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टाटा ग्रुप ने बंद कर दी वर्षों पुरानी परंपरा, कंपनियों को अधिक प्रॉफिटेबल बनाने पर जोर - TATA SONS

टाटा संस अपने नए उपक्रमों टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया को और अधिक प्रॉफिटेबल बनाने के लिए कदम उठा रहा है.

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टाटा ग्रुप ने बंद कर दी वर्षों पुरानी परंपरा, नए उपक्रमों को अधिक प्रॉफिटेबल बनाने पर फोकस (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 7, 2025, 3:40 PM IST

नई दिल्ली: टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने बड़ा बदलाव किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने समूह की सभी कंपनियों के प्रबंधन को ऋण और देनदारियों का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टाटा समूह की कंपनियां ऋण और देनदारियों के प्रबंधन के लिए नया वित्तीय तरीका अपनाने जा रही हैं, इसलिए वे अब बैंकों को लेटर ऑफ कंफर्ट और क्रॉस-डिफॉल्ट क्लॉज देने के पुराने तरीके का पालन नहीं करेंगी, क्योंकि टाटा संस ने इस परंपरा को बंद कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने कथित तौर पर ऋणदाताओं यानी बैंकों को बताया है कि भविष्य में नए व्यवसायों को पूंजी का आवंटन इक्विटी निवेश और आंतरिक स्रोतों के माध्यम से होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर समूह की लिस्टेड कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से लाभांश का योगदान होगा.

वर्तमान में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा कंज्यूमर जैसी पुरानी सूचीबद्ध कंपनियां अपने ऋण को स्वतंत्र रूप से मैनेज कर रही हैं, जबकि टाटा समूह के नए व्यवसाय जैसे टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया पूंजी आवंटन के लिए टाटा संस पर निर्भर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ये कंपनियां भी महत्वपूर्ण स्केल पर पहुंच जाएंगी तो अपनी पूंजी आवश्यकताओं का प्रबंधन स्वयं करेंगी.

इसके अलावा, टाटा संस अपने नए व्यवसायों को और अधिक प्रॉफिटेबल बनाने के लिए कदम उठा रहा है. हाल ही में एनआईटी त्रिची के ग्लोबल एलुमनाई मीट में बोलते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा संस एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष श्रेणी की एयरलाइन में बदलने के लिए पूरी तरह से समर्पित है. टाटा समूह ने 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहित किया था.

पिछले साल नवंबर की शुरुआत में, एयर इंडिया-विस्तारा विलय के बाद सिंगापुर एयरलाइंस ने संयुक्त उद्यम में अतिरिक्त 3,194.5 करोड़ रुपये डालने की योजना बनाई थी. हालांकि, बोइंग और एयरबस जैसी विमान निर्माता कंपनियों से डिलीवरी में देरी के कारण एयर इंडिया फिलहाल विमानों की कमी का सामना कर रही है.

टाटा डिजिटल में पूंजी लगाने की योजना
टाटा संस ने 2025 की पहली तिमाही तक अपने डिजिटल उद्यम, टाटा डिजिटल में पूंजी लगाने की भी योजना बनाई है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब टाटा डिजिटल अपने स्टैंडअलोन आधार पर धीरे-धीरे अपने घाटे को कम कर रहा है. कंपनी का स्टैंडअलोन घाटा वित्त वर्ष 2023 में 1,370 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 1,201 करोड़ रुपये रह गया. इसका टर्नओवर भी सकारात्मक रहा. यह वित्त वर्ष 2023 में 204.3 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 420.5 करोड़ रुपये हो गया.

