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MTFE क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के 44 लाख रुपए भारत वापस लाई रतलाम पुलिस, हजारों निवेशकों से हुई करोड़ों की ठगी - Ratlam MTFE App Scam

मध्य प्रदेश में पहली बार धोखाधड़ी का पैसा भारत लाया गया है. एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि निवेशकों के 108 अलग-अलग करेंसी में जमा करीब 44 लाख रुपए विदेश से रिकवर करने में सफलता प्राप्त की है.

RATLAM MTFE APP SCAM
MTFE क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के 44 लाख रुपए भारत वापस लाई रतलाम पुलिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 7:37 PM IST

रतलाम। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई निवेशकों के करोड़ों रुपए हजम करने वाली क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग कंपनी एमटीएफई के करोड़ों के घोटाले का बीते साल रतलाम पुलिस ने खुलासा किया था. इसके बाद अब रतलाम पुलिस ने इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर निवेशकों के 108 अलग-अलग करेंसी में जमा करीब 44 लाख रुपए रिकवर करने में सफलता प्राप्त की है. इसके लिए रतलाम पुलिस ने प्रयास कर क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर एक शासकीय फॉरेन करेंसी अकाउंट खुलवा कर अलग-अलग करेंसी में 44 लाख रुपए बरामद किए हैं.

44 लाख रुपए भारत वापस लाई रतलाम पुलिस (ETV Bharat)

रतलाम पुलिस अब इस फर्जी एमएलएम कंपनी के मुख्य सरगना इनाकू पेमे और मर्सी पेमे की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. दोनों ही आरोपी मणिपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने पोंजी स्कीम में निवेशकों को फंसा कर उनके रुपए अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खुलवाकर जमा किए थे. एमटीएफई का नेटवर्क केवल मध्य प्रदेश और राजस्थान में ही नहीं बल्कि श्रीलंका, पाकिस्तान मलेशिया और सिंगापुर में भी फैला हुआ था. भोले-भाले लोगों को MTFE में पैसे लगाकर 10 से 20 फीसदी मासिक रिटर्न का लालच देकर इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग ऐप शुरू कर दिया था.

कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा

सबसे पहले अगस्त 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के संज्ञान में आया तो इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस पूछताछ में हुजैफा ने बताया कि 'इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है. रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरंसी में लगाया गया था. बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस ने जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के 55 लाख रुपए वापस लाने के प्रयास शुरू किए. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया गया और MTFE के अकाउंट को फ्रीज करवाया गया.

कैसे हुई ठगी

क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखा कर निवेशकों को इस पोंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है. जब मुनाफे का पैसा वापस लेने का समय आया तो इस फर्जी कंपनी का भंडाफोड़ हो गया.

यहां पढ़ें...

विदेशों तक फैला है क्रिप्टो ट्रेडिंग फर्जी कंपनी MPTFE का कारोबार, रतलाम पुलिस ने फ्रीज करवाया अकाउंट

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से पहले सावधान, भोपाल में करोड़ों की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

44 लाख रुपए किए बरामद

बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस घोटाले में रतलाम पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए निवेशकों के क्रिप्टोकरंसी में फंसे हुए लाखों रुपए वापस दिलवाने के लिए स्पेन स्थित क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाईनेंस संपर्क कर 44 लाख रुपए बरामद करने में सफलता भी प्राप्त की है. वहीं, इस कंपनी के मास्टरमाइंड की तलाश नेपाल और मणिपुर में की जा रही है.

रतलाम। मध्य प्रदेश और राजस्थान के कई निवेशकों के करोड़ों रुपए हजम करने वाली क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग कंपनी एमटीएफई के करोड़ों के घोटाले का बीते साल रतलाम पुलिस ने खुलासा किया था. इसके बाद अब रतलाम पुलिस ने इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर निवेशकों के 108 अलग-अलग करेंसी में जमा करीब 44 लाख रुपए रिकवर करने में सफलता प्राप्त की है. इसके लिए रतलाम पुलिस ने प्रयास कर क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क कर एक शासकीय फॉरेन करेंसी अकाउंट खुलवा कर अलग-अलग करेंसी में 44 लाख रुपए बरामद किए हैं.

