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छोटे-मोटे काम के लिए हाथ ना फैलाएं कॉलेज और विश्वविद्यालय, बिहार सरकार का नया नियम, कमेटी का गठन - Bihar Government - BIHAR GOVERNMENT

Bihar Education: बिहार सरकार ने विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए नई नियम जारी की है. इसमें छोटे मोटे काम के लिए संस्थान सरकार के पास ना जाए बल्कि आंतरिक स्रोस से काम को पूरा करे. इसके लिए कमेटी का भी गठन किया गया है. यह कमेटी योजना को प्रस्तावित कर सरकार से अनुशंसा करेगी. पढ़ें पूरी खबर.

सीएम नीतीश कुमार
सीएम नीतीश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 21, 2024, 9:09 AM IST

पटनाः बिहार सरकार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विकास कार्यों की योजनाएं तय करने की प्रक्रिया बदल दी है. राज्य सरकार ने अब इसको लेकर नई प्रक्रिया गठित की है. इस प्रक्रिया के तहत योजनाओं के चयन के लिए तीन तरह की कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी योजनाओं की प्राथमिकता के आधार पर उसे स्वीकृत करेगी और स्वीकृत करने के बाद क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा करेगी.

आंतरिक स्रोत से योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोरः इसमें दो कमेटी विभाग के मुख्यालय स्तर की है और एक कमेटी जिला स्तरीय है. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश पत्र में कहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों के विकास के लिए विभाग में प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाता है. इन संस्थानों में खुद की आंतरिक स्रोत के राशि रहने के बावजूद वर्ग कक्ष निर्माण, प्रयोगशाला निर्माण, जीर्णोद्धार कार्य जैसी छोटी-छोटी योजनाओं के लिए विभाग को प्रस्ताव प्राप्त होते हैं.

जारी घोषणा पत्र
जारी घोषणा पत्र (ETV Bharat)

आंतरिक स्रोत से हो सकता है कामः इसलिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण हो. जिनका क्रियान्वयन इस संस्था के आंतरिक स्रोत से हो सकता है. उसका इस संस्था के स्तर पर क्रियान्वयन हो. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश पत्र में कहा है कि राज्य सरकार के स्तर पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विकास के लिए बजटीय उपबंध होता है. ऐसे में जो प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर पर प्राप्त कराए जाएंगे उसके लिए योजनाओं की प्राथमिकता सूची तैयार किया जाना है. उसी के अनुरूप योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन कराया जाना जरूरी है.

गठित कमेटी करेगी प्रस्तावितः विश्वविद्यालय के लिए नई योजना का चयन और अनुशंसा मुख्यालय स्तर की कमेटी तय करेगी. विश्वविद्यालय के जीर्णोद्धार योजना का चयन और अनुशंसा मुख्यालय स्तर पर गठित कमेटी करेगी. अंगीभूत महाविद्यालयों की योजनाओं के चयन और अनुशंसा जिला स्तरीय कमेटी करेगी. कमेटी द्वारा अनुशंसित सभी योजनाओं की समाप्ति के बाद ही दूसरी योजनाओं को विचार के लिए कमेटी के समक्ष लाया जाएगा.

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पटनाः बिहार सरकार शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के विकास कार्यों की योजनाएं तय करने की प्रक्रिया बदल दी है. राज्य सरकार ने अब इसको लेकर नई प्रक्रिया गठित की है. इस प्रक्रिया के तहत योजनाओं के चयन के लिए तीन तरह की कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी योजनाओं की प्राथमिकता के आधार पर उसे स्वीकृत करेगी और स्वीकृत करने के बाद क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को अनुशंसा करेगी.

आंतरिक स्रोत से योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोरः इसमें दो कमेटी विभाग के मुख्यालय स्तर की है और एक कमेटी जिला स्तरीय है. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश पत्र में कहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों के विकास के लिए विभाग में प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाता है. इन संस्थानों में खुद की आंतरिक स्रोत के राशि रहने के बावजूद वर्ग कक्ष निर्माण, प्रयोगशाला निर्माण, जीर्णोद्धार कार्य जैसी छोटी-छोटी योजनाओं के लिए विभाग को प्रस्ताव प्राप्त होते हैं.

जारी घोषणा पत्र
जारी घोषणा पत्र (ETV Bharat)

आंतरिक स्रोत से हो सकता है कामः इसलिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में योजनाओं की प्राथमिकता का निर्धारण हो. जिनका क्रियान्वयन इस संस्था के आंतरिक स्रोत से हो सकता है. उसका इस संस्था के स्तर पर क्रियान्वयन हो. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश पत्र में कहा है कि राज्य सरकार के स्तर पर कॉलेज और यूनिवर्सिटी के विकास के लिए बजटीय उपबंध होता है. ऐसे में जो प्रस्ताव राज्य सरकार के स्तर पर प्राप्त कराए जाएंगे उसके लिए योजनाओं की प्राथमिकता सूची तैयार किया जाना है. उसी के अनुरूप योजनाओं की स्वीकृति और क्रियान्वयन कराया जाना जरूरी है.

गठित कमेटी करेगी प्रस्तावितः विश्वविद्यालय के लिए नई योजना का चयन और अनुशंसा मुख्यालय स्तर की कमेटी तय करेगी. विश्वविद्यालय के जीर्णोद्धार योजना का चयन और अनुशंसा मुख्यालय स्तर पर गठित कमेटी करेगी. अंगीभूत महाविद्यालयों की योजनाओं के चयन और अनुशंसा जिला स्तरीय कमेटी करेगी. कमेटी द्वारा अनुशंसित सभी योजनाओं की समाप्ति के बाद ही दूसरी योजनाओं को विचार के लिए कमेटी के समक्ष लाया जाएगा.

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