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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने के दिए आदेश, यह है मामला

जेवीवीएनएल के एईएन से मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मलिंगा को सरेंडर करने का आदेश दिया है.

SUPREME COURT ORDERS FORMER MLA,  FORMER MLA GIRRAJ SINGH MALINGA
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने के दिए आदेश. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 8, 2024, 3:45 PM IST

नई दिल्ली/ जयपुरः सुप्रीम कोर्ट ने जेवीवीएनएल के एईएन से मारपीट के मामले में धौलपुर के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है. जस्टिस वी रामसुब्रहमण्यम और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश गिर्राज सिंह मलिंगा की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है.

कोर्ट ने दिया ये आदेशः इस मामले में पूर्व विधायक मलिंगा की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तो सरकार की तरफ से एएजी शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की. सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से फोटोग्राफ पेश करके अदालत को बताया गया कि प्रकरण में उससे गंभीर मारपीट हुई है. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की मारपीट को सहन नहीं किया जा सकता है. मलिंगा पहले दो सप्ताह में सरेंडर करे, उसके बाद ही अदालत एसएलपी पर सुनवाई करेगी.

पढ़ेंः पूर्व विधायक को सुप्रीम कोर्ट से राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक - Stay on High Court order

यह है मामलाः मामले के अनुसार जेवीवीएनएल के सहायक अभियंता हर्षाधिपति की ओर से मार्च, 2022 में बाड़ी थाने में मलिंगा और उसके साथियों पर मारपीट करने सहित एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. वहीं, 17 मई, 2022 को हाईकोर्ट ने मलिंगा को जमानत का लाभ दे दिया. इस आदेश को पीड़ित ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जमानत मिलने के बाद पीड़ित को धमकाया गया और मलिंगा ने जुलुस निकालकर कानून का मजाक उड़ाया. मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर उसे तीस दिन में सरेंडर करने को कहा. इस आदेश को मलिंगा ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस पर गत 22 जुलाई को अंतरिम सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मलिंगा को राहत दी थी.

नई दिल्ली/ जयपुरः सुप्रीम कोर्ट ने जेवीवीएनएल के एईएन से मारपीट के मामले में धौलपुर के बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को दो सप्ताह में सरेंडर करने को कहा है. जस्टिस वी रामसुब्रहमण्यम और जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश गिर्राज सिंह मलिंगा की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है.

कोर्ट ने दिया ये आदेशः इस मामले में पूर्व विधायक मलिंगा की तरफ से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने तो सरकार की तरफ से एएजी शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की. सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से फोटोग्राफ पेश करके अदालत को बताया गया कि प्रकरण में उससे गंभीर मारपीट हुई है. इस पर अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह की मारपीट को सहन नहीं किया जा सकता है. मलिंगा पहले दो सप्ताह में सरेंडर करे, उसके बाद ही अदालत एसएलपी पर सुनवाई करेगी.

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यह है मामलाः मामले के अनुसार जेवीवीएनएल के सहायक अभियंता हर्षाधिपति की ओर से मार्च, 2022 में बाड़ी थाने में मलिंगा और उसके साथियों पर मारपीट करने सहित एससी, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. वहीं, 17 मई, 2022 को हाईकोर्ट ने मलिंगा को जमानत का लाभ दे दिया. इस आदेश को पीड़ित ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जमानत मिलने के बाद पीड़ित को धमकाया गया और मलिंगा ने जुलुस निकालकर कानून का मजाक उड़ाया. मलिंगा के खिलाफ गवाह को धमकाने को लेकर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 5 जुलाई को मलिंगा को मिली जमानत को रद्द कर उसे तीस दिन में सरेंडर करने को कहा. इस आदेश को मलिंगा ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. इस पर गत 22 जुलाई को अंतरिम सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए मलिंगा को राहत दी थी.

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