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बेटे ने मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, जमीन बेची - fake death certificate

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 23, 2024, 3:57 PM IST

कुचामनसिटी इलाके में एक व्यक्ति ने अपनी ही मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर मां के नाम की जमीन हड़प ली. वृद्धा अपने छोटे बेटे के साथ रहती थी. जब उसे इस फर्जीवाड़े का पता चला तो उसने बड़े बेटे के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा है.

fake  death certificate
बेटे ने मां का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, जमीन बेची (PHOTO ETV Bharat Kuchamancity)

कुचामनसिटी. माता-पिता यह सोचकर संतान की परवरिश करते हैं कि वे बुढ़ापे में सहारा बनेंगे, लेकिन इस दौर में संतानें कलयुगी साबित हो रही है.वे अपने माता पिता को लावारिस हालत में छोड़ रही हैं या उनके जीवित होते हुए ही कागजों में मृत बताकर उनकी प्रोपर्टी हड़प रही हैं. ऐसा ही एक वाकया निकटवर्ती गांव आसपुरा से सामने आया है. यहां पर एक बेटे ने प्रोपर्टी के लालच में अपनी मां को सात साल पहले ही रिकॉर्ड में मृत बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया, जबकि उसकी मां जीवित है.

कुचामन थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि इस मामले में वृद्धा 59 वर्षीय भंवर कंवर पत्नी मदनसिंह राजपूत ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसमें उसने बताया कि उसके पति की 14 साल पहले मौत हो गई थी. इसके बाद आसपुरा में उसके कास्त की जमीन स्वयं के साथ उसके पुत्र रघुवीर सिंह व बलवीर सिंह के नाम हो गई. भंवर कंवर ने बताया कि वह छोटे बेटे के साथ रहती है. इस बीच उसके बड़े पुत्र रघुवीर सिंह व उसकी पत्नी मंजू कंवर ने जिलिया ग्राम पंचायत प्रशासन से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लिए और 4 फरवरी 2019 को उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. इसमें मौत की तारीख 19 अक्टूबर 2017 अंकित करवा ली. इस प्रमाण पत्र के आधार पर बड़े बेटे रघुवीर सिंह ने मां के हिस्से की जमीन अपने नाम करवा ली. बुजुर्ग भंवर कंवर ने बताया कि रघुवीर सिंह ने हड़पी हुई जमीन को अन्य व्यक्ति के नाम बेचाननामा कर दिया, जबकि नियमानुसार वह ऐसा नहीं कर सकता था.

पढ़ें: 25 फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बना श्रम विभाग से ठगे 25 लाख, 5 आरोपी गिरफ्तार

पंचायत ने जिंदा का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र: आसपुरा गांव पहले जिलिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में था, लेकिन इन दिनों ग्राम पंचायत चांदपुरा में शामिल कर दिया गया. वृद्धा भंवर कंवर का मृत्यु प्रमाण पत्र तत्कालीन जिलिया पंचायत से जारी किया गया. जो वर्ष 2019 में 19 अक्टूबर 2017 की मृत्यु तारीख का बना दिया गया. नियमों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने से पहले पंचायत विभाग की ओर से दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन तत्कालीन जिलिया ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक ने बिना दस्तावेजों की जांच किए ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. थानाधिकारी ने बताया कि वृद्धा ने मुकदमा दर्ज करवाया है. मृत्यु प्रमाण पत्र की ग्राम पंचायत से जानकारी जुटाकर जांच की जाएगी.

कुचामनसिटी. माता-पिता यह सोचकर संतान की परवरिश करते हैं कि वे बुढ़ापे में सहारा बनेंगे, लेकिन इस दौर में संतानें कलयुगी साबित हो रही है.वे अपने माता पिता को लावारिस हालत में छोड़ रही हैं या उनके जीवित होते हुए ही कागजों में मृत बताकर उनकी प्रोपर्टी हड़प रही हैं. ऐसा ही एक वाकया निकटवर्ती गांव आसपुरा से सामने आया है. यहां पर एक बेटे ने प्रोपर्टी के लालच में अपनी मां को सात साल पहले ही रिकॉर्ड में मृत बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया, जबकि उसकी मां जीवित है.

कुचामन थानाधिकारी सुरेश कुमार चौधरी ने बताया कि इस मामले में वृद्धा 59 वर्षीय भंवर कंवर पत्नी मदनसिंह राजपूत ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. इसमें उसने बताया कि उसके पति की 14 साल पहले मौत हो गई थी. इसके बाद आसपुरा में उसके कास्त की जमीन स्वयं के साथ उसके पुत्र रघुवीर सिंह व बलवीर सिंह के नाम हो गई. भंवर कंवर ने बताया कि वह छोटे बेटे के साथ रहती है. इस बीच उसके बड़े पुत्र रघुवीर सिंह व उसकी पत्नी मंजू कंवर ने जिलिया ग्राम पंचायत प्रशासन से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर लिए और 4 फरवरी 2019 को उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करवा लिया. इसमें मौत की तारीख 19 अक्टूबर 2017 अंकित करवा ली. इस प्रमाण पत्र के आधार पर बड़े बेटे रघुवीर सिंह ने मां के हिस्से की जमीन अपने नाम करवा ली. बुजुर्ग भंवर कंवर ने बताया कि रघुवीर सिंह ने हड़पी हुई जमीन को अन्य व्यक्ति के नाम बेचाननामा कर दिया, जबकि नियमानुसार वह ऐसा नहीं कर सकता था.

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पंचायत ने जिंदा का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र: आसपुरा गांव पहले जिलिया ग्राम पंचायत क्षेत्र में था, लेकिन इन दिनों ग्राम पंचायत चांदपुरा में शामिल कर दिया गया. वृद्धा भंवर कंवर का मृत्यु प्रमाण पत्र तत्कालीन जिलिया पंचायत से जारी किया गया. जो वर्ष 2019 में 19 अक्टूबर 2017 की मृत्यु तारीख का बना दिया गया. नियमों के अनुसार मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने से पहले पंचायत विभाग की ओर से दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए थी, लेकिन तत्कालीन जिलिया ग्राम पंचायत के ग्राम सेवक ने बिना दस्तावेजों की जांच किए ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. थानाधिकारी ने बताया कि वृद्धा ने मुकदमा दर्ज करवाया है. मृत्यु प्रमाण पत्र की ग्राम पंचायत से जानकारी जुटाकर जांच की जाएगी.

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