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चीन, नेपाल, अफगान और पाकिस्तान से लहसुन की घुसपैठ! दुश्मन से कम नहीं है ऐसा लहसुन - CHINESE GARLIC ISSUE MADHYA PRADESH

भारत में लहसुन का विदेशी आयात तोड़ रहा लहसुन के भाव, प्रतिबंध के बावजूद मंडियों तक कैसे पहुंचा चाइनीज लहसुन? रतलान से दिव्यराज सिंह राठौर की रिपोर्ट.

CHINESE GARLIC ISSUE MADHYA PRADESH
किस रूट से चीन से भारत आ रहा लहसुन? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 7 hours ago

Updated : 4 hours ago

रतलाम (दिव्यराज सिंह राठौर): भारतीय मंडियों में लहसुन के गिरते दाम को लेकर इन दिनों लहसुन उत्पादक किसान और लहसुन व्यापारी चिंतित हैं. खासकर मध्य प्रदेश में इसे लेकर लहसुन पंचायत हो रही है और सियासत भी गर्मा रही है. लहसुन के दाम गिरने की मुख्य वजह विदेश से चोरी छिपे आयात की जा रही लहसुन को बताया जा रहा है. किसानों और व्यापारियों का मानना है कि चीन से प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज लहसुन नेपाल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के जरिए भारतीय मंडियों तक पहुंच रहा है, जिसकी वजह से पिछले एक महीने में लहसुन के दाम प्रति क्विंटल 10 से 15 हजार रुपए तक नीचे गिर गए हैं. वहीं रिटेल में भी लहसुन की कीमत ₹100 प्रति किलो तक कम हो चुकी है.

लहसुन के विदेशी आयात का कितना असर?

लहसुन के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र मालवा में जावरा के किसानों ने चाइना की लहसुन होने के संदेह में अफगानिस्तान से आयातित लहसुन के दो ट्रक भी पकड़े हैं. दरअसल, भारत में चीन से लहसुन के आयात पर बीते 10 वर्षों से प्रतिबंध लगा हुआ है. लेकिन अफगानिस्तान, ईरान, मिस्र और जापान से लहसुन का आयात भारत में होता है. इस वर्ष भारत में लहसुन के दाम अच्छे मिलने की वजह लहसुन उत्पादक किसानों और व्यापारियों को फायदा भी मिला है. हालांकि, रिटेल ग्राहकों के लिए लहसुन 350 रुपए से लेकर ₹500 किलो तक भी महंगी हो गई थी. लेकिन विदेश से आयातित होकर भारतीय मंडियों में पहुंचे लहसुन की वजह से लहसुन के भाव 10 से 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गए.

जानकारी देते लहसुन इंपोर्ट विशेषज्ञ (Etv Bharat)

इसके बाद लहसुन उत्पादक किसानों और व्यापारियों को लहसुन के दाम गिरने की चिंता सताने लगी है. वहीं, किसानों और व्यापारियों का मानना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत आ रही लहसुन चीन की प्रतिबंधित अमानक लहसुन है, जिसकी वजह से लहसुन का बाजार लगातार गिर रहा है.

garlic price madhya pradesh
लहसुन के विदेशी आयात का दामों पर पड़ रहा असर (Etv Bharat)

किस रूट से चीन से भारत आ रहा लहसुन?

लहसुन व्यापारी और इंपोर्ट एक्सपोर्ट के जानकार निलेश बाफना के मुताबिक, '' लहसुन के बाजार गिरने का मुख्य कारण विदेश से आयात किया जा रहा लहसुन ही है. चीन में उत्पादित लहसुन भारत में दो रूट से लाया जा रहा है, जिसमें पहले नेपाल के रास्ते बिहार में स्मगल कर लहसुन लाया जा रहा है. वहीं, चीन से अफगानिस्तान के एक्सपोर्टर लहसुन खरीद कर भारत की मंडियों में भिजवा रहे हैं, जिसका असर लहसुन के दामों पर सीधे पड़ रहा है. 1 महीने में करीब 15000 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है. आगामी सीजन में भी लहसुन के दाम कम होने की संभावना बनी हुई है.''

garlic price today
विदेशी आयात से किसानों को हो रहा नुकसान (Etv Bharat)

सरकार विदेश से क्यों करती है आयात ?

