वाराणसी: गर्मी का मौसम आते ही सबसे बड़ा डर गर्म हवा (लू) के प्रकोप व हीट स्ट्रोक (तापघात) का रहता है. इस समय वाराणसी का टेंपरेचर 36 डिग्री चल रहा है. ऐसे में तेज धूप लोगों को परेशान कर रही है. लू और हीट स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ गया है. ऐसे में ये जानना सबसे ज्यादा जरूरी है, कि कैसे खुद को सुरक्षित रखे.इसको लेकर वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए इससे बचाव के उपाय भी बताए हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों में मरीजों के इलाज के लिए सभी तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लोगों को गर्मी से बचने के लिए एडवाइजरी भी जारी की है.
गर्म हवा (लू) के प्रकोप व हीट स्ट्रोक (तापघात) से बचाव के लिए वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी से जुट गया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी का कहना है कि इस मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी दौरा पड़ना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मिचली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती है. इससे बचाव के लिए प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी है.
जिला स्तरीय चिकित्सालयों को जारी निर्देश: उन्होंने कहा कि आगामी गर्मी के प्रभाव और इसके कारण होने वाले रोगों के प्रबंधन व प्रभावी तैयारियों के लिए सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों को निर्देशित किया गया है. अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट क्रैम्प और हीट वेव से होने वाली समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें. सीएमओ ने बताया कि गर्म हवा और तेज धूप से जन-हानि भी हो सकती है. सबसे ज्यादा खतरा एक वर्ष से कम आयु के शिशु व अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती, बाह्य वातावरण में कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्तियों को है.
इन बातों का रखें खास ध्यान: पिछले कुछ दिनों से वाराणसी में तापमान भी बढ़ रहा है. ऐसे में लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए कई सावधानियां बताई गईं हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि, तेज धूप और गर्म हवा से बचें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें, जितनी बार हो सके पानी पीयें, प्यास न लगे तो भी पानी पीयें, हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें, धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें. साथ सफर में अपने साथ पानी रखें. शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं.
इस तरीके से भी खुद को रखें सेफ: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि, अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें. घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम पना इत्यादि का सेवन करें. अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करे. रात में खिड़किया खुली रखें. ढीले कपड़े का उपयोग करें. ठंडे पानी से बार-बार नहाएं. अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें. इसके साथ ही धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं वृद्धजनों को न छोड़े.
घरों में रहने के दौरान रखें ये खास ध्यान: स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि, खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे. इसके साथ ही उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें, बासी भोजन न करें, खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, जिससे कि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके. साथ ही उन खिड़कियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैं, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए. स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें.
लू या स्ट्रोक दौरान प्राथमिक उपचार:
- व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं.
- एबुलेंस को फोन करें (108) एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं.
- व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुलाएं.
- अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं.
- जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें.
- शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें.
- ओआरएस का घोल पिलाए.
- गीले कपड़े या स्पंज रखें.
- पंखे से शरीर पर हवा डालें.