सागर। एमपी के सातवें और सबसे बड़े टाइगर रिजर्व वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व से बड़ी खुशखबरी आई है. यहां बाघों की गणना के लिए लगाए गए कैमरा ट्रैप में विलुप्तप्राय प्राणी चौसिंगा कैद हुआ है. कैमरा ट्रैप में चौसिंगा की तस्वीर सामने आने पर टाइगर रिजर्व प्रबंधन में उत्साह का माहौल है. चौसिंगा भारत में पाया जाने वाला एक विलुप्तप्राय मृग है. नौरादेही टाइगर रिजर्व में चौसिंगा नजर आने से काफी उम्मीद बड़ी है. प्रकृति संरक्षण के लिए समर्पित अंतरराष्ट्रीय संस्था IUCN (International Union for Conservation of Nature) ने अपनी रेड अलर्ट सूची में रखा है. भारत सरकार ने भी वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत चौसिंगा को बाघ के साथ एक ही श्रेणी की संरक्षित सूची में रखा है.
जानिए चौसिंगा के बारे में
चौसिंगा एशिया महाद्वीप में भारत और नेपाल में पाए जाने वाला मृग है. नेपाल में भी इसकी संख्या काफी कम है. इसका वैज्ञानिक नाम टेटाटेरस क्वाड्रिकारनिस है. यह एक खूबसूरत छोटे आकार का मृग है. जन्म के कुछ समय बाद चौसिंगा के दो सींग आते हैं. व्यस्क होने पर दो सींग और निकल आते हैं. चार सींग केवल नर चौसिंगा में पाए जाते हैं. इसके दो सींग सामान्य तौर पर कान के बीचों-बीच और दो सींग आगे माथे की तरफ पाए जाते हैं. खास बात ये है कि इसकी सबसे ज्यादा संख्या बुंदेलखंड में ही पन्ना टाइगर रिजर्व में है. अब नौरादेही टाइगर रिजर्व में चौसिंगा के नजर आने के बाद माना जा रहा है कि बुंदेलखंड विलुप्तप्राय चौसिंगा की पसंदीदा जगह है और इधर इसके संरक्षण के लिए प्रयास किया जा सकते हैं.
'नौरादेही टाइगर रिजर्व प्रबंधन उत्साहित'
नौरादेही टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डॉ ए ए अंसारी का कहना है कि "चौसिंगा का एक विस्तृत रहवास क्षेत्र है लेकिन हम लोग नौरादेही टाइगर रिजर्व में चौसिंगा होने का अनुमान लगाते थे. अभी हम लोग फेस 4 की गणना के लिए कैमरा ट्रैपिंग कर रहे हैं. तो उसमें चौसिंगा के फोटोग्राफ नजर आए हैं. नोरादेही टाइगर रिजर्व में मृग (antelope) प्रजाति में एक और संख्या बढ़ गई. अब हमारे पास रिकॉर्ड में आ गया है कि इस रेंज की इस वीट में विलुप्तप्राय चौसिंगा की उपलब्धता है. हम लोगों को काफी खुशी है और हम काफी उत्साहित हैं और मानकर चल रहे हैं कि कैमरा ट्रैप में अभी और ऐसे जीव मिलेंगे जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं है."