पटनाः नए साल पर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खोल देने की बात कहकर सूबे की सियासत में गर्मी ला दी थी. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार साथ आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, अपने पिता से अलग राय रखते हैं. उन्होंने, नीतीश कुमार के स्वागत के सवाल पर स्पष्ट कुछ नहीं कहा, लेकिन पिता के बयान का समर्थन नहीं किया.
"बार-बार (क्या नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा बनेंगे) टिप्पणी क्या करना है. मैं तो पहले ही बोल चुका हूं. लालू जी से मीडिया के लोग बार-बार सवाल पूछते हैं तो मीडिया को ठंडाने के लिए लालू जी बयान दे देते हैं."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
नीतीश के पाला बदलने की चर्चाः तेजस्वी यादव गुरुवार दो जनवरी को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने राजभवन पहुंचे थे. राज भवन में ही मीडिया से बातचीत करते हुए तेजस्वी यादव ने लालू यादव के बयान का खंडन करते हुए अपनी बात रखी. बता दें कि बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होना है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पाला बदलने की चर्चा जोरों से चल रही है.
क्या कहा था लालू ने: नए साल पर पटना में एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा था-"नीतीश कुमार आते हैं तो काहे नहीं लेंगे साथ. रहें साथ में और काम करें. हां रख लेंगे. माफ कर देंगे उनको. हमलोग मिल बैठकर फैसला लेते हैं. हमारा दरवाजा उनके लिए हमेशा खुला है, उनको भी दरवाजा खोलना चाहिए." लालू यादव के इस बयान का जेडीयू नेताओं ने भी खंडन किया था.
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