पटना : दिल्ली में केंद्र की सरकार नीतीश कुमार के सहयोग से चल रही है. नीतीश कुमार समाजवादी नेता हैं और जेपी आंदोलन के गर्भ से निकले हैं. जेपी की जयंती के मौके पर अखिलेश यादव को माल्यार्पण नहीं करने दिया गया जिसे लेकर समर्थन वापसी का कुचक्र रचा गया.
अखिलेश यादव का हल्ला बोल : संपूर्ण क्रांति के नायक जयप्रकाश नारायण आज भी प्रासंगिक हैं. जेपी के सिद्धांतों को भले ही नेताओं ने भुला दिया है लेकिन जेपी के नाम पर राजनीति जरूर होती है. पुण्यतिथि के मौके पर समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव को माल्यार्पण नहीं करने देने के मामले ने तूल पकड़ लिया. अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को नसीहत तक दे डाली.
समर्थन वापसी का राजनीतिक दाव : दरअसल, जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि मनाई जा रही थी. पुण्यतिथि के मौके पर अखिलेश यादव जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना चाहते थे. प्रशासनिक कारणों अखिलेश यादव माल्यार्पण नहीं कर सके, जिसे लेकर अखिलेश का गुस्सा सातवें आसमान पर था . अखिलेश यादव ने नीतीश कुमार को केंद्र की सरकार से समर्थन वापस लेने की नसीहत दे डाली.
जनता दल यूनाइटेड के हैं 12 सांसद : आपको बता दें कि दिल्ली की सरकार दो सहयोगी दल, जनता दल यूनाइटेड और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के समर्थन से चल रही है. जनता दल यूनाइटेड के 12 सांसद हैं. अखिलेश यादव केंद्र की सरकार को कमजोर करने के लिए नीतीश कुमार पर डोरे डाल रहे हैं. नीतीश कुमार के अलग होने पर भी सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा. लेकिन, जब चंद्रबाबू नायडू और नीतीश दोनों अलग हो जाएंगे तो सरकार गिरने जाएगी.
बिहार और युपी में होने हैं विधानसभा उपचुनाव : दरअसल बिहार और उत्तर प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होने हैं, तो बिहार में चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं. महागठबंधन नेता जेपी के बहाने वोट बैंक की सियासत को धार देना चाहते हैं. उपचुनाव में अधिक से अधिक लाभ हो इसलिए नीतीश कुमार को कटघरे में खड़े कर रहे हैं.
जिसके चलते जेपी जेल गए उसी की गोद में बैठे अखिलेश : भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद रवि शंकर प्रसाद ने अखिलेश यादव पर चौतरफा हमला बोला है. रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जेपी के प्रेमी अखिलेश बाबू कब से हो गए. उनके पिताजी इमरजेंसी के समय जेल में थे. बाद में मुलायम सिंह और अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ खड़े हो गए. जिस कांग्रेस के चलते जेपी जेल में गए और उनकी किडनी खराब हुई, आज उनसे हाथ मिला लिया है.
''अखिलेश जी की उम्र कम है. वह इतिहास पढ़ें और सीखें. हम लोग लड़े हैं और कुर्बानी भी दी है. अखिलेश यादव के वक्तव्य का कोई असर नहीं पड़ता है. हताशा में वह बयान बाजी कर रहे हैं.''- रवि शंकर प्रसाद, प्रवक्ता, बीजेपी
जेडीयू की ओर से ललन सिंह का पलटवार : जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे ललन सिंह ने अखिलेश यादव पर पलटवार किया. जदायू नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि नेताजी की आत्मा कह रही होगी कि जिसके विरुद्ध आंदोलन करके नेताजी की पहचान बनी थी, आज उसकी गोद में अखिलेश बैठे हुए हैं.
आरजेडी ने जताया विरोध : राष्ट्रीय जनता दल विधायक रामानुज प्रसाद ने कहा है कि ''भाजपा के लोगों ने जेपी को भुला दिया है. जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना सबका नैतिक अधिकार है. अखिलेश जी को रोका गया है, हम इसकी मुखालफत करते हैं. नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध करना चाहिए. समय आने पर बिहार की जनता भाजपा और नीतीश कुमार को सबक सिखाने का काम करेगी.''
क्या कहते हैं विश्लेषक : राजनीतिक चिंतक प्रेम कुमार मणि कहते हैं कि ''जयप्रकाश नारायण के नाम पर राजनीति तो जरूर होती है. लेकिन उनके सिद्धांतों को लेकर गंभीरता नहीं दिखती है. अखिलेश यादव ने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं करने देने का मुद्दा उठाया है. यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिससे कि नीतीश कुमार केंद्र की सरकार से समर्थन वापस ले लें. प्रेम कुमार मणि ने कहा कि केंद्र की सरकार की सेहत पर भले ही कोई असर न पड़े लेकिन जेपी जैसे महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं करने देना भी ठीक नहीं है.''
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