प्रतापगढ़ः शहर के जिला अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर के निजी क्लिनिक में मासूम की मौत होने पर आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. अस्पताल के प्रभारी डॉ. ओपी दायमा ने बताया कि लोगों की शिकायत और ज्ञापन के बाद डॉक्टर को हटा दिया गया है. वहीं, जिला कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने बताया कि घर पर अपने निजी क्लीनिक पर डॉक्टर द्वारा मासूम के ऑपरेशन के दौरान मौत के मामले में टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं.
इलाज में लापरवाही का आरोपः परिजनों ने बताया कि 11 अक्टूबर को जिला अस्पताल में अपनी दो साल की मासूम को लेकर पहुंचे थे, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने घर पर इलाज के लिए बुलाया था. इसके बाद परिजन मंगलवार शाम को मासूम को लेकर डॉक्टर घर पर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने मासूम के पेट में हो रही गांठ का ऑपरेशन शुरू किया. ऑपरेशन के दौरान मासूम की तबियत बिगड़ गई. परिजनों ने बताया कि डॉक्टर अपने निजी वाहन से मासूम और उसके परिजनों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां मासूम ने दम तोड़ दिया. इस घटना के बाद बुधवार को मृतका के परिजन और सामाजिक संगठन के लोग अस्पताल के बाहर डॉक्टर को अस्पताल से हटाने, उसका लाइसेंस रद्द करने और कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए. अस्पताल प्रभारी डॉ. ओपी दायमा ने बताया कि लोगों की शिकायत और ज्ञापन के बाद में डॉक्टर को हटा दिया गया है. राज्य सरकार को भी इस संबंध में पत्र लिखा गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
परिजनों का धरना जारीः इस दौरान डॉक्टर के परिवार के सदस्यों ने भी मामले को शांत करने के लिए प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने किसी भी समझौते से इनकार कर दिया. मृतका के परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. जिला अस्पताल में मासूम के परिजनों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. परिजनों ने डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है और अस्पताल की मोर्चरी में शव को रखकर धरना दे रहे हैं. परिजनों का कहना है कि जबतक डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक वे अस्पताल से नहीं हटेंगे. उन्होंने शव लेने से भी इनकार कर दिया है. परिजनों और समाज के लोगों का कहना है कि वे रात भर अस्पताल में ही धरना देंगे और गुरुवार सुबह तक यदि डॉक्टर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे.
पिता ने लगाए गंभीर आरोपः इस मामले में मासूम के पिता ने डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने बिना सुन किए ही मासूम का ऑपरेशन कर दिया, जिससे मासूम की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन करने के लिए 15 हजार रुपए की मांग की थी. परिजन ब्याज पर पैसे लेकर मासूम का ऑपरेशन करवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर ने सही उपचार नहीं किया और लापरवाही से ऑपरेशन किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
जांच के लिए कमेटी का गठनः मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने डॉक्टर को अस्पताल से हटा दिया है और मामले की जांच के लिए टीम गठित की है. कलेक्टर अंजलि राजोरिया ने बताया कि घर पर अपने निजी क्लीनिक पर डॉक्टर द्वारा मासूम के ऑपरेशन के दौरान मौत के मामले में टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए गए हैं. परिजनों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज करने के निर्देश देकर कार्रवाई जारी है.