ETV Bharat / state

Rajasthan: डेंगू-मलेरिया नियंत्रण को लेकर विभाग की बैठक में नहीं आने वाले 25 चिकित्सकों को नोटिस

बीकानेर में डेंगू-मलेरिया नियंत्रण को लेकर समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले 25 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Show Cause Notice to 25 doctors
25 चिकित्सकों को नोटिस (ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है. दरअसल बीकानेर में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक जिले में करीब 550 मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं मलेरिया के अब तक करीब 350 केस सामने आए हैं. लगातार डेंगू-मलेरिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब सक्रिय हो रहा है. वहीं विभाग की कार्य प्रणाली का एक नमूना तब सामने आया जब डेंगू और मलेरिया नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य भवन में बुधवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक में विभाग के कई जिम्मेदार चिकित्सक अनुपस्थित रहे. ऐसे में अब अनुपस्थित रहे 25 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आर डी 820 में चिकित्सक सहित 6 स्टाफ के अनुपस्थित मिलने पर उन्हें भी जवाब तलब किया गया है.

कार्मिकों को सख्त निर्देश: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि संयुक्त निदेशक बीकानेर जॉन डॉ देवेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक डेंगू-मलेरिया नियंत्रण समीक्षा को लेकर आयोजित की गई थी. लेकिन ब्लॉक सीएमओ नोखा, श्री डूंगरगढ़, पीएमओ जिला अस्पताल नोखा, उप जिला अस्पताल श्री डूंगरगढ़ व पूगल तथा 20 सीएचसी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक बिना सूचना के बैठक में अनुपस्थित रहे जो कि एक गंभीर लापरवाही है.

पढ़ें: राजस्थान में बाड़मेर और उदयपुर के बाद जैसलमेर में सबसे ज्यादा डेंगू-मलेरिया के मरीज

राज्य सरकार तथा जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि के निर्देशानुसार डेंगू-मलेरिया रोकथाम अभियान में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है. इन सभी अनुपस्थित चिकित्सकों को सख्त कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. दो दिवस में संतोषजनक प्रत्युत्तर ना प्राप्त होने पर उनके विरुद्ध राजस्थान सेवा नियम के नियम 16 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उक्त घोर लापरवाही के विषय में सुपरविजन की विफलता के चलते ब्लॉक सीएमओ डॉ सुनील जैन को भी जवाब तलब किया गया है.

पढ़ें: बढ़ने लगे डेंगू के मामलेः बुखार को हल्के में लेने की गलती न करें तुरंत चिकित्सक से लें उपचार, इलाज में देरी बन सकती है जानलेवा

पूरा अस्पताल दो कार्मिकों के भरोसे: सीएमएचओ डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि मंगलवार 15 अक्टूबर को जिला आईडीएसपी प्रभारी डॉ उमाशंकर यादव द्वारा कोलायत ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आर डी 820 का दिन में साढ़े 11 बजे निरीक्षण किया गया. अस्पताल में मात्र एक फार्मासिस्ट और एक जीएनएम ही उपस्थित मिले. अस्पताल प्रभारी डॉ कपिल सारस्वत 4 अक्टूबर से, नर्सिंग अधिकारी सलाम अहमद 8 अक्टूबर से, लैब टेक्नीशियन मोहम्मद बिलाल 10 अक्टूबर से बिना सूचना अनुपस्थित मिले.

पढ़ें: भरतपुर में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, तीन माह में 86 मरीज आए सामने...विभाग मरीज मिलने पर ही करा रहा फॉगिंग

इसी प्रकार लैब सहायक आसकरण व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भाखर सिंह उस दिन अनुपस्थित मिले. अनुपस्थित जीएनएम कुमारी प्रियंका की दो दिवसीय डे ऑफ बिना सक्षम स्वीकृति के लगाई हुई पाई गई. क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया के केस भी आए हुए थे, लेकिन सेक्टर प्रभारी सहित पूरे संस्थान की मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर निष्क्रियता मिली. इस घोर लापरवाही को लेकर सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

