सागर: जिले के बहुचर्चित मानसिंह के लापता होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी ने मानसिंह की तलाश तेज कर दी है. इसके लिए रविवार रात को सोशल मीडिया पर तेजी से एक पंपलेट वायरल हुआ. जिसमें मानसिंह की सूचना देने पर 30 हजार रूपए के ईनाम की घोषणा और एसआईटी के तमाम सोशल मीडिया एड्रेस दिए हुए थे. इस पंपलैट में एक व्हाट्सएप नंबर भी दिया गया है, जिस पर फोन लगाने पर जानकारी दी गयी है कि संबंधित पंपलैट फेक नही हैं, बल्कि एसआईटी ने ही जारी किया है. एसआईटी ने सागर के मकरोनिया पर स्थित 10 वीं वटालियन के दफ्तर में अपना कार्यालय भी बनाया है.
क्या है मामला
दरअसल 16 अगस्त 2016 में गायब हुए मानसिंह पटेल को लेकर ओबीसी महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल मामला अगस्त 2016 का है. जहां मानसिंह पटेल नाम के व्यक्ति की जमीन हड़पने के आरोप लगे हैं. आरोप है कि जब जमीन हड़पने का विरोध मानसिंह पटेल ने किया और सरकारी दफ्तरों और 145 सीआरपीसी के तहत सिटी मजिस्ट्रेट के यहां शिकायत की गयी, तो कुछ लोगों ने 21 अगस्त 2023 को मान सिंह को बीच रास्ते में रोककर जान से मारने और देख लेने की बात कही. फिर 22 अगस्त को वह लोग मानसिंह पटेल के घर पहुंचे और जमीन का हिसाब किताब करने के नाम पर मानसिंह पटेल को अपने साथ ले गए. तब से मानसिंह पटेल का कोई अता पता नहीं है. तब इसकी शिकायत मानसिंह पटेल के बेटे ने सिविल लाइन थाने सागर में की, लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी मे मामला दर्ज किया. फिलहाल इस मामले में ओबीसी महासभा द्वारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए हैं.
एसआईटी ने अब तक क्या किया
अब इस मामले में एसआईटी ने जांच तेज कर दी है. सबसे पहले तो 22 अगस्त को एसआईटी ने सिविल लाइन थाना में दर्ज गुमशुदगी के प्रकरण को नए सिरे से दर्ज कराया है. जिसमें मानसिंह पटेल के गायब होने में धारा 365 के तहत अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के नाम का उल्लेख है. इसके अलावा अब एसआईटी ने रविवार 22 सितंबर को गुमशुदा की तलाश का एक पंपलैट सोशल मीडिया पर जारी किया है. इसमें 68 साल के मानसिंह पटेल को सागर के तिली वार्ड की शिवविहार कालोनी का निवासी बताते हुए उनका हुलिया बताया गया है. बताया गया है कि 22 अगस्त 2026 मानसिंह गुम हुए हैं, तब वह सफेद शर्ट और काला पेंट पहने हुए थे. एसआईटी ने अपने पंपलैट में 30 हजार का ईनाम घोषित करते हुए लिखा है कि सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाएगा. इसमें पत्राचार का पता विशेष अनुसंधान दल, कैंप कार्यालय, 10 वीं वाहनी मकरोनिया सागर बताया गया है. इसी पंपलैट में एक व्हाट्सएप वाला मोबाइल नंबर 7587635602 जारी किया गया है. इसके अलावा ईमेल आईडी, इंस्टाग्राम आईडी, फेसबुक पेज, एक्स आईडी भी जारी की है.
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क्या कहना है एसआईटी का
इस मामले में पंपलैट में जारी किए गए नंबर पर जब ईटीवी भारत ने बात की, तो मोबाइल नंबर सुबोध गौतम द्वारा उठाया गया. उन्होंने अपने आप को एसआईटी का निरीक्षक बताया है और पंपलैट जारी करने की पुष्टि करते हुए कहा है कि, ''ये पंपलैट एसआईटी ने ही जारी किया है.'' इस मामले में जब एसआईटी प्रमुख और उनके प्रतिनिधि से बात करने के लिए समय चाहा गया, तो इंस्पेक्टर सुबोध गौतम ने कहा है कि, ''इस मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा अनुमति लेने के बाद ही कुछ बता सकेंगे. फिलहाल हमने सिर्फ ईनाम घोषणा और अपनी जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर की है.''