44 लाख रुपए भारत वापस लाई रतलाम पुलिस (ETV Bharat)

रतलाम पुलिस अब इस फर्जी एमएलएम कंपनी के मुख्य सरगना इनाकू पेमे और मर्सी पेमे की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. दोनों ही आरोपी मणिपुर के रहने वाले हैं. जिन्होंने पोंजी स्कीम में निवेशकों को फंसा कर उनके रुपए अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज में अकाउंट खुलवाकर जमा किए थे. एमटीएफई का नेटवर्क केवल मध्य प्रदेश और राजस्थान में ही नहीं बल्कि श्रीलंका, पाकिस्तान मलेशिया और सिंगापुर में भी फैला हुआ था. भोले-भाले लोगों को MTFE में पैसे लगाकर 10 से 20 फीसदी मासिक रिटर्न का लालच देकर इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फर्जी क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग ऐप शुरू कर दिया था.

कैसे हुआ करोड़ों की ठगी का खुलासा

सबसे पहले अगस्त 2023 में रतलाम के जावरा पुलिस थाने में कुछ शिकायतकर्ताओं ने एमएलएम बिजनेस कंपनी एमटीएफई के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें उनके द्वारा कंपनी में निवेश किए जाने और रुपए डूब जाने की शिकायत की गई थी. मामला जब रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के संज्ञान में आया तो इस मामले की गहराई से जांच की गई. इस क्षेत्र में कंपनी चला रहे नीमच निवासी हुजैफा जमाली और उसके अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस पूछताछ में हुजैफा ने बताया कि 'इस कंपनी को वेंडी नाम की एक विदेशी महिला चला रही है. रतलाम पुलिस की जांच में यह मामला क्रिप्टो करंसी ट्रेडिंग का सामने आया. पकड़े गए आरोपियों द्वारा निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरंसी में लगाया गया था. बाद में इस फर्जी कंपनी के तार बैंगलोर, श्रीलंका, मलेशिया और सिंगापुर से जुड़े होना पाया गया. रतलाम पुलिस ने जिले के अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के 55 लाख रुपए वापस लाने के प्रयास शुरू किए. जिसके लिए क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाइनेंस से संपर्क किया गया और MTFE के अकाउंट को फ्रीज करवाया गया.

कैसे हुई ठगी

क्रिप्टो में निवेश करने और कुछ दिनों में ही रुपए डबल हो जाने का लालच दिखा कर निवेशकों को इस पोंजी स्कीम से जोड़ा गया. एमटीएफई ने श्रीलंका क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 का स्पॉन्सर बनकर और प्रचार-प्रसार दिखाकर लोगों का भरोसा जीता. इसके बाद अलग-अलग क्षेत्र में कंपनी ने अपने एजेंट बनाए और क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन अकाउंट खोलने शुरू किए. कुछ दिनों तक निवेशकों को उनके बढ़ते हुए रुपए भी फर्जी ऑनलाइन अकाउंट पर दिखाए गए. रुपए डबल होने की उम्मीद में छोटा-मोटा काम करने वाले लोग अपनी सारी पूंजी लगाते चले गए. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस फर्जी कंपनी में देश में करीब 10 लाख से ज्यादा लोगों के एकाउंट है. जब मुनाफे का पैसा वापस लेने का समय आया तो इस फर्जी कंपनी का भंडाफोड़ हो गया.

यहां पढ़ें...

विदेशों तक फैला है क्रिप्टो ट्रेडिंग फर्जी कंपनी MPTFE का कारोबार, रतलाम पुलिस ने फ्रीज करवाया अकाउंट

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने से पहले सावधान, भोपाल में करोड़ों की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

44 लाख रुपए किए बरामद

बहरहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस घोटाले में रतलाम पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए निवेशकों के क्रिप्टोकरंसी में फंसे हुए लाखों रुपए वापस दिलवाने के लिए स्पेन स्थित क्रिप्टो करंसी एक्सचेंज बाईनेंस संपर्क कर 44 लाख रुपए बरामद करने में सफलता भी प्राप्त की है. वहीं, इस कंपनी के मास्टरमाइंड की तलाश नेपाल और मणिपुर में की जा रही है.

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