ETV Bharat / state

हीटवेव प्रबंधन को लेकर उच्च स्तरीय बैठक, लापरवाही पर अधीक्षक की जिम्मेदारी होगी तय : गजेन्द्र सिंह खींवसर - heatwave in Rajasthan

Arrangements regarding heatwave, हीटवेव प्रबंधन को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए.

हीटवेव प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक
हीटवेव प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 28, 2024, 8:28 PM IST

Updated : May 28, 2024, 8:33 PM IST

जयपुर. स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को हीटवेव प्रबंधन को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में मेडिकल कॉलेजों की ओर से हीटवेव प्रबंधन को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई. इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से बचाव और उपचार के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन किया है. हीटवेव प्रबंधन की मॉनिटरिंग के लिए हर अस्पताल पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में पूरा चिकित्सा तंत्र अलर्ट मोड और प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर आमजन को राहत दे. उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी लापरवाही या कमी सामने आती है तो संबंधित अस्पताल अधीक्षक की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

रैपिड रिस्पांस सिस्टम से राहत : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों सहित सभी चिकित्साकर्मी हीटवेव को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर, जांच, दवा एवं उपचार के प्रबंधन में कोई कमी नहीं रहे. अधिकारी निरंतर फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करें. संसाधनों की तात्कालिक उपलब्धता के लिए आरएमआरएस फंड का उपयोग करें या वैकल्पिक उपायों के माध्यम से तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने रैपिड रेस्पांस सिस्टम के माध्यम से रोगियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए.

पढ़ें. भीषण गर्मी के चलते फीडबैक लेने पहुंचे प्रभारी सचिव, अधिकारियों को दिए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश

मौत के आंकड़ों का ऑडिट : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मौतों की भिन्न-भिन्न संख्या मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है, जबकि प्रमाणिक आंकडे़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए जा रहे हैं, जो आईएचआईपी पोर्टल पर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट के बाद चिकित्सा विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. 28 मई तक हीट स्ट्रोक से पांच संदिग्ध मौत के मामले सामने आए हैं. इनमें से एक मौत की पुष्टि हीट स्ट्रोक से पूर्व में की जा चुकी है, जबकि जयपुर, जोधपुर, नागौर एवं उदयपुर में एक-एक मौत की ऑडिट की जा रही है.

जयपुर. स्वास्थ्य भवन में मंगलवार को हीटवेव प्रबंधन को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में मेडिकल कॉलेजों की ओर से हीटवेव प्रबंधन को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई. इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने हीटवेव से बचाव और उपचार के लिए उच्च स्तरीय प्रबंधन किया है. हीटवेव प्रबंधन की मॉनिटरिंग के लिए हर अस्पताल पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. उन्होंने निर्देश दिए कि प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में पूरा चिकित्सा तंत्र अलर्ट मोड और प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम कर आमजन को राहत दे. उन्होंने कहा कि चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर कोई भी लापरवाही या कमी सामने आती है तो संबंधित अस्पताल अधीक्षक की जिम्मेदारी तय की जाएगी.

रैपिड रिस्पांस सिस्टम से राहत : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों सहित सभी चिकित्साकर्मी हीटवेव को लेकर विशेष सतर्कता बरतें. यह सुनिश्चित करें कि अस्पतालों में पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर, जांच, दवा एवं उपचार के प्रबंधन में कोई कमी नहीं रहे. अधिकारी निरंतर फील्ड में जाकर चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण करें. संसाधनों की तात्कालिक उपलब्धता के लिए आरएमआरएस फंड का उपयोग करें या वैकल्पिक उपायों के माध्यम से तुरंत व्यवस्था सुनिश्चित करें. उन्होंने रैपिड रेस्पांस सिस्टम के माध्यम से रोगियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए.

पढ़ें. भीषण गर्मी के चलते फीडबैक लेने पहुंचे प्रभारी सचिव, अधिकारियों को दिए अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश

मौत के आंकड़ों का ऑडिट : चिकित्सा मंत्री ने कहा कि हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. मौतों की भिन्न-भिन्न संख्या मीडिया के माध्यम से सामने आ रही है, जबकि प्रमाणिक आंकडे़ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए जा रहे हैं, जो आईएचआईपी पोर्टल पर उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि हीटवेव से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकडे़ भारत सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट के बाद चिकित्सा विभाग की ओर से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. 28 मई तक हीट स्ट्रोक से पांच संदिग्ध मौत के मामले सामने आए हैं. इनमें से एक मौत की पुष्टि हीट स्ट्रोक से पूर्व में की जा चुकी है, जबकि जयपुर, जोधपुर, नागौर एवं उदयपुर में एक-एक मौत की ऑडिट की जा रही है.

Last Updated : May 28, 2024, 8:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.