रिटेल में प्याज और लहसुन जैसी खाद्य सामग्री और वस्तुओं के दाम नियंत्रित करने के लिए सरकार विदेश से प्याज और लहसुन का आयात करती है. भारत में अफगानिस्तान, ईरान, मिस्र और जापान से लहसुन का आयात किया जाता है. करीब 10 वर्षों से चीन लहसुन का आयात पर प्रतिबंधित है. लेकिन अन्य देशों से लहसुन का आयात किया जाता है. इस वर्ष रिटेल में लहसुन के दाम 400 से ₹500 प्रति किलो तक पहुंच गए थे, जिसकी वजह से लहसुन शहरों में आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो गया था. रिटेल लहसुन व्यापारी सुरेश शर्मा बताते हैं, '' 1 महीने में विदेशी आयात की वजह से रिटेल में भी ₹100 प्रति किलो तक लहसुन के दाम गिर गए हैं''
लहसुन से जुड़ी अन्य खबरें-

रतलाम (दिव्यराज सिंह राठौर): भारतीय मंडियों में लहसुन के गिरते दाम को लेकर इन दिनों लहसुन उत्पादक किसान और लहसुन व्यापारी चिंतित हैं. खासकर मध्य प्रदेश में इसे लेकर लहसुन पंचायत हो रही है और सियासत भी गर्मा रही है. लहसुन के दाम गिरने की मुख्य वजह विदेश से चोरी छिपे आयात की जा रही लहसुन को बताया जा रहा है. किसानों और व्यापारियों का मानना है कि चीन से प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज लहसुन नेपाल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के जरिए भारतीय मंडियों तक पहुंच रहा है, जिसकी वजह से पिछले एक महीने में लहसुन के दाम प्रति क्विंटल 10 से 15 हजार रुपए तक नीचे गिर गए हैं. वहीं रिटेल में भी लहसुन की कीमत ₹100 प्रति किलो तक कम हो चुकी है.

लहसुन के विदेशी आयात का कितना असर?

लहसुन के सबसे बड़े उत्पादक क्षेत्र मालवा में जावरा के किसानों ने चाइना की लहसुन होने के संदेह में अफगानिस्तान से आयातित लहसुन के दो ट्रक भी पकड़े हैं. दरअसल, भारत में चीन से लहसुन के आयात पर बीते 10 वर्षों से प्रतिबंध लगा हुआ है. लेकिन अफगानिस्तान, ईरान, मिस्र और जापान से लहसुन का आयात भारत में होता है. इस वर्ष भारत में लहसुन के दाम अच्छे मिलने की वजह लहसुन उत्पादक किसानों और व्यापारियों को फायदा भी मिला है. हालांकि, रिटेल ग्राहकों के लिए लहसुन 350 रुपए से लेकर ₹500 किलो तक भी महंगी हो गई थी. लेकिन विदेश से आयातित होकर भारतीय मंडियों में पहुंचे लहसुन की वजह से लहसुन के भाव 10 से 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गए.

जानकारी देते लहसुन इंपोर्ट विशेषज्ञ (Etv Bharat)

इसके बाद लहसुन उत्पादक किसानों और व्यापारियों को लहसुन के दाम गिरने की चिंता सताने लगी है. वहीं, किसानों और व्यापारियों का मानना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रास्ते भारत आ रही लहसुन चीन की प्रतिबंधित अमानक लहसुन है, जिसकी वजह से लहसुन का बाजार लगातार गिर रहा है.

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लहसुन के विदेशी आयात का दामों पर पड़ रहा असर (Etv Bharat)

किस रूट से चीन से भारत आ रहा लहसुन?

लहसुन व्यापारी और इंपोर्ट एक्सपोर्ट के जानकार निलेश बाफना के मुताबिक, '' लहसुन के बाजार गिरने का मुख्य कारण विदेश से आयात किया जा रहा लहसुन ही है. चीन में उत्पादित लहसुन भारत में दो रूट से लाया जा रहा है, जिसमें पहले नेपाल के रास्ते बिहार में स्मगल कर लहसुन लाया जा रहा है. वहीं, चीन से अफगानिस्तान के एक्सपोर्टर लहसुन खरीद कर भारत की मंडियों में भिजवा रहे हैं, जिसका असर लहसुन के दामों पर सीधे पड़ रहा है. 1 महीने में करीब 15000 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है. आगामी सीजन में भी लहसुन के दाम कम होने की संभावना बनी हुई है.''

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विदेशी आयात से किसानों को हो रहा नुकसान (Etv Bharat)

सरकार विदेश से क्यों करती है आयात ?

रिटेल में प्याज और लहसुन जैसी खाद्य सामग्री और वस्तुओं के दाम नियंत्रित करने के लिए सरकार विदेश से प्याज और लहसुन का आयात करती है. भारत में अफगानिस्तान, ईरान, मिस्र और जापान से लहसुन का आयात किया जाता है. करीब 10 वर्षों से चीन लहसुन का आयात पर प्रतिबंधित है. लेकिन अन्य देशों से लहसुन का आयात किया जाता है. इस वर्ष रिटेल में लहसुन के दाम 400 से ₹500 प्रति किलो तक पहुंच गए थे, जिसकी वजह से लहसुन शहरों में आम उपभोक्ताओं की पहुंच से बाहर हो गया था. रिटेल लहसुन व्यापारी सुरेश शर्मा बताते हैं, '' 1 महीने में विदेशी आयात की वजह से रिटेल में भी ₹100 प्रति किलो तक लहसुन के दाम गिर गए हैं''
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