हल्द्वानी: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 17 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. इसके बाद टनल में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया. सुरंग के फंसे जिंदगियों को बचाने के लिए सरकार ने कई विशेषज्ञों और मशीनरी की मदद ली, लेकिन आखिरकार रैट माइनर्स की तकनीक के चलते सभी जिंदगियों को बचाया जा सका. इतना ही नहीं टनल में फंसे जिंदगियों को बचाने के लिए सरकार ने दिल खोलकर पैसे खर्च किए. जिसका खुलासा आरटीआई में हुआ है.
दरअसल, हल्द्वानी के रहने वाले हेमंत सिंह गोनिया ने आरटीआई यानी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री कार्यालय से उत्तरकाशी टनल हादसे के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में कितने रुपए खर्च किए गए? कौन सी कंपनी टनल का निर्माण कर रही है? आदि जानकारियां मांगी. जिस पर खर्च का ब्यौरा और जानकारी दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि सुरंग की लंबाई 4.859 किलोमीटर है. जिसकी अनुमानित लागत 1383.78 करोड़ रुपए है. जिसे 853.79 करोड़ में हैदराबाद की कंपनी को दी गई है.
13 सरकारी विभागों ने खर्च किए 65.41 लाख रुपए, 5.49 करोड़ रुपए कंपनी के खर्च हुए: वहीं, आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी के अनुसार सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए 13 सरकारी विभागों ने 65,41,922.00 यानी पैंसठ लाख इकतालीस हजार नौ सौ बाइस रुपए खर्च किए. वहीं, पूरे ऑपरेशन में संबंधित कंपनी अब तक ने 5,49,94,737 यानी पांच करोड़ उनचास लाख चौरानवे लाख सात सौ सैंतीस रुपए खर्च कर चुकी है.
इन विभागों ने खर्च किए रुपए: लोक सूचना अधिकारी ने अपर जिलाधिकारी उत्तरकाशी की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट को जवाब के रूप में अटैच किया है. जिसमें बताया है कि जल संस्थान उत्तरकाशी ने 18.76 लाख, ऊर्जा निगम उत्तरकाशी ने 14.7 लाख, जिला पूर्ति अधिकारी उत्तरकाशी ने 4.90 लाख, तहसीलदार चिन्यालीसौड़ ने 3.39 लाख, एसडीएम डुंडा ने 9.21 लाख रुपए खर्च किए हैं.
इसी तरह प्रभागीय लौगिंग प्रबंधक उत्तरकाशी ने 43 हजार रुपए, जिला समाज कल्याण अधिकारी उत्तरकाशी ने 1.20 लाख, आईटीबीपी 12वीं वाहिनी मातली उत्तरकाशी ने 41 हजार, अधिशासी अभियंता यूजेवीएनएल लिमिटेड उत्तरकाशी ने 2.17 लाख, आपदा प्रबंधन अधिकारी उत्तरकाशी ने 2.12 लाख और जिला कार्यालय उत्तरकाशी ने 5.90 लाख रुपए खर्च किया है.
क्या था सिलक्यारा टनल हादसा: गौर हो कि 12 नवंबर की सुबह सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा ढह जाने से 41 मजदूर अंदर ही फंस गए थे. जिन्हें निकालने के रेस्क्यू अभियान चलाया गया, लेकिन शुरुआती दौर में कोई कामयाबी नहीं मिली. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स को बुलाया गया. आखिरकार 28 नवंबर को रैट माइनर्स की मदद से सभी मजदूरों का रेस्क्यू किया गया. सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए 17 दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला था.
ये भी पढ़ें-
- दुनिया के लिए नजीर बनेगा उत्तरकाशी टनल हादसा, रेस्क्यू ऑपरेशन पर तैयार होगा लिटरेचर, NDMA ने मांगी डिटेल
- उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन में 41 जिंदगियां बचाने वाले 'रैट माइनर्स' को CM धामी ने किया सम्मानित, डिक्स ने कही ये बड़ी बात
- उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद बदल जाएगी सिलक्यारा की तस्वीर, मिलेगी पहचान, बढ़ेगा धार्मिक पर्यटन
- सिलक्यारा, ऑगर, रैट माइनिंग...वो नाम जिनको उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन ने दी पहचान, क्या आपने पहले सुने थे?
- उत्तराखंड में आपदा और आस्था का क्या है कनेक्शन, यहां विज्ञान को भक्ति से मिलता है बल, पढ़िए खबर