पटना: बिहार में 28 जनवरी को एनडीए सरकार का गठन हुआ. पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार को गिराने का संकेत देते हुए कहा था कि 'खेला' होना बाकी है. इसके बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि वे क्या जनता को झूठी और एकतरफा झांकी दिखाएंगे. राजद की पूरी फिल्म तो लोग उनके माता-पिता के राज में देख ही चुके हैं.
"जिन लोगों ने 2020 के जनादेश का अपहरण कर 17 महीने राज किया, वो झांकी दिखाना चाहते हैं, तो दिखायें कि इतने दिनों में बालू-शराब माफिया ने कितनी बार पुलिस पर हमले किये. कितने दरोगाा-सिपाही ट्रैक्टर से कुचल कर मारे गए. कब-कब खनन विभाग के अफसरों को दौड़ा कर पीटा गया. हाल में जिन लोगों ने कार्यपालक अधिकारी को पीट कर अधमरा किया था, वे किसके रिश्तेदार हैंं."- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, भाजपा
नौकरी के बदले जमीन घोटाले पर सवालः सुशील मोदी ने कहा कि झांकी दिखाने वाले अपने पिछले कार्यकाल के मॉल-मिट्टी घोटाले का फ्लैश बैक और रेलवे की नौकरी के बदले जमीन लेने का ट्रेलर भी दिखायें. उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में विशेष न्यायालय के संज्ञान लेने और राबड़ी देवी, मीसा यादव सहित 9 आरोपियों को कोर्ट में नौ फरवरी को उपस्थित होना है. तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि सच क्या है.
मोदी ने पूछा, अमित कात्याल कौन हैः मोदी ने कहा कि ईडी ( प्रवर्तन निदेशालय ) के आरोप पत्र में न्यायालय के समक्ष ठोस प्रमाण रखे गए हैं, इसलिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को 17 महीनों में लोगों को नौकरी देने और विकासगाथा की फर्जी झांकी दिखाने के बजाय बिहार के सीने पर खून से लथपथ माफियागाथा लिखने के लिए प्रायश्चित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लालू परिवार जनता को बताये कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की कीमती जमीन मिट्टी के मोल खरीदी.
लोगों का ध्यान बंटाने का प्रयासः सुशील मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव बताएं कि वे इतनी कम उम्र में बिना कोई नौकरी-व्यवसाय किए दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए. कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी. मोदी ने कहा कि एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद लालू परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. लोगों का ध्यान बंटाने के लिए झांकी-नौटंकी दिखा रहे हैं.
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