शिमला: युवा जब भी कोई बड़ी परीक्षा के लिए जाते हैं तो उनके मन में नेगेटिव मार्किंग का डर होता है. यही डर उन्हें बेहतर परफॉर्म करने के लिए प्रेरणा भी देता है. हिमाचल में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने सरकारी अफसरों व कर्मचारियों के मन में अब लक्ष्य प्राप्ति के लिए काम करने का सार्थक डर बैठाने का प्रयास किया है. अब सालाना गोपनीय रिपोर्ट यानी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट, जिसे सरकारी सेक्टर में एसीआर के नाम से अधिक जाना जाता है, को बेहतर बनाने के लिए लक्ष्य हासिल करना होगा.
अब होगी न्यूमेरिकल ग्रेडिंग
अब यूं ही एसीआर बेहतर नहीं होगी. इसके लिए सरकार की तरफ से तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करना होगा. यही नहीं, परफॉर्मेंस की दौड़ की परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी. अब सालाना गोपनीय रिपोर्ट में पहले की तरह गुड, वेरी गुड या आउटस्टैंडिंग नहीं लिखा जाएगा. इसके बदले न्यूमेरिकल ग्रेडिंग होगी. यानी एक से लेकर दस तक नंबर दिए जाएंगे. इसी तरह कर्मचारियों के लिए एपीएआर यानी एनुअल परफॉर्मेंस असेसमेंट रिपोर्ट में भी न्यूमेरिकल व्यवस्था होगी. इससे सरकारी कामकाज में सुधार आएगा और लक्ष्य हासिल करने के लिए काम का दबाव भी बनेगा.
एसीआर से नंबर भी कटेंगे
यदि अफसरों ने तय लक्ष्य हासिल नहीं किए तो एसीआर में नंबर काटे जाएंगे. इससे न केवल प्रमोशन बाधित होगी, बल्कि वेतन वृद्धि में भी रुकावट आएगी. सरकार के सभी विभागों के लिए एक साल का प्लान तैयार होगा. उसमें अफसरों व कर्मचारियों के लिए लक्ष्य रखे जाएंगे. शिक्षा विभाग का उदाहरण लें तो वहां प्रधानाचार्यों की एसीआर में रिजल्ट व स्कूल की ओवरऑल परफॉर्मेंस काउंट की जाएगी. डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ने इसके लिए सारी नियमावली बना दी है. कैबिनेट में सारा केस डिस्कस हो चुका है और अब सिर्फ नोटिफिकेशन का इंतजार है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार के इसी कदम पर अपने बयान में कहा कि इससे सरकारी सेक्टर की कार्यकुशलता बढ़ेगी. अफसरों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होगी. साथ ही विकास कार्यों के लक्ष्य समय पर हासिल करने में सफलता मिलेगी.