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साल 2023 के लिए राज्य शिक्षक पुरस्कार की घोषणा, लखनऊ के रविंद्र कुमार को मिलेगा सम्मान

माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राज्य अध्यापक पुरस्कार की सूची मंगलवार को जारी कर दी है. इसमें लखनऊ के रविंद्र कुमार का नाम भी शामिल है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2024, 11:01 PM IST

लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार की सूची मंगलवार को जारी कर दी. 5 सितंबर 2022 की संशोधित नीति के अनुसार वर्ष 2023 के राज्य चयन समिति द्वारा प्रदेश भर के 11 शिक्षकों को राज शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस लिस्ट में चौधरी प्रेमनाथ सिंह केवी इंटर कॉलेज माछरा मेरठ के प्रधानाचार्य राजेश कुमार त्यागी, महामना मालवीय इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रधानाचार्य डॉक्टर चंद्रमणि सिंह, राजकीय इंटर कॉलेज धनौरा अमरोहा के प्रधानाचार्य पवन कुमार त्यागी, राजकीय हाई स्कूल तालगोटिया बरेली के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र मौर्य, राजकीय इंटर कॉलेज सुल्तानपुर के अध्यापक (मानविकी) केशव प्रसाद सिंह, बीकेटी इंटर कॉलेज लखनऊ के अध्यापक (मानविकी) रविंद्र कुमार, राष्ट्रीय इंटर कॉलेज अमरोहा के अध्यापक (मानविकी) की ऋषिपाल सिंह, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बागपत की अध्यापक (विज्ञान) डॉ. प्रीति शर्मा, एमडी जैन इंटर कॉलेज आगरा के अध्यापक (विज्ञान) डॉ निखिल जैन, एएच इंटर कॉलेज अमेठी के अध्यापक (विज्ञान) डॉ. राम शंकर पांडेय, चित्रकूट इंटर कॉलेज चित्रकूट के अध्यापक (कला) लालमन को राज शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. वहीं इसी कड़ी में प्रदेश के वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय सिद्धू शिक्षकों को भी राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, इसमें श्री सूरज प्रसाद डागा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कासगंज के प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार सिंह और सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कन्नौज के प्रधानाचार्य अनिल कुमार मिश्रा को राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया इस संबंध में विशेष सचिव उमेश चंद्र ने आदेश जारी कर दिए हैं.

57 छात्रों को शुरू किया था भूगोल पढ़ाना आज 500 से अधिक छात्र पढ़ते हैं भूगोल

बीकेटी इंटर कॉलेज के मानविकी विषय के शिक्षक रविंद्र कुमार राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगे. पूरे मंडल से वह इकलौते शिक्षक हैं, जिसे यह सम्मान मिलेगा. भूगोल के प्रवक्ता के रूप में बीकेटी विद्यालय में शुरुआत करने वाले रविंद्र बताते हैं कि वर्ष 2002 में यहां पर भूगोल विषय पढ़ने वालों की संख्या मात्र 57 थी. आज यहां 500 से अधिक छात्र भूगोल में पढ़ाई कर रहे हैं. यह छात्र संख्या जनपद के विद्यालयों में भूगोल पढ़ने वाले छात्रों की लगभग दोगुनी है. वह कक्षा 11 व 12 की भूगोल की किताबों के साथ अभिज्ञान एटलेस मिलाकर कुल 21 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं. समसामयिक विषयों पर भी लेख लिखे हैं। सतत विकास पर अभी तक रविंद्र 7 रिसर्च पेपर दे चुके हैं.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से चांसलर गोल्ड मेडल लेकर निकलने वाले रविंद्र को पिछले 22 सालों में पहला पुरस्कार राज्य शिक्षक के रूप में मिलेगा. रविंद्र बताते हैं कि कक्षा 11 व 12 के भूगोल विषय के सभी टॉपिक के वीडियो भी उन्होंने ऑनलाइन और यूट्यूब पर डाले हैं. जिनसे स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। 1947 के इस विद्यालय में स्काउड गाइड की कोई यूनिट नहीं थी. वर्ष 2019 में यहां उन्होंने इसकी शुरुआत की। 2021 में उन्होंने बालिकाओं को भी शामिल किया. उनके 32 बच्चों का पहला बैच तृतीय सोपान भी पूरा कर चुका है. जनसंख्या वृद्धि, नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साफ-सफाई जागरूकता अभियान जैसे सामाजिक कार्यों के साथ कोरोना के समय से बच्चों के प्रतिवर्ष पांच टेस्ट गूगल फॉर्म के माध्यम से लेते हैं. वह पिछले तीन वर्षों से नेशनल पुरस्कार के लिए अप्लाई कर रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक समेत कई बड़े अधिकारी भी उनके कार्यों की प्रशंसा कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें : एलडीए ने ई-ऑक्शन में बेची 675 करोड़ की व्यावसायिक संपत्तियां, आवंटियों को दिए गए सर्टिफिकेट

