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बनारस में एक और नया घाट; देखिए 'सामने घाट' का फर्स्ट लुक, कल-कल बहती गंगा, डेवलप होगा खूबसूरत रिवर फ्रंट - Samne Ghat in Varanasi

बनारस में नया घाट 'सामने घाट' बनाया जा रहा है. यहां उत्तर वाहिनी गंगा का खूबसूरत नजारा भी दिखेगा. इस घाट को बनाने में चुनार के पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 3:29 PM IST

Updated : Jul 20, 2024, 4:07 PM IST

Samne New Ghat in Varanasi River Front Water Sports UP News in Hindi
1055.43 लाख की लागत से इस घाट का पुनर्विकास हो रहा है (Photo Credit- ETV Bharat)

वाराणसी: बनारस के घाटों में एक नया नाम 'सामने घाट' जुड़ने जा रहा है. यह काशी के ऐतिहासिक विरासतों के वास्तुविरासतों एवं विशेषताओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा हैं. बड़ी बात यह है कि, इस घाट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी और इसके साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा का खूबसूरत नजारा भी दिखेगा.

काशी को घाटों का शहर कहा जाता है. काशी आने वाला पर्यटक घाटों का दीदार करने के लिए पहुंचता है, ऐसे में एक नए घाट की सौगात मिलने जा रही है, जो सामने घाट पर रिवर फ्रंट के रूप में होगी. यहां पर पर्यटन विभाग पक्का घाट बनवा रहा है. खास बात यह है कि इस घाट पर सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होगी, ताकि यहां आने वाले यात्री रिवर फ्रंट के तरह इस घाट का आनंद ले सके. देव दीपावली तक ये सौगात सैलानियों को मिल जाएगी.

ऐसे तैयार होगा घाट, मिलेंगी यह सुविधाएं: पर्यटन उप निदेशक राजेंद्र रावत ने बताया कि 1055.43 लाख की लागत से इस घाट का पुनर्विकास कराया जा रहा है. इस घाट की लंबाई 110 मीटर है. घाट पर आरती और पूजा के लिए प्लेटफार्म ,चुनार स्टोन की छतरी, गजिबो, चेंजिंग रूम, हाईमास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, साइनेज, पीने का पानी, पाथवे, पार्किंग, स्टोन पिचिंग, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए रैंप हॉर्टिकल्चर के अधिकांश काम हो चुके हैं. बचे हुए कामों देव दीपावली से पहले पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया गया है.'

samne-new-ghat-in-varanasi-river-front-water-sports-up-news-in-hindi
सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के लोकप्रिय घाटों में से एक है. (Photo Credit- ETV Bharat)

चुनार के पत्थरों से हो रहा है विकास: राजेंद्र रावत ने बताया कि बनारस के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखते हुए काशी के घाटों के निर्माण में चुनार के पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है. पक्के घाट पर स्थानीय लोगों को गंगा स्नान, धार्मिक, धार्मिक आयोजनों जैसे छठ और देव दीपावली आदि पर्व मनाने में काफी सहूलियत मिलेगी. यहां पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी कराने की योजना है.

सामने घाट क्यों नाम रखा गया: वाराणसी शहर में कुल 88 घाट हैं. सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के लोकप्रिय घाटों में से एक है. पहले यह घाट कच्चा हुआ करता था. गंगा तट के सामने दूसरे तट पर रामनगर में वर्तमान काशी नरेश का किला है, इस वजह से इसका नाम सामने घाट चलन में आ गया.

