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सीधी लोकसभा सीट में सबसे धीमी वोटिंग, अब तक 40.60 फीसदी हुआ मतदान - Sidhi lok sabha chunav date result

साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सीधी से भारतीय जनता पार्टी की रीती पाठक विजयी हुई थी. उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी अजय सिंह राहुल को 2,86,534 वोटों से हराया था. हालांकि, रीती पाठक साल 2023 के विधानसभा चुनाव में ये MLA कैंडीडेट थी और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थी, ऐसी स्थिति में सीधी लोकसभा सीट खाली हो गई थी.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 18, 2024, 9:14 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 3:55 PM IST

SIDHI LOK SABHA CHUNAV DATE RESULT
बीजेपी-कांग्रेस के लिए सीधी नहीं होगी सीधी लोकसभा सीट की राह, गोंगपा से अजय प्रताप बढ़ा सकते हैं मुश्किलें
  1. सीधी लोकसभा सीट पर सबसे धीमी वोटिंग
  2. अभी तक इस सीट पर हुआ सिर्फ 40.60 फीसदी मतदान
  3. इस सीट की सीधी विधानसभा क्षेत्र में हुआ सिर्फ 34 फीसदी मतदान
  4. चुरहट विधानसभा में 35.75 फीसदी मतदान, सिंहावल में 36.31 फीसदी मतदान

सीधी में दोपहर 1 बजे तक 29.50 प्रतिशत मतदान हुआ.

सीधी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल ने अपने गृह ग्राम सुपेला सिहावल विधानसभा क्षेत्र में परिवार सहित मतदान किया है. इसके साथ ही भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से ग्राम दुअरा में वोटा डाला है.

सीधी। सीधी जिले में लोकसभा चुनाव की वोटिंग हो रही है. जहां सुबह 7 बजे से यहाँ मतदान शुरू हो गया है, लेकिन नेटवर्क की समस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ सरपंच ने भी मतदान का बहिष्कार कर दिया है. जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मेडरा स्थित है. जहां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां नेटवर्क की समस्या आज नहीं करीब 30 सालों से भी ज्यादा की है. कभी भी यहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता है. इस पूरे मामले को लेकर सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि ''ग्राम मेडरा में कुछ अपरिहार्य कारणों की वजह से वोटिंग रोकी गई है. प्रशासन की टीम वहां पहुंच गई है और लोगों से लगातार बातचीत चल रही है. जल्दी ही वोटिंग शुरू कर दी जाएगी.

देश में लोकसभा चुनाव की शुरुआत आज 19 अप्रैल से हो रही है. आज पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है, जिसमें एमपी की सीधी लोकसभा सीट भी है. सीधी लोकसभा सीट का रण इसलिए भी खास है क्योंकि बीजेपी ने यहां अपनी सांसद रीति पाठक का टिकट काटा है. बीजेपी ने यहां से नए प्रत्याशी को मौका दिया है. डॉक्टर राजेश मिश्रा बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस ने अपने दमदार और पुराने नेता कमलेश्वर पटेल को मुकाबले में उतारा है. यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय है.

सीधी से रीति पाठक नहीं नए चेहरे पर बीजेपी का भरोसा

इस लोकसभा सीट में साल 2019 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी से रीति पाठक ने कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी अजय सिंह राहुल को 2,86,534 वाटों से शिकस्त दी थी. जबकि 2023 विधानसभा चुनाव में सीधी पेशाब कांड के चलते बीजेपी ने केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया था. सांसद रीति पाठक को विधायकी का चुनाव लड़वाया था. विधानसभा चुनाव में रीति पाठक चुनाव जीत गईं थी और विधायक बनी. हालांकि इस बार बीजेपी ने नए चेहरे डॉ राजेश मिश्रा को खड़ा किया है. बता दें डॉ. राजेश मिश्रा का नामांकन जमा कराने सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम सहित केंद्रीय मंत्री सीधी पहुंचे थे.

