नई दिल्ली: जीटीबी अस्पताल में रविवार को दिनदहाड़े वॉर्ड में घुसकर मरीज की हत्या के बाद डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ दहशत में हैं. सोमवार से रेजिडेंट डॉक्टर, नर्सिंग यूनियन और कर्मचारी यूनियन ने भी हड़ताल का ऐलान कर दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, नर्सिंग यूनियन और कर्मचारी यूनियन का कहना है कि जब तक अस्पताल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.
आरडीए अध्यक्ष डॉ. नितेश कुमार ने बताया कि कल मरीज की हत्या की घटना के बाद आज से आरडीए, नर्सिंग यूनियन व कर्मचारी यूनियन ने हड़ताल शुरू कर दी है. हमारी मांग है कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की बहुत जरूरत है. अगर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं की जाती तो डर के माहौल में यहां डॉक्टर और नर्स काम नहीं कर सकते. यह बहुत ही चिंता की बात है कि अस्पताल में खुले तौर पर कोई हथियार लेकर आता है और वह अस्पताल की चौथी मंजिल तक जा कर फायरिंग करके एक भर्ती मरीज की हत्या कर देता है.
फायरिंग के दौरान गोली डॉक्टर को लग सकती थी
हड़ताल पर गए डॉक्टर्स का कहना है कि फायरिंग के दौरान गोली किसी डॉक्टर और नर्स स्टाफ को भी लग सकती थी. ऐसी स्थिति में तो कोई भी अस्पताल में काम करना नहीं चाहेगा. हमारी दिल्ली सरकार और अस्पताल प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर के ठोस कदम उठाएं और डॉक्टर और नर्सों को एक सुरक्षित माहौल दें ताकि अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें.
हड़ताल की घोषणा के बाद सुबह 9 बजे से ही नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर और कर्मचारियों का अस्पताल के असेंबली प्वाइंट पर इकट्ठा होना शुरू हो गया. डॉक्टर्स ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो कल से अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी. उसके बाद सारी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार की होगी. हमने आज इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी हैं और अस्पताल प्रशासन और दिल्ली सरकार को समय दिया है ताकि जल्द से जल्द अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए कदम उठाए जाएं.
अस्पताल पर भ्रष्टाचार के आरोप
अस्पताल कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष ने अस्पताल में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए है. उन्होंने कहा कि यहां सिक्योरिटी गार्ड, नर्सिंग या और किसी भी पद पर होने वाली कॉन्ट्रैक्ट की भर्ती में सभी से पैसे लिए जाते हैं. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. अस्पताल में कार्यरत किसी भी डॉक्टर या स्टूडेंट का कोई भी काम बिना पैसा लिए नहीं किया जाता है. अस्पताल में आए दिन बड़ी-बड़ी चोरियां हो जाती है लेकिन सिक्योरिटी गार्ड से कभी कुछ नहीं पूछा जाता है.
मरीजों की बढ़ी परेशानी
बता दें कि डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और मरीजों की परेशानियां बढ़ना तय हैं. बता दें कि जीटीबी अस्पताल पूर्वी दिल्ली का सबसे बड़ा और दिल्ली सरकार का लोकनायक के बाद दूसरा बड़ा अस्पताल है जिसमें 1700 बेड की व्यवस्था है. अस्पताल की ओपीडी में हर दिन 6 से 7 मरीज इलाज के लिए आते हैं और 100 से ज्यादा मरीज प्रतिदिन भर्ती भी होते हैं. ऐसे में अस्पताल में हड़ताल से चिकित्सा सेवाएं ठप होने पर मरीजों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
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