हमीरपुर: आज से कुछ साल पहले ड्राइविंग के पेशे को सिर्फ पुरुषों के साथ ही जोड़ कर देखा जाता था. महिलाओं के लिए ड्राइविंग का करियर सही नहीं माना जाता था. सड़कों पर कुछ महिलाएं अक्सर कार और अन्य छोटे वाहन चलाती नजर आ जाती थीं, लेकिन अब धीरे धीरे तस्वीर बदल रही है. महिलाएं भी अब ड्राइविंग को बतौर अपना करियर बना रही हैं और बस-ट्रक चलाती हुई नजर आ जाती हैं, किसी जमाने में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, लेकिन धीरे धीरे 21वीं सदी में ये बेड़ियां टूट चुकी हैं.
एचआरटीसी हमीरपुर डिपो के ड्राइविंग स्कूल में एमए की छात्रा तमन्ना धीमान पिछले दो माह से बस चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं. अब खुद बस को चला रही हैं. तमन्ना धीमान को स्टीयरिंग पर बैठा देख लोग हैरान रह जाते हैं और उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो जाती है. तमन्ना धीमान को डीएम अपने कार्यालय में टोपी पहनाकर सम्मानित कर चुके हैं. हमीरपुर डिवीजन और डिपो का स्टाफ भी तमन्ना धीमान का हौंसला बढ़ता हुआ नजर आता है.
बता दें कि 22 वर्षीय तमन्ना धीमान जंगलरोपा गांव से संबंध रखती हैं और ड्राइविंग प्रशिक्षण के अलावा एमए पॉलिटिकल साइंस की स्टडी भी साथ में कर रही हैं. अब बीएड में भी उनका चयन हो गया है. तमन्ना धीमान के पिता राजेश कुमार खुद ट्रक ड्राइवर हैं और माता मंजू देवी गृहणी हैं, जबकि उसका बड़ा भाई मनीष धीमान ऊना अस्पताल में 108 एंबुलेंस चालक हैं और दूसरा भाई साहिल धीमान प्राइवेट जॉब करते हैं.
तमन्ना धीमान का कहना है कि, 'वो एचआरटीसी की पहली महिला ड्राइवर सीमा ठाकुर से काफी प्रभावित हैं और उन्हें देखकर ही बस चलाने की प्ररेणा मिली और उसे पूरा करने में लगी हूं. अगर मौका मिला तो वो भी एक दिन एचआरटीसी बस चलाकर हमीरपुर जिले का नाम रोशन करेंगी.' बता दें कि इससे पहले भी तीन युवतियां हमीरपुर बस डिपो में प्रशिक्षण ले चुकी हैं.
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