कांग्रेस के कमलेश्वर देंगे राजेश मिश्रा को टक्कर

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल की बात करें तो, विधानसभा चुनाव में कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस ने सिहावल सीट से प्रत्याशी बनाया था. जहां बीजेपी के विश्वामित्र ने उन्हें हरा दिया था. जबकि सिहावल सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यह पूर्व मंत्री व पिछड़ा वर्ग के स्वर्गीय नेता इंद्रजीत कुमार का गृह क्षेत्र था. उनके बाद बेटे पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल प्रतिनिधित्व करने लगे. बता दें कमलेश्वर पटेल पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं और कांग्रेस के बड़े नेता में से एक हैं. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने मिल रही है.

यहां पढ़ें...

सीधी सीट पर त्रिकोणीय होगा मुकाबला, कमलेश्वर पटेल कांग्रेस को दिलाएंगे जीत, या BJP करेगी खेल

लोकसभा चुनाव में दिलचस्प होगा विंध्य का रण, अंचल में वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार दिग्गजों ने झोंकी ताकत

शहडोल में कल होगी लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत, हिमाद्री सिंह को टक्कर देंगे फुंदेलाल मार्को

त्रिकोणीय मुकाबला बिगाड़ सकता है खेल

इन सबके बीच गोंगपा से पूर्व सांसद अजय प्रताप सिंह बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि बीजेपी से टिकट न मिलने पर अजय प्रताप ने पार्टी छोड़ दी. वे गोंगपा से चुनाव लड़ रहे हैं. लिहाजा अजय प्रताप सिंह बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं. इस बार सीधी लोकसभा सीट पर सभी की नजरें हैं कि कौन बाजी मारेगा. बता दें साधी में हुए पेशाब कांड के बाद ये सीट देशभर में चर्चाओं में रही. यहां बीजेपी नेता ने एक आदिवासी के ऊपर शराब के नशे में पेशाब कर दी थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जमकर भुनाया था. यह घटनाक्रम नेशनल टेलीविजन का मुद्दा बना था, हालांकितत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने डैमेज कंट्रोल करते हुए मामले को संभाल लिया था.

  1. सीधी लोकसभा सीट पर सबसे धीमी वोटिंग
  2. अभी तक इस सीट पर हुआ सिर्फ 40.60 फीसदी मतदान
  3. इस सीट की सीधी विधानसभा क्षेत्र में हुआ सिर्फ 34 फीसदी मतदान
  4. चुरहट विधानसभा में 35.75 फीसदी मतदान, सिंहावल में 36.31 फीसदी मतदान

सीधी में दोपहर 1 बजे तक 29.50 प्रतिशत मतदान हुआ.

सीधी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल ने अपने गृह ग्राम सुपेला सिहावल विधानसभा क्षेत्र में परिवार सहित मतदान किया है. इसके साथ ही भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से ग्राम दुअरा में वोटा डाला है.

सीधी। सीधी जिले में लोकसभा चुनाव की वोटिंग हो रही है. जहां सुबह 7 बजे से यहाँ मतदान शुरू हो गया है, लेकिन नेटवर्क की समस्या को लेकर ग्रामीणों के साथ सरपंच ने भी मतदान का बहिष्कार कर दिया है. जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम मेडरा स्थित है. जहां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने की वजह से यहां नेटवर्क की समस्या आज नहीं करीब 30 सालों से भी ज्यादा की है. कभी भी यहां मोबाइल का नेटवर्क नहीं आता है. इस पूरे मामले को लेकर सीधी कलेक्टर स्वरोचिष सोमवंशी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि ''ग्राम मेडरा में कुछ अपरिहार्य कारणों की वजह से वोटिंग रोकी गई है. प्रशासन की टीम वहां पहुंच गई है और लोगों से लगातार बातचीत चल रही है. जल्दी ही वोटिंग शुरू कर दी जाएगी.

