सागर। वाइल्ड लाइफ में रूचि रखने वाले और घूमने फिरने वाले लोगों को इससे अच्छा मौका नहीं मिलने वाला है. बात हो रही है एमपी के सबसे बड़े वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व ( नौरादेही) की. टाइगर रिजर्व बनने के बाद पहला टूरिस्ट सीजन होने पर टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने सैलानियों को आकर्षित करने के लिए घूमने, ठहरने और सफारी के टिकट में काफी कमी है. यहां टाइगर रिजर्व में आप बाघों का दीदार तो कर ही सकेंगे. इसके अलावा जंगल की खूबसूरती और नीलगाय,भालू,चीतल,चिंकारा, सांभर,बारह सिंघा और टाइगर रिजर्व की नदियों में भारी भरकम मगरमच्छ भी देख सकेंगे.
एमपी का सबसे बड़ा और 7वां टाइगर रिजर्व
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व की बात करें तो मध्यप्रदेश के सबसे बड़े वन्यजीव अभ्यारण्य नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य और सबसे छोटे रानी दुर्गावती अभ्यारण्य को मिलाकर 2023 में सितंबर महीने में टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी की गयी. प्रदेश के सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैले टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 2339 वर्ग किलोमीटर है. टाइगर रिजर्व का कोर एरिया 1414 वर्ग किमी और 925.12 किलोमीटर का बफर एरिया है. नौरादेही टाइगर रिजर्व में 2011 तक बाघों की बसाहट थी लेकिन 2011 के बाद एक भी बाघ नजर नहीं आया. 2018 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण परियोजना के तहत यहां बाघ किशन और बाघिन राधा को छोड़ा गया, तो महज पांच सालों में बाघों का कुनबा दो से बढ़कर 16 पहुंच गया. आजकल यहां 18 बाघ टाइगर रिजर्व की सभी 6 रेंज में आसानी से नदियों के किनारे देखे जा सकते हैं.
भरपूर वनसंपदा और वन्यजीवों का ठिकाना नौरादेही
भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए, तो एमपी का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व विंध्य पर्वतमाला के नजदीक का पठारी हिस्सा है. यहां मिश्रित वनों में 49 किस्म की झाडियों के अलावा 92 से ज्यादा प्रजातियों के पेड़ और 35 प्रकार की घास पाई जाती है. इसके अलावा यहां पर 18 प्रकार की बेल और लताएं पायी जाती हैं. विशालकाल क्षेत्रफल होने के कारण यहां बड़े-बड़े घास के मैदान हैं. बड़े घास के मैदान होने के कारण यहां पर काफी संख्या में शाकाहारी जानवर हैं, जो बाघों के अलावा तेंदुआ, भेड़िया और जंगली कुत्ते का भोजन है.
खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं ये नदियां
यहां बहने वाली बामनेर और व्यारमा नदी जंगल की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. साथ ही ये टाइगर रिजर्व की जीवनरेखा भी हैं. ईकोडायवर्सटी के मामले में ये टाइगर रिजर्व सबसे समृद्ध और विविधता वाला माना जाता है. करीब तीन सौ प्रकार के पक्षियों के अलावा पानी में रहने वाले जंतु भी आकर्षण का केंद्र हैं.
एमपी का सबसे सस्ता टाइगर रिजर्व
मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और सबसे नए टाइगर रिजर्व में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा अन्य टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क के मुकाबले सबसे कम खर्चे पर पर्यटकों को वाइल्डलाइफ का आनंद लेने का मौका दे रहा है. एक व्यक्ति को घूमने के लिए महज 125 रूपए एंट्री फीस देनी होती है. अगर आप अपने परिवार के साथ टाइगर रिजर्व में सफारी का आनंद उठाना चाहते हैं तो महज 2 हजार रूपए में 6 लोग जिप्सी से सफारी का आनंद ले सकते हैं. नौरादेही टाइगर रिजर्व में वन समितियों के माध्यम से पर्यटकों को ठहरने और खाने पीने का इंतजाम किया गया है. नाॅन एसी रूम 1000 रूपए से लेकर 1500 रूपए में मिलता है. एसी रूम का किराया 2000 रूपए रखा गया है. टाइगर रिजर्व में ठहरने वाले सैलानियों को काफी सस्ती दरों पर खाना उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा अगर आप घूमने फिरने और नौरादेही टाइगर रिजर्व को अच्छे से समझने के लिए गाइड बुक करते हैं तो 300 रूपए देने होंगे.
जाने कैसे पहुंचे टाइगर रिजर्व
फिलहाल विस्थापन पूरा ना हो पाने के कारण टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने एंट्री के लिए सिर्फ दो गेट शुरू किए हैं. रहली तरफ से हिनौती गेट और नेशनल हाइवे 44 से बीना गेट से टाइगर रिजर्व में एंट्री की व्यवस्था रखी गयी है.सागर, दमोह तरफ से आने वाले सैलानी हिनौती गेट और बीना गेट दोनों तरफ से सुविधा अनुसार एंट्री कर सकते हैं. वहीं नरसिंहपुर और जबलपुर तरफ से आने वाले लोगों को बीना गेट से एंट्री आसान और सुविधाजनक है. टाइगर रिजर्व में बुकिंग के लिए नोडल अधिकारी का नंबर 8305626940 पर संपर्क कर तमाम जानकारी के साथ बुकिंग भी की जा सकती है.
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क्या कहना है टाइगर रिजर्व प्रबंधन का
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डाॅ एए अंसारी का कहना है कि "टाइगर रिजर्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यहां पर टिकट दर बाकी पार्क और टाइगर रिजर्व की तुलना में कम है. हमारे टाइगर रिजर्व के दो गेट हिनौती गेट और बीना गेट फिलहाल चालू रखे गए हैं. सफारी के लिए यहां पर हमारे पास भी कुछ जिप्सी हैं और प्राइवेट जिप्सी भी रजिस्टर्ड है. एक जिप्सी में छह लोग सफारी कर सकते हैं. हमारे यहां मोहली में सैलानियों को ठहरने के लिए चार कमरे हैं, जो हम समितियों के माध्यम से आपरेट करते हैं. सैलानियों की बुकिंग और जानकारी के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गयी है, जिनके जरिए बुंकिंग और दूसरी सुविधाओं की जानकारी ली जा सकती है."