सागर। मध्यप्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम द्वारा पिछले हफ्ते शुक्रवार को परसोरिया में स्थित मौलाना आजाद स्कूल का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के बाद बताया गया कि स्कूल में कई तरह की अनियमितताएं हैं. बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि स्कूल की मान्यता पर अवैध रूप से मदरसा संचालित किया जा रहा है. बाल संरक्षण आयोग के आरोपों के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद ने अपनी सफाई पेश की है और बाल आयोग के आरोपों को निराधार बताया है.
बाल संरक्षण आयोग ने क्या आरोप लगाए
मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह राजपूत के नेतृत्व में आयोग की टीम ने पिछले शुक्रवार को परसोरिया के मौलाना आजाद स्कूल का निरीक्षण किया था और कहा "स्कूल की मान्यता पर यहां पर मदरसा चलाया जा रहा है. स्कूल के पास आठवीं तक की मान्यता है. लेकिन नौवीं और दसवीं के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. स्कूल के छात्रावास में इबादतखाना है. जहां पर बच्चे खाना खाते हैं, वहां मस्जिद भी है. बच्चों की यूनिफॉर्म मुस्लिम परिधान की तरह है. उन्हें स्कूल की तरह यूनिफॉर्म नहीं, बल्कि कुर्ता, पजामा और जालीदार टोपी पहनाई जाती है. स्कूल में स्थानीय बच्चों को एडमिशन नहीं दिए जाते हैं."
ये खबरें भी पढ़ें... मदरसे की बच्चियों का स्कूल में हुआ एडमिशन, ट्वीट के बाद हरकत में आया रतलाम प्रशासन मध्य प्रदेश के मदरसों में तालीम ले रहे 9417 हिंदू बच्चे, NCPCR का बड़ा खुलासा |
बाल आयोग के आरोपों पर जमीअत उलेमा ए हिंद की सफाई
जमीयत उलेमा ए हिंद के सागर इकाई के महासचिव मुक्ति अबरार उल हक ने वीडियो जारी कर कहा है "सागर के परसोरिया गांव में स्थित मौलाना अब्दुल एजुकेशन कैंपस पहले दिन से सरकारी गैर सरकारी गाइडलाइन का पालन कर रहा है. हम वहां सिर्फ वही गतिविधियां संचालित कर रहे हैं, जिसकी हमें अनुमति है. वहां पर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, जो शासन की गाइडलाइन है. हमारा कहना है कि गाइडलाइन के पालन और अनुमति को लेकर किसी तरह का भ्रम ना पालें."