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SDM थप्पड़ कांडः कलेक्टर सौम्या झा ने बताई उस दिन की हकीकत, इस वजह से आई थी सुर्खियों में

देवली-उनियारा में वोटिंग के दौरान हुए थप्पड़ कांड के बाद अब टोंक कलेक्टर डॉ. सौम्या झा का बयान सामने आया है

NARESH MEENA SLAPED SDM ISSUE
थप्पड़ कांड पर कलेक्टर का बयान (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

टोंक : देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान थप्पड़ कांड के बाद जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने उपचुनाव के दौरान के पूरे घटनाक्रम को बताया है. साथ ही यह भी कहा कि इस पूरे मामले में प्रशासन ने संयम के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया है.

कलेक्टर डॉ. सौम्या झा का कहना है कि दो-तीन लोगों ने मतदान किया था, इसके लिए एसडीएम को दोषी ठहराते हुए नाराज होकर नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद एसडीएम ने एफआईआर रजिस्टर करवाई थी और गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था. इस पर हमारा आंकलन था कि मतदान प्रक्रिया के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उससे पहले कार्रवाई करने पर कैंडिडेट का चुनाव को लेकर हक मारा जाता. साथ ही आशंका यह भी थी कि अगर हम कोई एक्शन लेते हैं तो री-एक्शन के तौर पर उनके समर्थक बूथ पर अटैक कर सकते हैं, इसलिए हमने निर्णय किया कि मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोलिंग स्टेशन से EVM के रवाना होने तक का इंतजार किया गया, जहां एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंची, इस दौरान कानून व्यवस्था को हाथ में लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से आए लोगों ने इस पूरे मामले में गड़बड़ की है.

टोंक कलेक्टर डॉ. सौम्या झा (ETV Bharat Tonk)

मौके पर नहीं जाने को लेकर कहीं यह बात : कलेक्टर ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की ओर से धरना स्थल पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर उन्होंने कहा कि उस समय फोन पर बात करने की कोशिश की गई थी. उन्होंने खुद अपने मोबाइल से नरेश मीणा के पास कई बार फोन किया, नरेश मीणा ने फोन नहीं उठाया. चुनाव के दौरान लिखित आश्वासन देना संभव नहीं था. टोंक कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर आचार संहिता के कारण कोई कार्रवाई तत्काल नहीं की जा सकती थी.

इसे भी पढे़ं- देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने एसडीएम को जड़ा थप्पड़, देखिए वीडियो

पटरी पर लौट रहे हैं हालात : आगजनी और पत्थरबाजी को लेकर कलेक्टर ने कहा कि बाहर से आए समर्थकों ने पत्थरबाजी और आगजनी की. इसमें स्थानीय ग्रामीणों की कोई गलती नहीं है. बाहरी लोगों ने माहौल बिगाड़ा. अब मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने लोगों को समझाया है. स्थानीय अधिकारियों ने भी ग्रामीणों से बात की है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, नियमानुसार नुकसान की भरपाई की जाएगी.

यह था पूरा मामला : टोंक की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उप चुनाव की वोटिंग के दौरान ग्रामीणों की ओर से मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया गया था. यहां के स्थानीय लोग एक रास्ते और तहसील के विवाद के कारण वोटिंग की प्रक्रिया से दूर थे. इस दौरान पोलिंग स्टेशन पर एसडीएम और कुछ लोगों पर गलत तरीके से जबरन वोट डलवाने का आरोप लगा और विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ जड़ दिया था और समरावता में बवाल हो गया.

जानिए कौन हैं सौम्या झा : सौम्या झा का जन्म 8 जून 1993 को हुआ था. उन्होंने 2016 में यूपीएससी एग्जाम पास करते हुए 58वीं रैंक हासिल की थी. सौम्या का पहले हिमाचल कैडर था, जिसे बाद में बदलवाकर राजस्थान करवा लिया गया. सौम्या झा टोंक में कलेक्टर बनने से पहले जयपुर में जिला परिषद की सीईओ और उदयपुर में एसडीएम भी रह चुकी हैं. उन्हें वर्ष 2024 की शुरुआत में टोंक जिले का कलेक्टर बनाया गया था. यहां उन्होंने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ एक्शन लिया था, जिसके बाद वे सुर्खियों में आ गई.

