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जान जोखिम में डालकर पढ़ाई, छात्रों ने लगायी गुहार- मुख्यमंत्री जी हमारा स्कूल बनवा दीजिए - Students appealed to Hemant Soren

RM Project High School. हजारीबाग के आरएम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय की हालत बेहद खराब है. हालत ये है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. यहां बच्चों ने सीएम हेमंत सोरेन से अपने स्कूल की मरम्मत की अपील की है.

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पढ़ाई करते छात्रों की तस्वीर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 10, 2024, 8:54 PM IST

हजारीबाग: हमारे स्कूल की छत से पानी टपकता है. छत भी धीरे-धीरे टूटकर गिर रहा है. बरसात के दिनों में क्लासरूम में छाता लगाकर पढ़ाई करनी पड़ती है. यह गुहार आरएम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चंदा के छात्रों ने मुख्यमंत्री और जिले के उपायुक्त को लगाया है. छात्रों ने मांग की है कि हमारे स्कूल को दुरुस्त किया जाए ताकि पढ़ाई कर सके. दरअसल, हजारीबाग इचाक प्रखंड के आर एम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चंदा में पढ़ने वाले छात्र काफी परेशान हैं. मानसून के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. शायद यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन सच्चाई है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

दरअसल, विद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय है. कंप्यूटर रूम से लेकर क्लासरूम तक सभी छत से पानी टपक रहा है. छाता लगाकर छात्र पढ़ाई करने को मजबूर है. इतना ही नहीं कई जगह से छत टूटकर गिर रहा है, जिसके कारण छात्र चोटिल होने के भय में रहते है. छात्रों का भी कहना है कि बरसात में पढ़ाई में मन नहीं लगता है. दो-तीन दोस्त मिलकर छाता पकड़ते हैं तो पढ़ाई होती है. छात्रों का ध्यान हमेशा छत की ओर लगा रहता है कि कहीं छत का प्लास्टर टूटकर नीचे न गिर जाए.

कहीं रूम जर्जर तो कहीं छत से टपकता पानी

इधर, विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य का कहना है कि 650 बच्चों की पढ़ाई 6 रूम में होती है. विद्यालय में शौचालय की भी समस्या है. बच्चों को खेलने और प्रार्थना के लिए मैदान तक की सुविधा नहीं है. लगभग सभी रूम जर्जर हो रहे हैं. जगह-जगह से पानी टपकता है. उन्होंने बताया कि इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर जिले के उपयुक्त और जनप्रतिनिधियों को भी आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक किसी ने भी मदद नहीं की.

वहीं, इस पर जिले के उपायुक्त नैंसी सहाय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपका जरिए जानकारी मिली है. डीएमएफटी फंड से जल्द ही विद्यालय को दुरुस्त किया जाएगा. जहां छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं स्कूल की प्रिंसिपल अपनी बेबसी पर दर्द बयां कर रही हैं. उपायुक्त ने आश्वासन तो जरूर दिया है कि विद्यालय दुरुस्त किया जाएगा, जिसका छात्र और शिक्षकों को इंतजार रहेगा.

ये भी पढ़ें: धनबाद में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, हीरापुर पार्क मार्केट का दो मंजिला भवन बेहद जर्जर

ये भी पढ़ें: धनबाद में बीसीसीएल की बंद चानक से जहरीली गैस का रिसाव, दहशत में लोग

हजारीबाग: हमारे स्कूल की छत से पानी टपकता है. छत भी धीरे-धीरे टूटकर गिर रहा है. बरसात के दिनों में क्लासरूम में छाता लगाकर पढ़ाई करनी पड़ती है. यह गुहार आरएम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चंदा के छात्रों ने मुख्यमंत्री और जिले के उपायुक्त को लगाया है. छात्रों ने मांग की है कि हमारे स्कूल को दुरुस्त किया जाए ताकि पढ़ाई कर सके. दरअसल, हजारीबाग इचाक प्रखंड के आर एम प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय चंदा में पढ़ने वाले छात्र काफी परेशान हैं. मानसून के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. शायद यह जानकर आश्चर्य होगा लेकिन सच्चाई है.

संवाददाता गौरव प्रकाश की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

दरअसल, विद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय है. कंप्यूटर रूम से लेकर क्लासरूम तक सभी छत से पानी टपक रहा है. छाता लगाकर छात्र पढ़ाई करने को मजबूर है. इतना ही नहीं कई जगह से छत टूटकर गिर रहा है, जिसके कारण छात्र चोटिल होने के भय में रहते है. छात्रों का भी कहना है कि बरसात में पढ़ाई में मन नहीं लगता है. दो-तीन दोस्त मिलकर छाता पकड़ते हैं तो पढ़ाई होती है. छात्रों का ध्यान हमेशा छत की ओर लगा रहता है कि कहीं छत का प्लास्टर टूटकर नीचे न गिर जाए.

कहीं रूम जर्जर तो कहीं छत से टपकता पानी

इधर, विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य का कहना है कि 650 बच्चों की पढ़ाई 6 रूम में होती है. विद्यालय में शौचालय की भी समस्या है. बच्चों को खेलने और प्रार्थना के लिए मैदान तक की सुविधा नहीं है. लगभग सभी रूम जर्जर हो रहे हैं. जगह-जगह से पानी टपकता है. उन्होंने बताया कि इस बाबत प्रखंड विकास पदाधिकारी से लेकर जिले के उपयुक्त और जनप्रतिनिधियों को भी आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक किसी ने भी मदद नहीं की.

वहीं, इस पर जिले के उपायुक्त नैंसी सहाय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आपका जरिए जानकारी मिली है. डीएमएफटी फंड से जल्द ही विद्यालय को दुरुस्त किया जाएगा. जहां छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे हैं, वहीं स्कूल की प्रिंसिपल अपनी बेबसी पर दर्द बयां कर रही हैं. उपायुक्त ने आश्वासन तो जरूर दिया है कि विद्यालय दुरुस्त किया जाएगा, जिसका छात्र और शिक्षकों को इंतजार रहेगा.

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