलवर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में नर्सिंगकर्मी की ओर से बेहोशी का इंजेक्शन देकर महिला से दुष्कर्म करने के मामले में राजस्थान नर्सिंग कौंसिल जयपुर ने अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही प्रदेश के सभी प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ की सूचना मांगी है. चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह ने मामले में एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे. राजस्थान नर्सिंग कौंसिल ने चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर कमेटी का गठन किया. जांच कमेटी ने बुधवार को ही मामले की जांच-पड़ताल कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी.
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जांच में पाया गया कि आरोपी चिराग यादव हॉस्पिटल में नर्सिंग हेल्पर के रूप में कार्यरत था, लेकिन नर्सिंग कौंसिल की ओर से रजिस्टर्ड नर्स नहीं है. ऐसे में नर्सिंग कौंसिल ने निजी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि बिना पंजीयन के अयोग्य होते हुए अस्पताल में चिराग यादव का नियोजन किस आधार पर किया. साथ ही नर्सिंग कौंसिल के निर्देशों पर चिराग यादव को स्कूल ऑफ नर्सिंग हरीश हॉस्पिटल से भी निष्कासित कर दिया गया है.
वहीं, एसीएस हेल्थ शुभ्रा सिंह के निर्देश पर राजस्थान नर्सिंग कौंसिल ने प्रदेश के सभी प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों को पत्र जारी कर संस्थान में कार्यरत सभी नर्सिंग स्टाफ की पात्रता, नर्सिंग कौंसिल में पंजीयन सहित दूसरी सूचनाएं मांगी हैं. साथ ही जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रविप्रकाश माथुर ने अलवर के सीएमएचओ को इस प्रकरण में कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अस्पताल में कार्यरत कार्मिक की योग्यता को लेकर और अन्य अनियमितताएं पाए जाने पर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट/रूल्स के तहत पंजीकरण निरस्त करने के भी निर्देश दिए हैं.