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यूपी में अलग राह पर चल रही समाजवादी पार्टी, सलमान खुर्शीद वाली सीट पर भी उतारा अपना प्रत्याशी

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 8:41 AM IST

इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीकठाक नहीं (SP Congress seat distribution) चल रहा है. अक्सर इसकी बानगी देखने को मिल जाती है. यूपी में सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा को लेकर भी मनमुटाव सामने आने लगा है.

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यूपी में भी गठबंधन की तकरार सामने आने लगी है.

फर्रुखाबाद : यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने 16 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं. फर्रुखाबाद से सपा ने डॉ. नवल किशोर शाक्य को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा में समाजवादी पार्टी कांग्रेस से आगे चल रही है. कांग्रेस ने इसमें देरी की तो पंजाब, बंगाल और बिहार की तरह यूपी में भी में आईएनडीआईए (INDIA) का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. मंगलवार को सपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए, उनमें फर्रुखाबाद और बांदा सीट कांग्रेस अपनी झोली में मानकर चल रही थी. गांधी परिवार के करीबी सलमान खुर्शीद के लिए तो कांग्रेसी आश्वस्त थे कि फर्रुखाबाद लोकसभा सीट तो उनको ही मिलेगी. बांदा- चित्रकूट सीट के लिए भी कांग्रेस संगठन का अलग दावा था. अब दोनों ही सीटों पर सपा प्रत्याशी घोषित होने से इतना तो तय हो गया कि सपा अब और इंतजार करने के मूड में नहीं है.

लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. समाजवादी पार्टी ने फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पार्टी नेतृत्व ने पेशे से चिकित्सक डॉ. नवल किशोर शाक्य पर दाव लगाया है. पिछड़ों और मुस्लिम मतों के जरिए जीत के दावे किए जा रहे हैं. फर्रुखाबाद सीट पर कांग्रेस का दावा मजबूत था. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के प्रत्याशी होने की संभावना थी. समाजवादी पार्टी ने अपना परंपरागत यादव, मुस्लिम और शाक्यों के वोटों को साधने की कोशिश की है.

अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं नवल किशोर : डॉ. नवल किशोर शाक्य का लखनऊ व फर्रुखाबाद के कायमगंज में कैंसर हॉस्पिटल है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री व बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य उनकी पूर्व पत्नी हैं. डॉ. नवल किशोर ने 2017 में एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से संघमित्रा मौर्य को बसपा से चुनाव लड़ाया था. उसके बाद वह संघमित्रा मौर्य से अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने खुद राजनीति में अपने कदम बढ़ाए. 2019 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. 2022 के विधानसभा चुनाव में औरैया जिले की बिधूना विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे. टिकट न मिलने पर वह फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए. अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाने वाले डॉक्टर नवल किशोर को पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया था. इसके बाद प्रत्याशी भी घोषित कर दिया.

सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस के दिखाया आईना : सपा ने 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा से यह संकेत देने की कोशिश की है कि वह अपनी सियासी जमीन को किसी भी सूरत में दूसरे दल को नहीं सौंपने वाली. मध्य यूपी और बुंदेलखंड की जिन चार सीटों पर सपा ने प्रत्याशी घोषित किया है उनमें बांदा, चित्रकूट और फर्रुखाबाद में कांग्रेस की स्थिति सबसे दयनीय रही है. 2019 में कांग्रेस फर्रुखाबाद में महज साढ़े पांच प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकी है. सपा करीब 35% वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही थी. वहीं भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने बताया कि भाजपा ने जिला कार्यालय के पास में ही किराए पर मकान लिया गया है. यहीं से चुनाव की गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

यह भी पढ़ें : जानें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल बजट में क्या किया था वादा

यूपी में भी गठबंधन की तकरार सामने आने लगी है.

फर्रुखाबाद : यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने 16 सीटों पर प्रत्याशी तय कर दिए हैं. फर्रुखाबाद से सपा ने डॉ. नवल किशोर शाक्य को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा में समाजवादी पार्टी कांग्रेस से आगे चल रही है. कांग्रेस ने इसमें देरी की तो पंजाब, बंगाल और बिहार की तरह यूपी में भी में आईएनडीआईए (INDIA) का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा. मंगलवार को सपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए, उनमें फर्रुखाबाद और बांदा सीट कांग्रेस अपनी झोली में मानकर चल रही थी. गांधी परिवार के करीबी सलमान खुर्शीद के लिए तो कांग्रेसी आश्वस्त थे कि फर्रुखाबाद लोकसभा सीट तो उनको ही मिलेगी. बांदा- चित्रकूट सीट के लिए भी कांग्रेस संगठन का अलग दावा था. अब दोनों ही सीटों पर सपा प्रत्याशी घोषित होने से इतना तो तय हो गया कि सपा अब और इंतजार करने के मूड में नहीं है.

लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. समाजवादी पार्टी ने फर्रुखाबाद लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पार्टी नेतृत्व ने पेशे से चिकित्सक डॉ. नवल किशोर शाक्य पर दाव लगाया है. पिछड़ों और मुस्लिम मतों के जरिए जीत के दावे किए जा रहे हैं. फर्रुखाबाद सीट पर कांग्रेस का दावा मजबूत था. यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के प्रत्याशी होने की संभावना थी. समाजवादी पार्टी ने अपना परंपरागत यादव, मुस्लिम और शाक्यों के वोटों को साधने की कोशिश की है.

अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं नवल किशोर : डॉ. नवल किशोर शाक्य का लखनऊ व फर्रुखाबाद के कायमगंज में कैंसर हॉस्पिटल है. सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री व बदायूं से भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य उनकी पूर्व पत्नी हैं. डॉ. नवल किशोर ने 2017 में एटा जिले की अलीगंज विधानसभा सीट से संघमित्रा मौर्य को बसपा से चुनाव लड़ाया था. उसके बाद वह संघमित्रा मौर्य से अलग हो गए. इसके बाद उन्होंने खुद राजनीति में अपने कदम बढ़ाए. 2019 में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. 2022 के विधानसभा चुनाव में औरैया जिले की बिधूना विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे. टिकट न मिलने पर वह फर्रुखाबाद लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए. अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाने वाले डॉक्टर नवल किशोर को पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया था. इसके बाद प्रत्याशी भी घोषित कर दिया.

सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस के दिखाया आईना : सपा ने 16 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा से यह संकेत देने की कोशिश की है कि वह अपनी सियासी जमीन को किसी भी सूरत में दूसरे दल को नहीं सौंपने वाली. मध्य यूपी और बुंदेलखंड की जिन चार सीटों पर सपा ने प्रत्याशी घोषित किया है उनमें बांदा, चित्रकूट और फर्रुखाबाद में कांग्रेस की स्थिति सबसे दयनीय रही है. 2019 में कांग्रेस फर्रुखाबाद में महज साढ़े पांच प्रतिशत वोट ही हासिल कर सकी है. सपा करीब 35% वोट पाकर दूसरे नंबर पर रही थी. वहीं भाजपा सांसद मुकेश राजपूत ने बताया कि भाजपा ने जिला कार्यालय के पास में ही किराए पर मकान लिया गया है. यहीं से चुनाव की गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

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