डूंगरपुर : शहर के एक गर्ल्स हॉस्टल में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक के अवैध रूप से ठहरने का मामला सामने आया है. शिकायत पर एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य के साथ कार्यकर्ता हॉस्टल पहुंचे. 40 छात्राओं वाले इसी हॉस्टल के एक कमरे में अफसर रुके मिले, जिस पर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. वहीं, मामले में जांच करते हुए सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी.
समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को रात को ही हॉस्टल से जाने के लिए कह दिया था. अधिकारी को नोटिस दिया जाएगा कि रात के समय वे होस्टल क्यों गए थे? इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. : अंकित कुमार सिंह, जिला कलेक्टर
एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि गर्ल्स हॉस्टल में किसी अधिकारी के अवैध रूप के रुकने की शिकायत मिली थी. हॉस्टल में 40 एसटी छात्राएं रहकर पढ़ाई करती हैं. शिकायत पर उनके साथ ही एबीवीपी के जिला संगठन मंत्री रामकृष्ण मेहता, जिला संयोजक महिपाल गमेती, जनजाति प्रमुख राजेंद्र खराड़ी ओर संजय खराड़ी आधी रात को हॉस्टल पहुंचे. इससे पहले पुलिस को भी सूचना दी गई. हॉस्टल गेट पर आवाज लगाने पर वार्डन गेट पर आए. वार्डन से अधिकारी के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी यहां रुके हुए हैं. इस पर एबीवीपी कार्यकर्ता मोबाइल कैमरा चालू रखते हुए हॉस्टल में गए और कमरे में रुके अधिकारी को पकड़ा. अधिकारी ने खुद को जिला परिवीक्षा एवं समाज कल्याण के सहायक निदेशक अशफाक खान बताया. साथ ही हॉस्टल निरीक्षण की बात कही.
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने 3 दिन से हॉस्टल में ठहरने के बारे में पूछा तो वो कभी ट्रांसफर होकर आने तो कभी कमरा नहीं मिलने की बात कहने लगे. इस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई. हर्षित ननोमा ने बताया कि मौके से ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को फोन कर घटना के बारे में बताया. इस पर कलेक्टर ने भी किसी अधिकारी के गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर नाराजगी जताई और उन्हें तुरंत ही वहां से जाने के लिए निर्देश दिए. इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को भी हॉस्टल पर तैनात करने की बात कही. अधिकारी के अवैध रूप से गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
एबीवीपी के राष्ट्रीय सदस्य हर्षित ननोमा ने बताया कि हॉस्टल में छात्राएं रहती हैं. ऐसे में राज्यपाल और सरकार के सख्त आदेश है कि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में कोई पुरुष अधिकारी रात के समय नहीं रह सकता है. बावजूद समाज कल्याण अधिकारी शहर में 2 बॉयज होस्टल को छोड़कर गर्ल्स हॉस्टल में ही रुके हुए थे. इससे छात्राओं की प्राइवेसी पर भी असर पड़ता है. उन्होंने प्रशासन से पूरे मामले में जांच करते हुए अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग रखी है.