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फटाफट पहुंचे जंगल, नामीबिया से आए चीते आज से दे रहे दर्शन, दीदार के साथ जंगल सफारी का मिलेगा मजा - Kuno National Park Open 06 October

कूनो नेशनल पार्क फिर पर्यटकों से गुलजार होने वाला है. रविवार से पार्क के तीनों गेट खोल दिए जाएंगे. सैलानियों को चीतों के दीदार होंगे.

GWALIOR KUNO NATIONAL PARK OPENED
सैलानियों का इंतजार हुआ खत्म (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 8:23 PM IST

Updated : Oct 6, 2024, 7:47 AM IST

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में इस बार बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़े है. पूरा मध्य प्रदेश लबालब था और इसका असर सड़कों पर भी पड़ा. यही वजह है कि कूनो नेशनल पार्क जो हमेशा पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से खोला जाता था. इस बार नहीं खुल सका, लेकिन अब कूनो प्रबंधन से ऐसी खबर आई है कि पर्यटकों के चेहरे खिल उठेंगे. कूनो अभ्यारण के द्वार रविवार 6 अक्टूबर से सैलानियों के लिए खोले जा रहे हैं. सैलानी जल्द चीतों के दीदार कर सकेंगे.

तीनों गेट पर होगी सैलानियों की एंट्री

कूनो प्रबंधन द्वारा रविवार को कूनो नेशनल पार्क के तीनों टिकटोली, अहेरा और पीपल बावड़ी गेट पर्यटकों के लिए खोल दिये जायेंगे. इसके साथ ही यहां आने वाले सैलानी जंगल सफारी का मजा कूनो नेशनल पार्क में ले सकेंगे, लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर सैलानियों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अफ्रीका महादीप से भारत लाए गए चीते हैं, लेकिन चीतों के दीदार के लिए थोड़ा समय लग सकता है.

Gwalior Kuno National Park Opened
कूनो नेशनल पार्क (kuno national park)

इसलिए 1 अक्टूबर को नहीं खुले द्वार

कूनो नेशनल पार्क वन विभाग के श्योपुर डीएफओ मुरुथराल आर का कहना है कि, "इस बार बारिश की वजह से कूनो नेशनल पार्क में सफारी के रास्ते बुरी तरह खराब हो गए थे. जिसकी वजह से गेट 1 अक्टूबर को नहीं खोले जा सके. हमने हाल ही में निरीक्षण किया है और अब रास्ता ठीक है. यहां सैलानी आ सकते हैं. इसलिए रविवार से पर्यटकों के लिए एंट्री गेट खोले जा रहे हैं."

Kuno National Park booking
अटखेलियां करते चीता (kuno national park)

चीतों के बाड़े में पर्यटकों पर प्रतिबंध

श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के टिकटोली गेट के पास ही चीतों का बाड़ा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पर्यटक चीतों को भी देख सकेंगे. पिछले साल कूनो अभयारण्य का सिर्फ शिवपुरी जिले में स्थित एक गेट खोल गया था. क्योंकि श्योपुर गेट के पास ही चीतों का बाड़ा था और वहां सैलानियों के जाने पर प्रतिबंध था. ऐसे में सैलानियों को काफी निराशा हुई थी, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग होने वाले है.

Tourists see cheetahs
दहाड़ता हुए चीता (kuno national park)

बाड़े में नहीं जंगल में दिखेंगे चीते

श्योपुर डीएफओ मुरथराल आर का कहना है कि "चीता प्रोजेक्ट के नियमों के हिसाब से सैलानियों के लिए चीतों का बाड़ा प्रतिबंधित क्षेत्र है. लेकिन जब चीतों को खुले जंगल मे छोड़ा जाएगा तो जंगल सफारी के दौरान चीते भी सैलानियों को नज़र आ सकते हैं. और भारत आने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब आम लोग भी चीतों का दीदार कर सकेंगे."