सेमीकंडक्टर में 18 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना
इसी तरह, टाटा संस अपने इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए दो वर्षों में नौ प्लांट स्थापित करने और सेमीकंडक्टर में 18 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है. हाल ही में एनआईटी त्रिची में एक कार्यक्रम में टाटा संस के चेयरमैन ने कहा, "“हम सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण में सटीक विनिर्माण में हैं. हमारा होसुर प्लांट 2025 में और सेमीकंडक्टर प्लांट 2026 में चालू हो जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें- गोल्ड भंडार में भारत की चमक और हुई तेज, चीन को छोड़ा पीछे, जोड़ा इतने टन सोना

नई दिल्ली: टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने बड़ा बदलाव किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने समूह की सभी कंपनियों के प्रबंधन को ऋण और देनदारियों का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टाटा समूह की कंपनियां ऋण और देनदारियों के प्रबंधन के लिए नया वित्तीय तरीका अपनाने जा रही हैं, इसलिए वे अब बैंकों को लेटर ऑफ कंफर्ट और क्रॉस-डिफॉल्ट क्लॉज देने के पुराने तरीके का पालन नहीं करेंगी, क्योंकि टाटा संस ने इस परंपरा को बंद कर दिया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा संस ने कथित तौर पर ऋणदाताओं यानी बैंकों को बताया है कि भविष्य में नए व्यवसायों को पूंजी का आवंटन इक्विटी निवेश और आंतरिक स्रोतों के माध्यम से होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर समूह की लिस्टेड कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) से लाभांश का योगदान होगा.

वर्तमान में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टाटा कंज्यूमर जैसी पुरानी सूचीबद्ध कंपनियां अपने ऋण को स्वतंत्र रूप से मैनेज कर रही हैं, जबकि टाटा समूह के नए व्यवसाय जैसे टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और एयर इंडिया पूंजी आवंटन के लिए टाटा संस पर निर्भर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब ये कंपनियां भी महत्वपूर्ण स्केल पर पहुंच जाएंगी तो अपनी पूंजी आवश्यकताओं का प्रबंधन स्वयं करेंगी.

इसके अलावा, टाटा संस अपने नए व्यवसायों को और अधिक प्रॉफिटेबल बनाने के लिए कदम उठा रहा है. हाल ही में एनआईटी त्रिची के ग्लोबल एलुमनाई मीट में बोलते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा संस एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष श्रेणी की एयरलाइन में बदलने के लिए पूरी तरह से समर्पित है. टाटा समूह ने 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहित किया था.

पिछले साल नवंबर की शुरुआत में, एयर इंडिया-विस्तारा विलय के बाद सिंगापुर एयरलाइंस ने संयुक्त उद्यम में अतिरिक्त 3,194.5 करोड़ रुपये डालने की योजना बनाई थी. हालांकि, बोइंग और एयरबस जैसी विमान निर्माता कंपनियों से डिलीवरी में देरी के कारण एयर इंडिया फिलहाल विमानों की कमी का सामना कर रही है.

टाटा डिजिटल में पूंजी लगाने की योजना
टाटा संस ने 2025 की पहली तिमाही तक अपने डिजिटल उद्यम, टाटा डिजिटल में पूंजी लगाने की भी योजना बनाई है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब टाटा डिजिटल अपने स्टैंडअलोन आधार पर धीरे-धीरे अपने घाटे को कम कर रहा है. कंपनी का स्टैंडअलोन घाटा वित्त वर्ष 2023 में 1,370 करोड़ रुपये से घटकर वित्त वर्ष 2024 में 1,201 करोड़ रुपये रह गया. इसका टर्नओवर भी सकारात्मक रहा. यह वित्त वर्ष 2023 में 204.3 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 420.5 करोड़ रुपये हो गया.

सेमीकंडक्टर में 18 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना
इसी तरह, टाटा संस अपने इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए दो वर्षों में नौ प्लांट स्थापित करने और सेमीकंडक्टर में 18 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है. हाल ही में एनआईटी त्रिची में एक कार्यक्रम में टाटा संस के चेयरमैन ने कहा, "“हम सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण में सटीक विनिर्माण में हैं. हमारा होसुर प्लांट 2025 में और सेमीकंडक्टर प्लांट 2026 में चालू हो जाना चाहिए."

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