बीकानेर: डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग में जीरो टॉलरेंस नीति लागू की गई है. दरअसल बीकानेर में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक जिले में करीब 550 मरीज सामने आ चुके हैं. वहीं मलेरिया के अब तक करीब 350 केस सामने आए हैं. लगातार डेंगू-मलेरिया के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अब सक्रिय हो रहा है. वहीं विभाग की कार्य प्रणाली का एक नमूना तब सामने आया जब डेंगू और मलेरिया नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य भवन में बुधवार को बुलाई गई समीक्षा बैठक में विभाग के कई जिम्मेदार चिकित्सक अनुपस्थित रहे. ऐसे में अब अनुपस्थित रहे 25 चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आर डी 820 में चिकित्सक सहित 6 स्टाफ के अनुपस्थित मिलने पर उन्हें भी जवाब तलब किया गया है.

कार्मिकों को सख्त निर्देश: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि संयुक्त निदेशक बीकानेर जॉन डॉ देवेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में बुधवार को अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक डेंगू-मलेरिया नियंत्रण समीक्षा को लेकर आयोजित की गई थी. लेकिन ब्लॉक सीएमओ नोखा, श्री डूंगरगढ़, पीएमओ जिला अस्पताल नोखा, उप जिला अस्पताल श्री डूंगरगढ़ व पूगल तथा 20 सीएचसी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक बिना सूचना के बैठक में अनुपस्थित रहे जो कि एक गंभीर लापरवाही है.

पढ़ें: राजस्थान में बाड़मेर और उदयपुर के बाद जैसलमेर में सबसे ज्यादा डेंगू-मलेरिया के मरीज

राज्य सरकार तथा जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि के निर्देशानुसार डेंगू-मलेरिया रोकथाम अभियान में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है. इन सभी अनुपस्थित चिकित्सकों को सख्त कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. दो दिवस में संतोषजनक प्रत्युत्तर ना प्राप्त होने पर उनके विरुद्ध राजस्थान सेवा नियम के नियम 16 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. उक्त घोर लापरवाही के विषय में सुपरविजन की विफलता के चलते ब्लॉक सीएमओ डॉ सुनील जैन को भी जवाब तलब किया गया है.

पढ़ें: बढ़ने लगे डेंगू के मामलेः बुखार को हल्के में लेने की गलती न करें तुरंत चिकित्सक से लें उपचार, इलाज में देरी बन सकती है जानलेवा

पूरा अस्पताल दो कार्मिकों के भरोसे: सीएमएचओ डॉ राजेश गुप्ता ने बताया कि मंगलवार 15 अक्टूबर को जिला आईडीएसपी प्रभारी डॉ उमाशंकर यादव द्वारा कोलायत ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आर डी 820 का दिन में साढ़े 11 बजे निरीक्षण किया गया. अस्पताल में मात्र एक फार्मासिस्ट और एक जीएनएम ही उपस्थित मिले. अस्पताल प्रभारी डॉ कपिल सारस्वत 4 अक्टूबर से, नर्सिंग अधिकारी सलाम अहमद 8 अक्टूबर से, लैब टेक्नीशियन मोहम्मद बिलाल 10 अक्टूबर से बिना सूचना अनुपस्थित मिले.

पढ़ें: भरतपुर में बढ़ा डेंगू का प्रकोप, तीन माह में 86 मरीज आए सामने...विभाग मरीज मिलने पर ही करा रहा फॉगिंग

इसी प्रकार लैब सहायक आसकरण व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भाखर सिंह उस दिन अनुपस्थित मिले. अनुपस्थित जीएनएम कुमारी प्रियंका की दो दिवसीय डे ऑफ बिना सक्षम स्वीकृति के लगाई हुई पाई गई. क्षेत्र में डेंगू और मलेरिया के केस भी आए हुए थे, लेकिन सेक्टर प्रभारी सहित पूरे संस्थान की मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर निष्क्रियता मिली. इस घोर लापरवाही को लेकर सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.