देश में लोकसभा चुनाव की शुरुआत आज 19 अप्रैल से हो रही है. आज पहले चरण के लिए मतदान शुरू हो गया है, जिसमें एमपी की सीधी लोकसभा सीट भी है. सीधी लोकसभा सीट का रण इसलिए भी खास है क्योंकि बीजेपी ने यहां अपनी सांसद रीति पाठक का टिकट काटा है. बीजेपी ने यहां से नए प्रत्याशी को मौका दिया है. डॉक्टर राजेश मिश्रा बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस ने अपने दमदार और पुराने नेता कमलेश्वर पटेल को मुकाबले में उतारा है. यहां भी मुकाबला त्रिकोणीय है.

सीधी से रीति पाठक नहीं नए चेहरे पर बीजेपी का भरोसा

इस लोकसभा सीट में साल 2019 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बीजेपी से रीति पाठक ने कांग्रेस के दिग्गज प्रत्याशी अजय सिंह राहुल को 2,86,534 वाटों से शिकस्त दी थी. जबकि 2023 विधानसभा चुनाव में सीधी पेशाब कांड के चलते बीजेपी ने केदारनाथ शुक्ला का टिकट काट दिया था. सांसद रीति पाठक को विधायकी का चुनाव लड़वाया था. विधानसभा चुनाव में रीति पाठक चुनाव जीत गईं थी और विधायक बनी. हालांकि इस बार बीजेपी ने नए चेहरे डॉ राजेश मिश्रा को खड़ा किया है. बता दें डॉ. राजेश मिश्रा का नामांकन जमा कराने सीएम मोहन यादव, डिप्टी सीएम सहित केंद्रीय मंत्री सीधी पहुंचे थे.

कांग्रेस के कमलेश्वर देंगे राजेश मिश्रा को टक्कर

वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश्वर पटेल की बात करें तो, विधानसभा चुनाव में कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस ने सिहावल सीट से प्रत्याशी बनाया था. जहां बीजेपी के विश्वामित्र ने उन्हें हरा दिया था. जबकि सिहावल सीट कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यह पूर्व मंत्री व पिछड़ा वर्ग के स्वर्गीय नेता इंद्रजीत कुमार का गृह क्षेत्र था. उनके बाद बेटे पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल प्रतिनिधित्व करने लगे. बता दें कमलेश्वर पटेल पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं और कांग्रेस के बड़े नेता में से एक हैं. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने मिल रही है.

यहां पढ़ें...

सीधी सीट पर त्रिकोणीय होगा मुकाबला, कमलेश्वर पटेल कांग्रेस को दिलाएंगे जीत, या BJP करेगी खेल

लोकसभा चुनाव में दिलचस्प होगा विंध्य का रण, अंचल में वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार दिग्गजों ने झोंकी ताकत

शहडोल में कल होगी लोकतंत्र के महापर्व की शुरुआत, हिमाद्री सिंह को टक्कर देंगे फुंदेलाल मार्को

त्रिकोणीय मुकाबला बिगाड़ सकता है खेल

इन सबके बीच गोंगपा से पूर्व सांसद अजय प्रताप सिंह बीजेपी और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकते हैं, क्योंकि बीजेपी से टिकट न मिलने पर अजय प्रताप ने पार्टी छोड़ दी. वे गोंगपा से चुनाव लड़ रहे हैं. लिहाजा अजय प्रताप सिंह बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं. इस बार सीधी लोकसभा सीट पर सभी की नजरें हैं कि कौन बाजी मारेगा. बता दें साधी में हुए पेशाब कांड के बाद ये सीट देशभर में चर्चाओं में रही. यहां बीजेपी नेता ने एक आदिवासी के ऊपर शराब के नशे में पेशाब कर दी थी. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. वहीं कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को जमकर भुनाया था. यह घटनाक्रम नेशनल टेलीविजन का मुद्दा बना था, हालांकितत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने डैमेज कंट्रोल करते हुए मामले को संभाल लिया था.

Last Updated : Apr 19, 2024, 3:55 PM IST
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