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सिंगरौली के सुपरमैन मास्साब, 1 टीचर के बूते 1 स्कूल, पहली से 5वीं के बच्चों की पढ़ाई मजाक! - Singrauli One Teacher One School

देश व प्रदेश की सरकारें शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर बड़े-बड़े वादे करती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत वादों से एकदम इतर होती है. मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में सरकारी स्कूल के भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. एक ही कक्षा में 1 से लेकर 5वीं तक की पढ़ाई हो रही है.

SINGRAULI WORST CONDITION SCHOOL
सिंगरौली के सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 4:47 PM IST

Updated : Jun 24, 2024, 6:16 PM IST

Singrauli One Teacher One School: एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है और तमाम दावे भी करती नजर आती है. साथ ही तरह-तरह की योजनाएं छात्रों को मुहैया करवाने की बात करती है. वहीं बात जब सरकारी व्यवस्था की जमीनी स्तर पर आती है, तो सारे दावे और सारी योजनाएं विफल दिखती नजर आती हैं. ऐसी ही एक तस्वीर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सामने आई है. जिसने सरकारी स्कूल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

एमपी में सरकार के दावों की खुली पोल (ETV Bharat)

पूरा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे

जिले के भकुआर गांव के सरकारी स्कूल का हाल बेहाल है. स्कूल में एक शिक्षक के सहारे एक से लेकर पांचवी तक कि कक्षाएं चल रही हैं. इसके साथ ही एक ही क्लास में एक से लेकर पांचवी तक की पढ़ाई भी हो रही है. सरकारी विद्यालय का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. शौचालय सिर्फ कहने के लिए है, क्योंकि इसमें हमेशा ताला लटका रहता है. स्कूल के शिक्षक सूर्य प्रताप सिंह बताते है कि "स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है, स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. कई बार इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुके हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने आज तक इसकी सुध नहीं ली है.

मिड डे मील खाने के बाद बच्चें खुद धोते हैं अपनी थाली

देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल में मध्याह्न भोजन करने के बाद अपने खाने के बर्तन खुद साफ करने पड़ते हैं. वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि वह जब से स्कूल में पढ़ रहे हैं तब से उन्हें अपने खाने के बर्तन स्कूल में धोने पड़ रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. स्कूल के शिक्षक ने कई बार जिम्मेदारों को यहां की समस्याओं से अवगत कराया है.

जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं

अमझर गांव के सरकारी स्कूल की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है. यहां भी कुछ पहले वाले स्कूल से मिलती जुलती समस्या है. इस सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील भोजन करने के बाद अपने बर्तनों को खुद साफ करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के छात्रों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

शौचालय में लगा ताला

वैसे तो कहने के लिए स्कूल में 2 शौचालय है, लेकिन दोनों में ताला लटका रहता है. इस सरकारी स्कूल में 1 से लेकर 8वीं क्लास के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. विद्यालय के शौचालय पर ताला लटका रहता है जिस वजह से बच्चों को शौच के लिये बाहर जाना पड़ता है. विद्यालय के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां 2 बजे स्कूल की छुट्टी हो जाती है और सभी शिक्षक विद्यालय से चले जाते हैं. विद्यालय के समय से पहले छुट्टी हो जाने से विद्यालय में अध्यापन का कार्य प्रभावित हो रहा है.

यहां पढ़ें...

बुरहानपुर में शिक्षक बन स्कूल पहुंची कलेक्टर, विद्यार्थियों से पूछे सवाल

कमिश्नर ने लगाई शिक्षकों की क्लास, निरीक्षण में स्कूल से गायब मिले शिक्षक, 3 टीचर समेत हेडमास्टर निलंबित

दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई

वहीं, इस पूरे मामले पर जब जिला शिक्षा अधिकारी सिंगरौली एसबी सिंह से फोन पर जानकारी प्राप्त की गई, तो उन्होंने कहा कि "इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उनका कहना था कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. इस पर टीम गठित कर व्यवस्थित जांच कराई जाएगी. जो भी इस लापरवाही का दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी."

Singrauli One Teacher One School: एक ओर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर काफी गंभीर है और तमाम दावे भी करती नजर आती है. साथ ही तरह-तरह की योजनाएं छात्रों को मुहैया करवाने की बात करती है. वहीं बात जब सरकारी व्यवस्था की जमीनी स्तर पर आती है, तो सारे दावे और सारी योजनाएं विफल दिखती नजर आती हैं. ऐसी ही एक तस्वीर मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से सामने आई है. जिसने सरकारी स्कूल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है.

एमपी में सरकार के दावों की खुली पोल (ETV Bharat)

पूरा स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के सहारे

जिले के भकुआर गांव के सरकारी स्कूल का हाल बेहाल है. स्कूल में एक शिक्षक के सहारे एक से लेकर पांचवी तक कि कक्षाएं चल रही हैं. इसके साथ ही एक ही क्लास में एक से लेकर पांचवी तक की पढ़ाई भी हो रही है. सरकारी विद्यालय का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. शौचालय सिर्फ कहने के लिए है, क्योंकि इसमें हमेशा ताला लटका रहता है. स्कूल के शिक्षक सूर्य प्रताप सिंह बताते है कि "स्कूल में पानी की व्यवस्था नहीं है, स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. कई बार इसकी जानकारी विभाग को दी जा चुके हैं, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने आज तक इसकी सुध नहीं ली है.

मिड डे मील खाने के बाद बच्चें खुद धोते हैं अपनी थाली

देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल में मध्याह्न भोजन करने के बाद अपने खाने के बर्तन खुद साफ करने पड़ते हैं. वहीं स्कूल के छात्रों का कहना है कि वह जब से स्कूल में पढ़ रहे हैं तब से उन्हें अपने खाने के बर्तन स्कूल में धोने पड़ रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. स्कूल के शिक्षक ने कई बार जिम्मेदारों को यहां की समस्याओं से अवगत कराया है.

जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं

अमझर गांव के सरकारी स्कूल की हालत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है. यहां भी कुछ पहले वाले स्कूल से मिलती जुलती समस्या है. इस सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड डे मील भोजन करने के बाद अपने बर्तनों को खुद साफ करना पड़ता है. वहीं, स्कूल के छात्रों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद उनकी समस्याओं की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

शौचालय में लगा ताला

वैसे तो कहने के लिए स्कूल में 2 शौचालय है, लेकिन दोनों में ताला लटका रहता है. इस सरकारी स्कूल में 1 से लेकर 8वीं क्लास के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं. विद्यालय के शौचालय पर ताला लटका रहता है जिस वजह से बच्चों को शौच के लिये बाहर जाना पड़ता है. विद्यालय के आसपास रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां 2 बजे स्कूल की छुट्टी हो जाती है और सभी शिक्षक विद्यालय से चले जाते हैं. विद्यालय के समय से पहले छुट्टी हो जाने से विद्यालय में अध्यापन का कार्य प्रभावित हो रहा है.

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दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई

वहीं, इस पूरे मामले पर जब जिला शिक्षा अधिकारी सिंगरौली एसबी सिंह से फोन पर जानकारी प्राप्त की गई, तो उन्होंने कहा कि "इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी. उनका कहना था कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. इस पर टीम गठित कर व्यवस्थित जांच कराई जाएगी. जो भी इस लापरवाही का दोषी होगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी."

Last Updated : Jun 24, 2024, 6:16 PM IST
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