लखनऊ: माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार की सूची मंगलवार को जारी कर दी. 5 सितंबर 2022 की संशोधित नीति के अनुसार वर्ष 2023 के राज्य चयन समिति द्वारा प्रदेश भर के 11 शिक्षकों को राज शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस लिस्ट में चौधरी प्रेमनाथ सिंह केवी इंटर कॉलेज माछरा मेरठ के प्रधानाचार्य राजेश कुमार त्यागी, महामना मालवीय इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रधानाचार्य डॉक्टर चंद्रमणि सिंह, राजकीय इंटर कॉलेज धनौरा अमरोहा के प्रधानाचार्य पवन कुमार त्यागी, राजकीय हाई स्कूल तालगोटिया बरेली के प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र मौर्य, राजकीय इंटर कॉलेज सुल्तानपुर के अध्यापक (मानविकी) केशव प्रसाद सिंह, बीकेटी इंटर कॉलेज लखनऊ के अध्यापक (मानविकी) रविंद्र कुमार, राष्ट्रीय इंटर कॉलेज अमरोहा के अध्यापक (मानविकी) की ऋषिपाल सिंह, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज बागपत की अध्यापक (विज्ञान) डॉ. प्रीति शर्मा, एमडी जैन इंटर कॉलेज आगरा के अध्यापक (विज्ञान) डॉ निखिल जैन, एएच इंटर कॉलेज अमेठी के अध्यापक (विज्ञान) डॉ. राम शंकर पांडेय, चित्रकूट इंटर कॉलेज चित्रकूट के अध्यापक (कला) लालमन को राज शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. वहीं इसी कड़ी में प्रदेश के वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालय सिद्धू शिक्षकों को भी राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, इसमें श्री सूरज प्रसाद डागा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कासगंज के प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार सिंह और सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज कन्नौज के प्रधानाचार्य अनिल कुमार मिश्रा को राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया इस संबंध में विशेष सचिव उमेश चंद्र ने आदेश जारी कर दिए हैं.

57 छात्रों को शुरू किया था भूगोल पढ़ाना आज 500 से अधिक छात्र पढ़ते हैं भूगोल

बीकेटी इंटर कॉलेज के मानविकी विषय के शिक्षक रविंद्र कुमार राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित होंगे. पूरे मंडल से वह इकलौते शिक्षक हैं, जिसे यह सम्मान मिलेगा. भूगोल के प्रवक्ता के रूप में बीकेटी विद्यालय में शुरुआत करने वाले रविंद्र बताते हैं कि वर्ष 2002 में यहां पर भूगोल विषय पढ़ने वालों की संख्या मात्र 57 थी. आज यहां 500 से अधिक छात्र भूगोल में पढ़ाई कर रहे हैं. यह छात्र संख्या जनपद के विद्यालयों में भूगोल पढ़ने वाले छात्रों की लगभग दोगुनी है. वह कक्षा 11 व 12 की भूगोल की किताबों के साथ अभिज्ञान एटलेस मिलाकर कुल 21 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं. समसामयिक विषयों पर भी लेख लिखे हैं। सतत विकास पर अभी तक रविंद्र 7 रिसर्च पेपर दे चुके हैं.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से चांसलर गोल्ड मेडल लेकर निकलने वाले रविंद्र को पिछले 22 सालों में पहला पुरस्कार राज्य शिक्षक के रूप में मिलेगा. रविंद्र बताते हैं कि कक्षा 11 व 12 के भूगोल विषय के सभी टॉपिक के वीडियो भी उन्होंने ऑनलाइन और यूट्यूब पर डाले हैं. जिनसे स्टूडेंट्स पढ़ाई करते हैं। 1947 के इस विद्यालय में स्काउड गाइड की कोई यूनिट नहीं थी. वर्ष 2019 में यहां उन्होंने इसकी शुरुआत की। 2021 में उन्होंने बालिकाओं को भी शामिल किया. उनके 32 बच्चों का पहला बैच तृतीय सोपान भी पूरा कर चुका है. जनसंख्या वृद्धि, नियंत्रण, सड़क सुरक्षा, साफ-सफाई जागरूकता अभियान जैसे सामाजिक कार्यों के साथ कोरोना के समय से बच्चों के प्रतिवर्ष पांच टेस्ट गूगल फॉर्म के माध्यम से लेते हैं. वह पिछले तीन वर्षों से नेशनल पुरस्कार के लिए अप्लाई कर रहे हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक समेत कई बड़े अधिकारी भी उनके कार्यों की प्रशंसा कर चुके हैं.

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