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उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव को लेकर 'HIGH' हुआ पारा, सड़कों पर उतरे स्टूडेंट्स, विरोध में फूंका पुतला

छात्रसंघ चुनाव को लेकर प्रदेशभर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. छात्रों ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंककर अपना विरोध जताया है.

Mussoorie College Student protest
मसूरी कॉलेज में छात्रों का हंगामा (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2024, 3:18 PM IST

Updated : Oct 26, 2024, 5:23 PM IST

मसूरीः उत्तराखंड में राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में निरस्त हुए छात्रसंघ चुनाव के बाद विश्वविद्यालयों के छात्रों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. शनिवार को देहरादून के डीएवी कॉलेज और मसूरी एमपीजी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया. छात्रों में शिक्षा मंत्री के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोकतांत्रिक हक को मार दिया है. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अगर छात्र नेता नहीं होंगे तो शिक्षक व प्रबंधक छात्रों से जुड़े मुद्दों की अनदेखी करेंगे. इतना ही नहीं, छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 4 नंवबर तक छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग नहीं मानी जाती तो वह अनिश्चितकाल के लिए कॉलेज में तालाबंदी कर देंगे और पढ़ाई नहीं होने देंगे.

उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव को लेकर 'HIGH' हुआ पारा (VIDEO-ETV Bharat)

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि भाजपा सरकार पर नौकरशाही हावी हो चुकी है. उन्होंने महाविद्यालयों के निजीकरण करने की साजिश रचने और छात्रसंघ को समाप्त कर छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व के दो वर्षों में भी छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों के विपरीत नवंबर-दिसंबर में संपन्न हुए. इतना ही नहीं, छात्रों ने कहा कि बीजेपी को इस बार उपचुनाव और निकाय चुनाव में हार का डर सता रहा है. इस कारण सरकार छात्र संघ चुनावों को करवाने से बच रही है.

मसूरी में छात्रों ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका और कॉलेज में तालाबंदी की धमकी दी. (VIDEO-ETV Bharat)

ये है मामला: बता दें कि, देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचारपत्रों में 25 अक्टूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था. इसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं कराए और ना ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए, जो लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है. इससे छात्रों की पढ़ाई में असर पड़ रहा है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर जनहित याचिका को निरस्त कर दिया.

ये भी पढ़ेंः ऋषिकेश में 100 से अधिक छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, छात्र संघ चुनाव को लेकर विवि कैंपस में किया था हंगामा

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में इस सत्र में अब नहीं होंगे छात्र संघ चुनाव, नैनीताल हाईकोर्ट ने निस्तारित की जनहित याचिका

मसूरीः उत्तराखंड में राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में निरस्त हुए छात्रसंघ चुनाव के बाद विश्वविद्यालयों के छात्रों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. शनिवार को देहरादून के डीएवी कॉलेज और मसूरी एमपीजी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया. छात्रों में शिक्षा मंत्री के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोकतांत्रिक हक को मार दिया है. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अगर छात्र नेता नहीं होंगे तो शिक्षक व प्रबंधक छात्रों से जुड़े मुद्दों की अनदेखी करेंगे. इतना ही नहीं, छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 4 नंवबर तक छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग नहीं मानी जाती तो वह अनिश्चितकाल के लिए कॉलेज में तालाबंदी कर देंगे और पढ़ाई नहीं होने देंगे.

उत्तराखंड में छात्रसंघ चुनाव को लेकर 'HIGH' हुआ पारा (VIDEO-ETV Bharat)

प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि भाजपा सरकार पर नौकरशाही हावी हो चुकी है. उन्होंने महाविद्यालयों के निजीकरण करने की साजिश रचने और छात्रसंघ को समाप्त कर छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्व के दो वर्षों में भी छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों के विपरीत नवंबर-दिसंबर में संपन्न हुए. इतना ही नहीं, छात्रों ने कहा कि बीजेपी को इस बार उपचुनाव और निकाय चुनाव में हार का डर सता रहा है. इस कारण सरकार छात्र संघ चुनावों को करवाने से बच रही है.

मसूरी में छात्रों ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका और कॉलेज में तालाबंदी की धमकी दी. (VIDEO-ETV Bharat)

ये है मामला: बता दें कि, देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचारपत्रों में 25 अक्टूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था. इसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं कराए और ना ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए, जो लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है. इससे छात्रों की पढ़ाई में असर पड़ रहा है. जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर जनहित याचिका को निरस्त कर दिया.

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Last Updated : Oct 26, 2024, 5:23 PM IST
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