2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे.
2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे. (Photo Credit- ETV Bharat)
हर दिन काशी में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या, 2023 में साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालु आए: विश्वनाथ धाम बनने के बाद बनारस में पर्यटकों के आगमन के आंकड़े में एक बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है. 2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे. इस साल लगभग तीन करोड़ यात्री अब तक काशी आ चुके हैं. पर्यटकों के बढ़ती संख्या को देखते हुए वाराणसी में नए-नए पर्यटन स्थान और सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है. सामने घाट में तैयार हो रहा यह रिवर फ्रंट भी शामिल है.ये भी पढ़ें- BJP विधायक फतेह बहादुर और राजीव रंजन में क्यों ठनी, कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं - BJP MLA Fateh Bahadur

वाराणसी: बनारस के घाटों में एक नया नाम 'सामने घाट' जुड़ने जा रहा है. यह काशी के ऐतिहासिक विरासतों के वास्तुविरासतों एवं विशेषताओं को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा हैं. बड़ी बात यह है कि, इस घाट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी और इसके साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा का खूबसूरत नजारा भी दिखेगा.

काशी को घाटों का शहर कहा जाता है. काशी आने वाला पर्यटक घाटों का दीदार करने के लिए पहुंचता है, ऐसे में एक नए घाट की सौगात मिलने जा रही है, जो सामने घाट पर रिवर फ्रंट के रूप में होगी. यहां पर पर्यटन विभाग पक्का घाट बनवा रहा है. खास बात यह है कि इस घाट पर सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद होगी, ताकि यहां आने वाले यात्री रिवर फ्रंट के तरह इस घाट का आनंद ले सके. देव दीपावली तक ये सौगात सैलानियों को मिल जाएगी.

ऐसे तैयार होगा घाट, मिलेंगी यह सुविधाएं: पर्यटन उप निदेशक राजेंद्र रावत ने बताया कि 1055.43 लाख की लागत से इस घाट का पुनर्विकास कराया जा रहा है. इस घाट की लंबाई 110 मीटर है. घाट पर आरती और पूजा के लिए प्लेटफार्म ,चुनार स्टोन की छतरी, गजिबो, चेंजिंग रूम, हाईमास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, साइनेज, पीने का पानी, पाथवे, पार्किंग, स्टोन पिचिंग, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए रैंप हॉर्टिकल्चर के अधिकांश काम हो चुके हैं. बचे हुए कामों देव दीपावली से पहले पूरा करने के लिए कार्यदायी संस्था को निर्देश दिया गया है.'

samne-new-ghat-in-varanasi-river-front-water-sports-up-news-in-hindi
सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के लोकप्रिय घाटों में से एक है. (Photo Credit- ETV Bharat)

चुनार के पत्थरों से हो रहा है विकास: राजेंद्र रावत ने बताया कि बनारस के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखते हुए काशी के घाटों के निर्माण में चुनार के पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है. पक्के घाट पर स्थानीय लोगों को गंगा स्नान, धार्मिक, धार्मिक आयोजनों जैसे छठ और देव दीपावली आदि पर्व मनाने में काफी सहूलियत मिलेगी. यहां पर वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी कराने की योजना है.

सामने घाट क्यों नाम रखा गया: वाराणसी शहर में कुल 88 घाट हैं. सामने घाट या कच्चा घाट वाराणसी के लोकप्रिय घाटों में से एक है. पहले यह घाट कच्चा हुआ करता था. गंगा तट के सामने दूसरे तट पर रामनगर में वर्तमान काशी नरेश का किला है, इस वजह से इसका नाम सामने घाट चलन में आ गया.

2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे.
2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे. (Photo Credit- ETV Bharat)
हर दिन काशी में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या, 2023 में साढ़े पांच करोड़ श्रद्धालु आए: विश्वनाथ धाम बनने के बाद बनारस में पर्यटकों के आगमन के आंकड़े में एक बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है. 2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे. इस साल लगभग तीन करोड़ यात्री अब तक काशी आ चुके हैं. पर्यटकों के बढ़ती संख्या को देखते हुए वाराणसी में नए-नए पर्यटन स्थान और सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है. सामने घाट में तैयार हो रहा यह रिवर फ्रंट भी शामिल है.ये भी पढ़ें- BJP विधायक फतेह बहादुर और राजीव रंजन में क्यों ठनी, कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट से कम नहीं - BJP MLA Fateh Bahadur
Last Updated : Jul 20, 2024, 4:07 PM IST
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