Kuno jungle Safari Started
जंगल में मस्ती करते शावक (kuno national park)

चीतों को जंगल में छोड़े जाने की चल रही है प्रक्रिया

गौरतलब है कि, कूनो प्रबंधन और चीता प्रोजेक्ट से जुड़ी समिति की ओर से जल्द चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला लिया गया है. माना जा रहा है कि अक्टूबर में ही चीते कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से आजाद हो जाएंगे. हालांकि, चीतों को जंगल में रिलीज करने को लेकर अब तक फाइनल आदेश का इंतजार किया जा रहा है. जैसे ही हरी झंडी मिलेगी चीतों को आजाद कर दिया जाएगा और वे कूनो अभ्यारण समेत मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान के 24 जिलों में जमीन नापेंगे. जिसका मतलब है कि आने वाले समय में पर्यटक कूनो नेशनल पार्क घूमने के साथ-साथ पहली बार चीतों को भी अपनी आंखों से देख पाएंगे.

यहां पढ़ें...

बाघों के दीदार का इंतजार खत्म, पन्ना, कान्हा, बांधवगढ़ और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू

पर्यटकों का जल्द खत्म होगा इंतजार, 1 अक्टूबर से बांधवगढ़ में उमड़ेगी भीड़, विदेशी भी दिवाने

हर रोज पहुचेंगे सैकड़ों सैलानी

आपको बता दें कि कूनो प्रबंधन द्वारा इस बात की उम्मीद जताई जा रही है, कि जब रविवार को कूनो नेशनल पार्क के तीनों गेट खुलेंगे तो हर रोज लगभग 400 से 500 सैलानी यहां पर्यटन के लिए आएंगे और त्योहार ही सीजन में छुट्टियों के दिन यह संख्या और भी बढ़ेगी जिसको लेकर भी कूनो प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली है कूनो अभ्यारण में ही नाइट स्टे की भी व्यवस्था यहां आने वाले सैलानियों को विशेष पैकेज पर मिलती है. तो अब बस कुछ ही दिनों का इंतजार है जो खत्म होने वाला है क्योंकि अब तक जिन सीटों को हम समाचार पत्रों और न्यूज़ के माध्यम से तस्वीरों में देखे आए हैं वे अब समक्ष दिखाई देंगे.

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में इस बार बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़े है. पूरा मध्य प्रदेश लबालब था और इसका असर सड़कों पर भी पड़ा. यही वजह है कि कूनो नेशनल पार्क जो हमेशा पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से खोला जाता था. इस बार नहीं खुल सका, लेकिन अब कूनो प्रबंधन से ऐसी खबर आई है कि पर्यटकों के चेहरे खिल उठेंगे. कूनो अभ्यारण के द्वार रविवार 6 अक्टूबर से सैलानियों के लिए खोले जा रहे हैं. सैलानी जल्द चीतों के दीदार कर सकेंगे.

तीनों गेट पर होगी सैलानियों की एंट्री

कूनो प्रबंधन द्वारा रविवार को कूनो नेशनल पार्क के तीनों टिकटोली, अहेरा और पीपल बावड़ी गेट पर्यटकों के लिए खोल दिये जायेंगे. इसके साथ ही यहां आने वाले सैलानी जंगल सफारी का मजा कूनो नेशनल पार्क में ले सकेंगे, लेकिन यहां आने वाले ज्यादातर सैलानियों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र अफ्रीका महादीप से भारत लाए गए चीते हैं, लेकिन चीतों के दीदार के लिए थोड़ा समय लग सकता है.