टोंक : देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान थप्पड़ कांड के बाद जिला कलेक्टर डॉ सौम्या झा बयान सामने आया है. इसमें उन्होंने उपचुनाव के दौरान के पूरे घटनाक्रम को बताया है. साथ ही यह भी कहा कि इस पूरे मामले में प्रशासन ने संयम के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया है.

कलेक्टर डॉ. सौम्या झा का कहना है कि दो-तीन लोगों ने मतदान किया था, इसके लिए एसडीएम को दोषी ठहराते हुए नाराज होकर नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया था. इसके बाद एसडीएम ने एफआईआर रजिस्टर करवाई थी और गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया था. इस पर हमारा आंकलन था कि मतदान प्रक्रिया के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि उससे पहले कार्रवाई करने पर कैंडिडेट का चुनाव को लेकर हक मारा जाता. साथ ही आशंका यह भी थी कि अगर हम कोई एक्शन लेते हैं तो री-एक्शन के तौर पर उनके समर्थक बूथ पर अटैक कर सकते हैं, इसलिए हमने निर्णय किया कि मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोलिंग स्टेशन से EVM के रवाना होने तक का इंतजार किया गया, जहां एसडीएम को थप्पड़ मारने के आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंची, इस दौरान कानून व्यवस्था को हाथ में लिया गया. उन्होंने यह भी कहा कि बाहर से आए लोगों ने इस पूरे मामले में गड़बड़ की है.

टोंक कलेक्टर डॉ. सौम्या झा (ETV Bharat Tonk)

मौके पर नहीं जाने को लेकर कहीं यह बात : कलेक्टर ने निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की ओर से धरना स्थल पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर उन्होंने कहा कि उस समय फोन पर बात करने की कोशिश की गई थी. उन्होंने खुद अपने मोबाइल से नरेश मीणा के पास कई बार फोन किया, नरेश मीणा ने फोन नहीं उठाया. चुनाव के दौरान लिखित आश्वासन देना संभव नहीं था. टोंक कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर आचार संहिता के कारण कोई कार्रवाई तत्काल नहीं की जा सकती थी.

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पटरी पर लौट रहे हैं हालात : आगजनी और पत्थरबाजी को लेकर कलेक्टर ने कहा कि बाहर से आए समर्थकों ने पत्थरबाजी और आगजनी की. इसमें स्थानीय ग्रामीणों की कोई गलती नहीं है. बाहरी लोगों ने माहौल बिगाड़ा. अब मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने लोगों को समझाया है. स्थानीय अधिकारियों ने भी ग्रामीणों से बात की है. नुकसान का आंकलन किया जा रहा है, नियमानुसार नुकसान की भरपाई की जाएगी.

यह था पूरा मामला : टोंक की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उप चुनाव की वोटिंग के दौरान ग्रामीणों की ओर से मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया गया था. यहां के स्थानीय लोग एक रास्ते और तहसील के विवाद के कारण वोटिंग की प्रक्रिया से दूर थे. इस दौरान पोलिंग स्टेशन पर एसडीएम और कुछ लोगों पर गलत तरीके से जबरन वोट डलवाने का आरोप लगा और विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीना ने SDM को थप्पड़ जड़ दिया था और समरावता में बवाल हो गया.

जानिए कौन हैं सौम्या झा : सौम्या झा का जन्म 8 जून 1993 को हुआ था. उन्होंने 2016 में यूपीएससी एग्जाम पास करते हुए 58वीं रैंक हासिल की थी. सौम्या का पहले हिमाचल कैडर था, जिसे बाद में बदलवाकर राजस्थान करवा लिया गया. सौम्या झा टोंक में कलेक्टर बनने से पहले जयपुर में जिला परिषद की सीईओ और उदयपुर में एसडीएम भी रह चुकी हैं. उन्हें वर्ष 2024 की शुरुआत में टोंक जिले का कलेक्टर बनाया गया था. यहां उन्होंने अवैध बूचड़खानों के खिलाफ एक्शन लिया था, जिसके बाद वे सुर्खियों में आ गई.

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