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गयाजी में ताइवान के नागरिकों ने अपने पूर्वजों का किया पिंडदान, गंगा आरती में भी होंगे शामिल - गयाजी में पिंडदान

Taiwanese Performed Pinda Daan: बिहार का गयाजी देश-विदेश तक प्रसिद्ध है. यहां पूरे साल लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशी भी यहां आकर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं. मंगलवार को ताइवान से 7 लोगों ने पिंडदान किया. पढ़ें पूरी खबर.

गयाजी में पिंडदान
गयाजी में पिंडदान
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 27, 2024, 6:46 PM IST

गयाजी में पिंडदान करने आए ताइवानी महिला

गया: विश्व प्रसिद्ध गयाजी तीर्थ में मंगलवार को अद्भूत नज़ारा देखने को मिला, पवित्र फल्गु नदी के देवघाट पर ताइवान के नागरिकों ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया. सनातन धर्म के अनुसार गयाजी को मोक्षभूमि कहा गया है. मान्यता है कि यहां पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान करने से पुरखों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ती होती है. फल्गु नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम भी माता सीता संग राजा दशरथ का पिंडदान किए थे.

7 ताइवानियों ने किया पिंडदानः मंगलवार को 7 ताइवानियों ने फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पिंडदान और तर्पण किया. इस मौके पर साथ आये टूरिस्ट गाइड गंगाधर ने बताया कि ये लोग बुद्धिस्ट हैं जो बोधगया, राजगीर, नालंदा सहित अन्य बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का परिभ्रमण करने भारत आए हुए हैं. इन्हें गयाजी के बारे में जानकारी मिली तो यहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म कर्मकांड करने पहुचे हैं.

गया में पिंडदान करते ताइवानी नागरिक
गया में पिंडदान करते ताइवानी नागरिक

गयाजी से प्रेरित हुए ताइवानीः बाल गंगाधर ने बताया कि साल 2023 में उनसे मुलाकात हुई थी. ये लोग मुख्यतः बौद्ध धर्म स्थल घूमने आए थे. जब हमने गयाजी में पिंडदान के बारे में बताया तो उन्होंने यहां पिंडदान किया. उन्हें यहां से जाकर बहुत अच्छा लगा. इसके बाद इस वर्ष अपने साथ 7 लोगों को लेकर गयाजी आए हैं. पिंडदान कर कांड कर रहे हैं. गाइड के अनुसार पिंडदान करने के बाद ये लोग बनारस जाएंगे और गंगा स्नान और गंगा आरती में शामिल होने के ताइवान लौट जाएंगे.

"2023 में ताइनवान की टू मेई फेंग से मुलाकात हुई थी. भारत घूमने के लिए आए थे. मैने पिंडदान के बारे में बताया तो इन्होंने भी पिंडदान किया. यहां से जाकर उन्हें काफी अच्छा लगा तो इस बार सात लोगों के साथ पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं. यहां से बनारस में गंगा आरती में शामिल होंगे. इसके बाद अपने देश चले जाएंगे." -बाल गंगाधर, टूरिस्ट गाइड

'पूर्वजों के प्रति रखना जरूरी': पिंडदान करने आयी ताइवानी महिला चू मेई फेंग ने बताया कि "अपने पिता, दादा, दादी व अन्य पूर्वजों का पिंडदान करने आयी है. उन्हें इससे काफी खुशी हो रही है. कहा कि गयाजी के धार्मिक महत्व के बारे में हमने सुना तो पिंडदान करने का निर्णय लिया." उन्होंने कहा कि पिंडदान कर्मकांड से हमें पता चला कि अपने पूर्वजों के प्रति मन में आस्था और सम्मान का भाव रखना चाहिए. इसी भावना के साथ पिंडदान कर्मकांड हमलोगों ने किया है.

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गयाजी में पिंडदान करने आए ताइवानी महिला

गया: विश्व प्रसिद्ध गयाजी तीर्थ में मंगलवार को अद्भूत नज़ारा देखने को मिला, पवित्र फल्गु नदी के देवघाट पर ताइवान के नागरिकों ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया. सनातन धर्म के अनुसार गयाजी को मोक्षभूमि कहा गया है. मान्यता है कि यहां पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान करने से पुरखों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ती होती है. फल्गु नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम भी माता सीता संग राजा दशरथ का पिंडदान किए थे.

7 ताइवानियों ने किया पिंडदानः मंगलवार को 7 ताइवानियों ने फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पिंडदान और तर्पण किया. इस मौके पर साथ आये टूरिस्ट गाइड गंगाधर ने बताया कि ये लोग बुद्धिस्ट हैं जो बोधगया, राजगीर, नालंदा सहित अन्य बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का परिभ्रमण करने भारत आए हुए हैं. इन्हें गयाजी के बारे में जानकारी मिली तो यहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म कर्मकांड करने पहुचे हैं.

गया में पिंडदान करते ताइवानी नागरिक
गया में पिंडदान करते ताइवानी नागरिक

गयाजी से प्रेरित हुए ताइवानीः बाल गंगाधर ने बताया कि साल 2023 में उनसे मुलाकात हुई थी. ये लोग मुख्यतः बौद्ध धर्म स्थल घूमने आए थे. जब हमने गयाजी में पिंडदान के बारे में बताया तो उन्होंने यहां पिंडदान किया. उन्हें यहां से जाकर बहुत अच्छा लगा. इसके बाद इस वर्ष अपने साथ 7 लोगों को लेकर गयाजी आए हैं. पिंडदान कर कांड कर रहे हैं. गाइड के अनुसार पिंडदान करने के बाद ये लोग बनारस जाएंगे और गंगा स्नान और गंगा आरती में शामिल होने के ताइवान लौट जाएंगे.

"2023 में ताइनवान की टू मेई फेंग से मुलाकात हुई थी. भारत घूमने के लिए आए थे. मैने पिंडदान के बारे में बताया तो इन्होंने भी पिंडदान किया. यहां से जाकर उन्हें काफी अच्छा लगा तो इस बार सात लोगों के साथ पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं. यहां से बनारस में गंगा आरती में शामिल होंगे. इसके बाद अपने देश चले जाएंगे." -बाल गंगाधर, टूरिस्ट गाइड

'पूर्वजों के प्रति रखना जरूरी': पिंडदान करने आयी ताइवानी महिला चू मेई फेंग ने बताया कि "अपने पिता, दादा, दादी व अन्य पूर्वजों का पिंडदान करने आयी है. उन्हें इससे काफी खुशी हो रही है. कहा कि गयाजी के धार्मिक महत्व के बारे में हमने सुना तो पिंडदान करने का निर्णय लिया." उन्होंने कहा कि पिंडदान कर्मकांड से हमें पता चला कि अपने पूर्वजों के प्रति मन में आस्था और सम्मान का भाव रखना चाहिए. इसी भावना के साथ पिंडदान कर्मकांड हमलोगों ने किया है.

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