सागर। अल्प वर्षा और सालभर जल संकट से जूझने वाले इलाके में अगर किसी बोरवेल में पानी की तेज धारा फूट पड़े तो इसे लोग चमत्कार ही मानेंगे. सागर जिले के बंडा कस्बे में ऐसा ही नजारा देखने को मिला. जहां 500 फीट से ज्यादा बोरवेल की खुदाई के बाद जब पानी नहीं निकला तो निराश होकर बोरवेल बंद कर दिया गया. लेकिन 10 दिन बाद अचानक बोरवेल से तेज आवाज आने लगी और जब बोरवेल का ढक्कन खोलकर देखा तो करीब 5 फीट ऊंची पानी की धार फूट पड़ी. पानी की समस्या से जूझ रहे इस इलाके में यह घटना किसी चमत्कार से काम नहीं मानी जा रही है. इसे देखने के लिए लोगों का तांता लगा है.
सागर जिले के बंडा में ये चमत्कार कैसे हुआ
सागर जिले के बंडा कस्बे में ये हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, बंडा इलाका कम वर्षा और निम्न भूजलस्तर वाला इलाका है. आमतौर पर यहां पर सालभर पानी की किल्लत रहती है. हैंडपंप और बोरवेल में किस्मत से थोड़ा बहुत पानी आ जाए तो लोग ईश्वर की कृपा मानते हैं. ऐसा ही कुछ कस्बे के वार्ड नंबर 11 में देखने को मिला, जब यहां के रहवासी नरेंद्र जैन ने एक बोर कराया. लेकिन 516 फीट गहराई के बाद भी पानी नहीं निकला तो निराश होकर उसे बंद कर दिया. लेकिन 10 दिन बाद बोरवेल से अचानक आवाजें आने लगी और जब बोरवेल का ढक्कन खोला गया तो पानी की धारा बह उठी. वहीं पानी की किल्लत वाले इलाके में लोग इसे ईश्वर की कृपा मान रहे हैं.
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बंडा में रसातल में पहुंच चुका है पानी
सागर जिले की बंडा तहसील सूखाग्रस्त इलाका है. पूरे जिले में होने वाली वर्षा के मुकाबले यहां एक तिहाई बरसात होती है. लगातार अल्प वर्षा के कारण इलाके का भूजल स्तर भी काफी नीचे चला गया है. यहां सिर्फ बरसात के मौसम में हैंडपंप और बोरवेल में पानी होता है. बरसात जाते ही धीरे-धीरे हैंडपंप और बोरवेल सूख जाते हैं. गर्मी के मौसम में ये इलाका भीषण जलसंकट से जूझता है. वहीं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था न होने के कारण इलाके में खेती भी काफी कठिन चुनौती है, लेकिन जिस तरह से बोरवेल से पानी निकला है तो यहां के लोगों को काफी उम्मीद जगी हैं.