जयपुर. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने परीक्षाओं को लेकर नया सिस्टम लागू करने की कवायद शुरू की है. इस संबंध में कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि पेपर लीक एक बहुत बड़ी समस्या है. यदि पेपर लीक हो जाता है और पता नहीं लगता तो वो उससे भी बड़ी समस्या है. बीते दिनों एसआई भर्ती में पेपर लीक हुआ. ऐसे बहुत सारे अभ्यर्थी पकड़े भी गए जो ट्रेनिंग कर रहे थे. इसलिए अब पेपर लीक की समस्या को खत्म करने के उद्देश्य से एक सॉल्यूशन निकाला गया है. जिसके तहत कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट कराया जाएगा.
आलोक राज ने कहा कि अमूमन पेपर बनाने, प्रिंट करने और सेंटर्स तक सप्लाई करने में बहुत बड़ी मशीनरी की आवश्यकता होती है. यदि इस मशीनरी में कोई कमजोर कड़ी हो गई तो पेपर लीक हो सकता है. इससे बचने के लिए कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट करने का विचार है. बहुत सी एजेंसी इसी तरह टेस्ट कर भी रही हैं, जिसमें नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और एसएससी का भी नाम शामिल है. इस व्यवस्था में एग्जाम पेपर डायरेक्ट पेपर सेटर से सर्वर के जरिए एग्जामिनेशन सेंटर पर मौजूद कंप्यूटर पर पहुंचता है. इससे बीच की कड़िया खत्म होती हैं और पेपर लीक की समस्या भी खत्म होती है.
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उन्होंने बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने ये फैसला लिया है कि जो भी छोटी परीक्षा होगी उसे नए मॉडल पर कराया जाएगा. चूंकि राजस्थान में फिलहाल इतने संसाधन उपलब्ध नहीं है कि किसी बड़ी परीक्षा को कंप्यूटर बेस्ड कराया जा सके. इसलिए छोटी परीक्षाओं को कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट करने का फैसला लिया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भी भर्ती परीक्षा में 20 हजार अभ्यर्थियों से कम अभ्यर्थी शामिल होंगे, उन परीक्षाओं को कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट कराया जाएगा, लेकिन इसमें भी एक ट्विस्ट है कि ये पूरी तरह कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट नहीं होगा. ये एक हाइब्रिड मॉडल होगा. जिसके तहत कंप्यूटर बेस के साथ-साथ ओएमआर बेस्ड टेस्ट होगा. यानी अभ्यर्थी को प्रश्न पत्र कंप्यूटर में मिलेगा और उसके जवाब ओएमआर शीट पर देने होंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट में कई बार शरारती तत्व रिमोट एक्सेस लेकर कंप्यूटर को हैक कर लेते हैं. इससे नकल की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए पेपर लीक की सभी संभावनाओं को दरकिनार करने के उद्देश्य से हाइब्रिड फार्मूला अपनाया जा रहा है. आगामी दिनों में जून के महीने में कुछ भर्ती परीक्षाएं ऐसी आयोजित की जाएंगी, जिसमें हाइब्रिड फार्मूले को इस्तेमाल किया जाएगा.