Gwalior Kuno National Park Opened
कूनो नेशनल पार्क (kuno national park)

इसलिए 1 अक्टूबर को नहीं खुले द्वार

कूनो नेशनल पार्क वन विभाग के श्योपुर डीएफओ मुरुथराल आर का कहना है कि, "इस बार बारिश की वजह से कूनो नेशनल पार्क में सफारी के रास्ते बुरी तरह खराब हो गए थे. जिसकी वजह से गेट 1 अक्टूबर को नहीं खोले जा सके. हमने हाल ही में निरीक्षण किया है और अब रास्ता ठीक है. यहां सैलानी आ सकते हैं. इसलिए रविवार से पर्यटकों के लिए एंट्री गेट खोले जा रहे हैं."

Kuno National Park booking
अटखेलियां करते चीता (kuno national park)

चीतों के बाड़े में पर्यटकों पर प्रतिबंध

श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क के टिकटोली गेट के पास ही चीतों का बाड़ा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पर्यटक चीतों को भी देख सकेंगे. पिछले साल कूनो अभयारण्य का सिर्फ शिवपुरी जिले में स्थित एक गेट खोल गया था. क्योंकि श्योपुर गेट के पास ही चीतों का बाड़ा था और वहां सैलानियों के जाने पर प्रतिबंध था. ऐसे में सैलानियों को काफी निराशा हुई थी, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग होने वाले है.

Tourists see cheetahs
दहाड़ता हुए चीता (kuno national park)

बाड़े में नहीं जंगल में दिखेंगे चीते

श्योपुर डीएफओ मुरथराल आर का कहना है कि "चीता प्रोजेक्ट के नियमों के हिसाब से सैलानियों के लिए चीतों का बाड़ा प्रतिबंधित क्षेत्र है. लेकिन जब चीतों को खुले जंगल मे छोड़ा जाएगा तो जंगल सफारी के दौरान चीते भी सैलानियों को नज़र आ सकते हैं. और भारत आने के बाद यह पहला ऐसा मौका होगा जब आम लोग भी चीतों का दीदार कर सकेंगे."

Kuno jungle Safari Started
जंगल में मस्ती करते शावक (kuno national park)

चीतों को जंगल में छोड़े जाने की चल रही है प्रक्रिया

गौरतलब है कि, कूनो प्रबंधन और चीता प्रोजेक्ट से जुड़ी समिति की ओर से जल्द चीतों को खुले जंगल में छोड़ने का फैसला लिया गया है. माना जा रहा है कि अक्टूबर में ही चीते कूनो नेशनल पार्क के बाड़े से आजाद हो जाएंगे. हालांकि, चीतों को जंगल में रिलीज करने को लेकर अब तक फाइनल आदेश का इंतजार किया जा रहा है. जैसे ही हरी झंडी मिलेगी चीतों को आजाद कर दिया जाएगा और वे कूनो अभ्यारण समेत मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश राजस्थान के 24 जिलों में जमीन नापेंगे. जिसका मतलब है कि आने वाले समय में पर्यटक कूनो नेशनल पार्क घूमने के साथ-साथ पहली बार चीतों को भी अपनी आंखों से देख पाएंगे.

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हर रोज पहुचेंगे सैकड़ों सैलानी

आपको बता दें कि कूनो प्रबंधन द्वारा इस बात की उम्मीद जताई जा रही है, कि जब रविवार को कूनो नेशनल पार्क के तीनों गेट खुलेंगे तो हर रोज लगभग 400 से 500 सैलानी यहां पर्यटन के लिए आएंगे और त्योहार ही सीजन में छुट्टियों के दिन यह संख्या और भी बढ़ेगी जिसको लेकर भी कूनो प्रबंधन ने तैयारियां पूरी कर ली है कूनो अभ्यारण में ही नाइट स्टे की भी व्यवस्था यहां आने वाले सैलानियों को विशेष पैकेज पर मिलती है. तो अब बस कुछ ही दिनों का इंतजार है जो खत्म होने वाला है क्योंकि अब तक जिन सीटों को हम समाचार पत्रों और न्यूज़ के माध्यम से तस्वीरों में देखे आए हैं वे अब समक्ष दिखाई देंगे.

Last Updated : Oct 6, 2024, 7:47 AM IST
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