रीवा: नगर निगम रीवा के वार्ड क्रमांक 5 में पार्षद पद के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं. चुनाव की नजदीकियों के साथ भारतीय जनता पार्टी में बगावत शुरू हो गई, जहां पार्टी के कद्दावर नेता अरुण तिवारी मुन्नू ने शनिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मुन्नू के इस्तीफे की खबर जैसे ही शहर में आग की तरह फैली तभी से राजनीतिक गलियारों में भूचाल मच गया. बताया जा रहा है कि दो दिन पहले ही पार्टी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए जिला उपाध्यक्ष बनाया था. मगर उन्होंने इस पद के साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
पार्षदी के उप चुनाव से पहले बीजेपी को झटका
दरअसल, अरुण तिवारी मुन्नू पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अपने वार्ड नंबर 5 में काफी लोकप्रिय भी हैं. जिसके चलते बीजेपी ने 2022 में हुए पार्षद पद के चुनाव के लिए उन्हें अपना कैंडिडेट भी बनाया था. परंतु वहां पर मुन्नू निर्दलीय प्रत्याशी संजू सिंह से हार गए और पार्टी ने बाद में संजू सिंह को बीजेपी में शामिल करके उन्हें पार्टी का पार्षद करार दे दिया. मगर पार्षद कार्यकाल से ठीक एक वर्ष के भीतर ही हृदयगति रुक जाने से रीवा शहर के वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद संजू सिंह का निधन हो गया और उनके निधन के बाद क्षेत्र में उपचुनाव की तैयारी शुरू हुई.
टिकट कटा तो दिया जिला उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा
पार्षद पद के लिए हो रहे उपचुनाव के बीजेपी ने राजीव शर्मा पर अपना दांव लगाया और उन्हें पार्षद का टिकट दे दिया गया. जिसके लिए बीजेपी प्रत्याशी राजीव शर्मा ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया. इसके बाद पार्टी की गतिविधि से नाराज पार्टी के दिग्गज नेता अरुण तिवारी मुन्नू ने पार्टी के जिला उपाध्यक्ष पद और प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया.
मुन्नू को चुनाव चिन्ह में मिला केक
आपको बता दें अब पार्षद पद के लिए हो रहे उपचुनाव में अरुण तिवारी मुन्नू ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. जिसमें उन्हें चुनाव चिन्ह का आवंटन भी हो गया है और वह केक चुनाव चिन्ह लेकर भाजपा प्रत्याशी का सामना करेंगे.
पार्षद उम्मीदवार ने कहा, मेरे लिए जनता सर्वोपरि
पूर्व बीजेपी के जिला उपाध्याय अरुण तिवारी उर्फ मुन्नू ने कहा कि, ''जनता चाहती है कि मैं क्षेत्र में चुनाव लडूं, मगर पार्टी संगठन के पद पर रह कर मैं चुनाव नहीं लड़ सकता, जिसके कारण मैंने त्यागपत्र दिया है. जनता मेरे लिए सर्वोपरी है जो जानता कहेगी वही करेंगे.'' पूर्व बीजेपी नेता ने कहा कि, ''अब मैं चुनावी मैदान में उतर चुका हूं जिसके लिए मैंने नामांकन भी दाखिल कर दिया. आगामी 11 सितंबर को वॉर्ड 5 के लिए उप चुनाव होने है और चुनाव के बाद ही हार और जीत का फैसला होगा.''
जनता का था दबाव, इसलिए चुना इस्तीफे का रास्ता
अरुण तिवारी उर्फ मुन्नू ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि, ''11 सितंबर को वार्ड में उप चुनाव होने वालें हैं. वार्ड की जनता के मंशा अनुसार भारतीय जनता पार्टी से फार्म भरा लेकिन पार्टी ने उन्हे टिकट नहीं दिया. ऐसी स्थिति में जनता का दबाव था क्योंकि लागातार साल 2004 से 2014 तक पार्षद के रूप में काम किये. ऐसे जनता का विश्वास उनके उपर बना हुआ है. जिसके चलते पार्टी के प्रथमिक पदों से इस्तीफा देकर वार्ड की जनता और वार्ड के विकास के लिए इस रास्ते को चुना है.''
इस्तीफे के बाद बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने किया संपर्क
अरुण तिवारी ने कहा कि, ''मैने नामांकन फार्म भारतीय जनता पार्टी से ही फार्म भरा था लेकिन पार्टी ने मुझे इस लायक नहीं समझा यह पार्टी का विषय है लेकिन जनता मेरे लिए सर्वोपरी है और मैं जानता के साथ हूं.'' मुन्नू ने बताया कि, '' इस्तीफा देने के बाद बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने उनसे संपर्क किया लेकिन वह जनता के पक्ष में रहकर ही अब निर्दलीय चुनाव लडे़ंगे.'' अरुण तिवारी ने कहा कि, ''वह बीजेपी में 2005 से अब तक कई बार पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे. 2009 से 2014 तक वॉर्ड क्रमांक 5 से बीजेपी के पार्षद रहे. इसके पूर्व 2004 से 2009 तक इसी वार्ड से वह निर्दलीय चुनाव जीतकर पार्षद बने.''